बिग ब्रेकिंग : अलर्ट जोशीमठ के पास तपोवन में ग्लेशियर से बांध टूटा
बिग ब्रेकिंग : सावधान सावधान अलर्ट
150 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर
जोशीमठ बांध टूटा गंगा अलकनंदा के किनारे हरिद्वार तक सावधान हो जाएं । प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुत विकराल रूप में आ रहा सैलाब ।
सावधान अलर्ट जोशीमठ बांध टूटा गंगा अलकनंदा के किनारे हरिद्वार तक सावधान हो जाएं । प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुत विकराल रूप में आ रहा सैलाब ।
[videopress nA2tEs3P]जोशीमठ : उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी पर रेणी की तरफ से हिमखंड के आ जाने से पावर प्रोजेक्ट के डैम का एक हिस्सा टूट गया है। जिससे अलकनंदा नदी में प्रवाह बढ़ गया है। सूचना पर जिला प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर रवाना हो गई है। घटना के बाद ऋषिकेश, हरिद्वार सहित मैदानी इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। डैम टूटने से अलकनंदा नदी का जल प्रवाह अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। अभी किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है लेकिन प्रशासन अलर्ट मोड पर है। बता दें कि जोशीमठ से आगे नीति मार्ग पर निजी कंपनी का ऋषिगंगा नदी पर पावर प्रोजेक्ट है, यहां करीब 24 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
Am constantly monitoring the unfortunate situation in Uttarakhand. India stands with Uttarakhand and the nation prays for everyone’s safety there. Have been continuously speaking to senior authorities and getting updates on NDRF deployment, rescue work and relief operations.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 7, 2021
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी राजधानी के सभी कार्यक्रमों को छोड़कर घटनास्थल की तरफ रवाना हो गए हैं। उन्हाेंने आपदा प्रबंधन को भी मौके पर भेजा है।उनके साथ में सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरूगेशन भी घटनास्थल पर रवाना हुए हैं।
[videopress jw1dYJRO]वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने बताया है कि राज्य सरकार ने अलर्ट जारी कर हालात पर काबू पा लिया गया है। अलकनंदा नदी पर श्रीनगर में बने बांध से पानी को छोड़ने की निर्देश दिए गए हैं ताकि बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके। जबकि देवप्रयाग में भागीरथी के पानी को रोकने के लिए टिहरी डैम से पानी को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।
NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से Airlift करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं। हम वहाँ की स्थिति को निरंतर मॉनिटर कर रहे हैं। https://t.co/BVFZJiHiWY
— Amit Shah (@AmitShah) February 7, 2021
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने प्रदेश की जनता और खासकर मीडिया से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों में ध्यान न दें। वहीं दूसरी तरफ, गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से चमोली घटना पर जानकारी ली है और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर संतोष व्यक्त किया है।
मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूँ – मेरी सभी से विनती है कि कृपया कोई भी पुराने video share कर panic ना फैलाएँ। स्थिति से निपटने के सभी ज़रूरी कदम उठा लिए गए हैं । आप सभी धैर्य बनाए रखें।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
घटना के बाद राजधानी देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज में कई बेड्स को आरक्षित कर दिया गया है। देहरादून के वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के तीन ग्लेशियर वैज्ञानिकों की टीम चमोली जाएगी। टीम में डॉ मनीष मेहता, डॉ विनीत कुमार, डॉ समीर कल सुबह धौलीगंगा ग्लेशियर की पड़ताल को जा रहे हैं। टीम लंबे समय से धौलीगंगा, द्रोणागिरी, रेणी गांप के ग्लेशियर पर काम कर रही है।
राहत की खबर ये है कि नंदप्रयाग से आगे अलकनंदा नदी का बहाव सामान्य हो गया है। नदी का जलस्तर सामान्य से अब 1 मीटर ऊपर है लेकिन बहाव कम होता जा रहा है। राज्य के मुख्य सचिव, आपदा सचिव, पुलिस अधिकारी एवं मेरी समस्त टीम आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नज़र रख रही है। pic.twitter.com/MoY3LX49rF
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
तपोवन से मिली जानकारी के मुताबिक पहाड़ी से ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर डैम पर गिरने से डैम का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने से डैम का पानी तेजी से धौली गंगा से होकर विष्णुप्रयाग में अलकनंदा नदी में जाने लगा है। जिससे अलकनंदा नदी का प्रवाह बढ़ने पर केंद्रीय जल आयोग ने अलकनंदा और गंगा पर बनी अपनी सभी चौकियों को अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि ऋषिकेश तथा हरिद्वार में यह पानी 6 से 7 घंटे के भीतर पहुंच सकता है।
अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) February 7, 2021
तपोवन से मिली जानकारी के अनुसार बैराज के पूरी तरह से ध्वस्त हो जाने की घटना के बाद से कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ने से अलर्ट जारी हो गया है। पुलिस व एसडीआरएफ की टीमें नदी किनारे की बस्तियों को लाउडस्पीकर से अलर्ट करने के साथ ही खाली कराने में जुट गई है। ऋषिकेश में भी गंगा नदी से बोट राफ्टिंग संचालकों को हटाया जा रहा है।
चमोली में प्राकृतिक आपदा और नदी का जल स्तर तेज़ी से बढ़ने की सूचना पर मैंने मुख्यमंत्री श्री @tsrawatbjp से बात की है। वरिष्ठ अधिकारियों के निरंतर सम्पर्क में हूँ। राहत बचाव कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। मैं घटना में प्रभावित लोगों की कुशलता की ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ।
— Baby Rani Maurya(modi ka parivar) (@babyranimaurya) February 7, 2021
मामले को गंभीरता से लेते हुए श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को झील का पानी कम किया जा रहा है ताकि अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने पर अतिरिक्त पानी छोड़ने में दिक्कत न हो। श्रीनगर पुलिस ने नदी किनारे बस्तियों में रह रहे लोगों से सुरक्षित स्थानों में जाने की अपील कर रही हैं। साथ ही नदी में काम करने वाले मजदूरों को भी हटा दिया गया है।
[videopress zUWY2ADL]चमोली के जिला प्रशसान के अनुसार ग्लेशियर फटने से काफी नुकसान की सूचना आ रही है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर रवाना हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। मुख्यमंत्री घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण करने के साथ ही चमोली जिले के सभी अधिकारियों की आपात बैठक बुला सकते हैं।