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निर्णय सरकार लेती है, ब्यूरोक्रेसी नहीं : त्रिवेंद्र रावत

मुख्यमंत्री ने सरकार पर लग रहे आरोपों का दिया सीधा जवाब 

सरकार ब्यूरोक्रेसी से गलत और असंवैधानिक काम करने को नहीं कहती 

ब्यूरोक्रेसी का काम मंत्री को बताने का और उस पर निर्णय मंत्री अथवा मंत्रिमंडल को होता है करना

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ब्यूरोक्रेसी सरकार की नहीं सुन रही के सरकार पर लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि आपकी दिशा सही होनी चाहिए आपकी बात तो उनको सुननी ही पड़ेगी निर्णय सरकार लेती है, निर्णय ब्यूरोक्रेसी नहीं लेती है  उन्होंने कहा नौकरशाही का काम है की वे  यह देखें कि काम नियमानुसार है या नहीं।  उन्होंने कहा ब्यूरोक्रेसी का काम मंत्री को बताने का है और उस पर  निर्णय मंत्री अथवा मंत्रिमंडल को करना होता है। उन्होंने कहा मेरे सामने आजतक ऐसी कोई दिक्क्त नहीं आयी और हमारा काम जो होना होता है वह होता है क्यूंकि हम नौकरशाहों से गलत और असंवैधानिक काम करने को नहीं कहते है।

मुख्यमंत्री रावत शनिवार को यहां एक चैनल के कार्यक्रम में सवालों का जवाब दे रहे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा हमें कार्यसंस्कृति बदलने का प्रयास किया है।  उन्होंने कहा जहाँ पर टाइम लाइन पर काम हो सकता है हम टाइम लाइन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने देहरादून में  फ्लाई ओवर्स और टनल का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान ये सभी कार्य जहाँ समय से पहले पूर्ण हुए है वहीं इनपर लगने वाली लागत में भी करोड़ों की कमी हुई है। 

उन्होंने कहा हमारा विभागों को स्पष्ट निर्देश है कि जो काम करने का दिन तय होता है तो उसका समापन अथवा लोकार्पण का दिन भी निश्चित हो। उन्होंने कहा हमने निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि केवल आठ घंटे के बजाय अब हमें तीन शिफ्टों में काम करना होगा इससे जहां कार्य तेज़ी से हो पाएंगे वहीँ निर्माण लगत में भी कभी आएगी। उन्होंने कहा हमारे पास सस्ती बिजली है और बिजली की कोई कमी भी नहीं इसलिए हम दिन रात काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा हमने सौंग नदी पर बनने वाले बांध के निर्माण को लेकर भी 24 घंटे काम करने के निर्देश दिए हैं और उसी हिसाब से प्लानिंग भी करने को कहा है। इससे जहां निर्माण कार्य समय पे पूर्ण होंगे और निर्माण एजेंसी को भी लाभ होगा और जनता को भी जल्दी सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के विकास में पिछले ढ़ाई साल में कई प्रतिमान स्थापित किये गये हैं। इसके मजबूत आधार भी तैयार किये गये हैं। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया गया है। जीरो टॉलरेस की हमारी नीति है, जिसपर हम चल रहे है। जनता के सामने हमारा यह संकल्प है। हमारी निगाह बेनामी सम्पत्ति पर भी है। राज्य में कोई भ्रष्टाचार की हिमायत न कर सके इस पर हमारी सत्त निगाह है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार शीर्ष से शुरू होता है। यदि स्रोत शुद्व होगा तो नदी भी शुद्व होगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज राज्य की प्रति व्यक्ति आय 1.98 लाख है। हमारा प्रयास बागेश्वर, चमोली, उत्तरकाशी जैसे पर्वतीय जनपदों की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी का प्रयास है। इसके लिए पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यहां के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ उन्हें चेनलाइज कर मार्केटिंग की व्यवस्था की जा रही है। हमारा प्रयास न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना कर 670 नई टाउन शिप स्थापित करने का है।

उन्होंने पलायन आयोग का गठन कर इसकी जमीनी हकीकत की जानकारी प्राप्त की गई है। आयोग द्वारा 70 प्रतिशत गांवों का भ्रमण कर शत् प्रतिशत गांवो की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। अब रिवर्स पलायन की दिशा में भी पहल हो रही है, लाग अपने गांवों की ओर लौट रहे है। चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के साथ ही तमाम शहरों के लिये बेहतर कनेक्टिविटी से समग्र विकास के नये आयाम स्थापित हो रहे हैं। विभिन्न उद्यमों में निवेश के भी प्रस्ताव राज्य को प्राप्त हो रहे हैं। सड़कों के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी व्यापक पहल की गई है। 2300 डॉक्टरो की तैनाती की गई है। इस दिशा में टैक्नालोजी का भी सहारा लिया गया है। मेडिकल कॉलेजों में स्थायी फेकल्टी की तैनाती के साथ ही हमारा प्रयास 9 नवंबर तक प्रत्येक 10 कि0मी0 पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में गंगाजल की शुद्वता की नीरी ने भी पुष्टि की है। गंगा की निर्मलता एंव गंगत्व को बचाने के हमारे प्रयास जारी है। 2020 तक प्रदेश से सभी नालो को गंगा से प्रवाहित होने से रोक दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में विकास में केन्द्र सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है। प्रदेश की विभिन्न योजनाओं के लिए केन्द्र द्वारा 22 हजार करोड़ की धनराशि दी जा रही है। भूजल स्तर को बढ़ाने तथा देहरादून, हल्द्वानी जैसे शहरों को ग्रेविटी आधारित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जमरानी व सौंग जैसे बांधो का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा हमारे जीन में है। प्रकृति से हमारा जुड़ाव है। पर्यटन को राज्य में उद्योग का दर्जा दिया गया है। लगभग 200 फिल्मों व सीरियल की यहां शूटिंग हुई है। बड़ी संख्या में फिल्मकार राज्य के प्रति आकर्षित हुये हैं। निर्माण कार्यों में शिफ्ट बढ़ायी जा रही है। लम्बित योजनाओं के लिए एक मुस्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है। डोबरा चांटी पुल तथा लैन्सडाउन की पेयजल योजना इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के प्रति हमारी दिशा व सोच सकारात्मक है। यदि सोच सही हो तो कार्यों के बेहतर परिणाम भी सामने आते है।

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