DEHRADUNUttarakhand

Dehradun : RTO- नाबालिग को दे रहे हो गाड़ी तो हो जाओ सावधान

वैसे तो भारत में यातायात नियमों के अनुसार, वैध ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने की न्यूनतम आयु 18 वर्ष है. लेकिन, सड़कों पर अक्सर किशोरों को टू व्हीलर और फोर व्हीलर चलाते हुए सहज ही देखा जा सकता है. ऐसा करके कम उम्र में वाहन चलाने का अपराध तो किया ही जाता है साथ ही ये किशोर भी वाहन चलाते समय नियमों की जमकर अनदेखी करते हैं. ऐसे ज्यादातर नाबालिक ड्राइवर स्कूल जाने वाले बच्चे होते हैं.

सुनिए ज़ुबानी…

हालांकि, कम उम्र में ड्राइविंग के मनाही के संदर्भ में स्कूलों को भी दिशानिर्देश भेजे जाते हैं, लेकिन फिर भी इन बच्चों पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिलता है. इन बच्चों को यह समझा पाना मुश्किल होता है कि वे ऐसा करके खुद की जान जोखिम में डाल रहें हैं. इसीलिए इस मुद्दे की सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनके माता-पिता की होती है और उन्हें ही बच्चों की इन हरकतों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है.

यदि आपके बच्चे की उम्र 18 वर्ष से कम है, तो उसे अपने मोटरसाइकिल अथवा गाड़ी की चाबियां बिल्कुल भी न सौंपें. ऐसा किसी भी माता पिता के लिए सोचना मुमकिन नहीं होगा कि उसका बच्चा दुर्घटना का शिकार हो जाए. तो ऐसी स्थिति में उनका क्या हाल होगा. इस स्थिति में आप वाहन के बीमा के लिए क्लेम भी नहीं कर पाएंगे क्योंकि कोई भी बीमा पॉलिसी की सेवाएं नाबालिकों के ड्राइविंग पर लागू नहीं होती. इसलिए आपको अपने वाहन के बीमा का भी कोई लाभ नहीं मिल सकेगा.

Related Articles

Back to top button
Translate »