UTTARAKHAND
वीडियोः मुख्यमंत्री के आशीर्वचन से खुश हैं कोरोना वारियर्स मनस्विनी और यशस्विनी
समाजसेवी शशि भूषण मैठानी ने दोनों बेटियों के साथ कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में तीन हजार से अधिक परिवारों को राशन और आवश्यक वस्तुएं कराई मुहैया
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वीडियो संदेश में समाज सेवी शशि भूषण मैठाणी और विशेषकर उनकी पुत्रियों मनस्विनी और यशस्विनी का जिक्र करते हुुए कोरोना संक्रमण के समय जनसेवा के लिए उनके अभियान की प्रशंसा की है। शशि भूषण मैठाणी ‘पारस’ सामाजिक क्षेत्र में चिर-परिचित व्यक्तित्व हैं। निरंतर अपनी क्षमताओं से और मित्रों के सहयोग से समाज में लगभग ढाई दशक से सक्रिय हैं।
[videopress Pj84965S]निस्वार्थ भाव के साथ काम करना और प्रचार की लालसा के साथ काम करने में बहुत अंतर होता है। जहां पूरी दुनिया कोरोना के प्रकोप से जूझ रही है, वहीं मानवता के रक्षक दिनरात जनता की सेवा में जुटे हैं। उत्तराखंड की कला, संस्कृति और परंपराओं के प्रोत्साहन, तीज त्यौहार तथा लुप्त होती परंपराओं के पुनर्जीवन में उनकी सक्रियता भी किसी से छिपी नहीं है ।
उनके द्वारा स्थापित ‘यूथ आइकन वाईआई नेशनल अवार्ड’ भी इसलिए महत्वपूर्ण है कि वह सुपात्रों को ही दिया जाता है। जबकि प्रतिवर्ष उसका आयोजन करने में मैठाणी को बहुत परिश्रम करना पड़ता है।
मैठाणी अपनी पुत्रियों मनश्विनी और यशस्विनी के साथ हर मोर्चे पर दिखाई देते हैं। दोनों बेटियां उनकी दो आंखें, दो हाथ बनकर उनका मनोबल बढ़ाती हैं । उनकी पत्नी तनुश्री भी इन सभी अभियानों की मेरुदंड होती हैं।
शशि भूषण मैठाणी सर्दियों भर हर वर्ष जरूरतमंदों को समौण इंसानियत की मुहिम के तहत गर्म कपड़े बांटते रहे। गंदगी के खिलाफ रंगोली आंदोलन और भिक्षावृत्ति के खिलाफ समौण में कुट्यारी स्वाभिमान की, के तहत रचनात्मक आंदोलन समाज को जागृत करने के लिए चलाते रहते हैं ।
हाल ही इस कोरोना काल में अपनी दोनों बेटियों के साथ कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में तीन हजार से अधिक परिवारों को 10 – 10 किलो राशन और आवश्यक वस्तुएं मुहैया कराते रहे, लेकिन उन्हें किसी ने कोरोना वॉरियर्स जैसा प्रमाण पत्र नहीं दिया और दिया भी नहीं जाना चाहिए, क्योंकि जिन्हें दिया जा रहा है उनमें और मैठाणी में जमीन आसमान का अंतर है।
कोरोना वारियर्स के सर्टिफिकेट बांटने वाले भी कुकुरमुत्तों की तरह उग आए हैं। जब कोरोना वारियर्स का सर्टिफिकेट ऐसे लोगों का दिए जाने की सूचना मिलती है, जिन्होंने कुछ किया ही नहीं, तो बहुत दुख होता है।
शशि भूषण मैठाणी पारस व उनकी दोनों बेटियों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार रहा राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का वह वीडियो संदेश जिसमें उन्होंने शशि भूषण मैठाणी का विशेषकर उनकी पुत्रियों मनस्विनी और यशस्विनी का जिक्र करके मैठाणी के अभियान की प्रशंसा की है ।
निःसन्देह शशि भूषण व उनकी पुत्रियां इसके हकदार भी हैं क्योंकि उनका नि:स्वार्थ अभियान और उनकी रचनात्मक तथा आशावादी पत्रकारिता उन्हें सबसे अलग खड़ा करती है ।