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बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान लागू करने की बात पर छिड़ी बहस
ध्वंस के बाद नए निर्माण से बद्रीनाथ अपने प्राचीन व ऐतिहासिक स्वरूप को खो देगा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : प्रदेश सरकार द्वारा बद्रीनाथ धाम की तस्वीर बदलने की बात कही जा रही है। इस मास्टर प्लान को लेकर उत्तराखंड के लोगों की तरह-तरह की राय सामने आ रही है। अधिकांश लोगों का कहना है कि बद्रीनाथ धाम को अतिक्रमण मुक्त किये जाने की आवश्यकता लम्बे समय से महसूस हो रही थी, लोगों ने केदारनाथ धाम का उदाहण देते हुए कहा कि आज वह पहले से अलौकिक लगता है जबकि आपदा से पूर्व धाम के मंदिर को श्री बदरीनाथ धाम की तर्ज पर अतिक्रमणकारियों ने पूरी तरह अपनी आगोश में ले लिया था। आपदा के बाद केदारनाथ का जो स्वरूप निकलकर सामने आया है उससे मंदिर की दिव्यता और भव्यता अलग ही नज़र आती है। अधिकाँश श्रद्धालुओं का मत है कि श्री बद्रीनाथ धाम अर्थात भूलोक के वैकुण्ठ में प्रस्तावित परिवर्तन अपेक्षित है और सरकार का यह स्वागतयोग्य कदम है।
प्रस्तावित मास्टर प्लान में बदरीनाथ मंदिर के अगल-बगल के भवनों को हटाकर चारों तरफ खुला स्थान रखने पर जोर दिया गया है ताकि, श्रद्धालुओं को आने-जाने की सुविधा मिले और श्रद्धालु आराम से बदरीनाथ मंदिर को निहार सकें। वहीं इस मास्टर प्लान में यात्रियों की आवाजाही के लिए वन वे प्लान बनाया गया है ताकि भीड़ से श्रद्धालुओं को परेशानी न हो वहीं बदरी तालाब व शेषनेत्र तालाब के सौंदर्यीकरण सहित मंदिर तक पहुँचने के लिए एक अतिरिक्त पुल व सौंदर्य के लिए कई अन्य कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर