विपक्षी दलों व संगठनों ने वर्चुअल रैली के जरिए उठाई आवाज
देवभूमि मीडिया ब्यूरो। वर्चुअल रैली द्वारा सैकड़ों लोगों ने कोरोना महामारी और लॉक डाउन को ले कर सरकार की नाकामी और अमानवीय नीतियों के खिलाफ आवाज उठायी। राज्य के हर क्षेत्र और हर तबके के लोग रैली में जूम एप्प द्वारा जुड़े थे। उनके साथ राज्य के सात विपक्षी दलों के नेता, विभिन्न जन संगठनों के प्रतिनिधि, वरिष्ठ बुद्धिजीवी और पत्रकार, और अन्य लोग भी शामिल रहे।
वर्चुअल रैली में सरकार कि नीतियों और नाकाफी कदमों पर आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकार स्वास्थ और राहत, दोनों मोर्चों पर आज तक पूरी तरह से नाकाम रही है। आज तक मरीजों को खुद ऑक्सीजन या दवाओं को ढूंढ़ना पड़ रहा है। आज तक स्वास्थ कर्मियों के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। राज्य के मजदूर, ड्राइवर, होटल कर्मचारी, लौटे हुए युवा, और अन्य गरीब परिवार सब बेरोजगार होने के बावजूद सरकार ने न उनको एक पैसे कि मदद की न उनकी सुरक्षा और रोजगार के लिए कोई कदम उठाए।
आयोजित वर्चुअल रैली में उठी ये मांगे कि हर जनपद में एक कण्ट्रोल रूम बनाया जाये, जिसके पास अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, टेस्ट और एम्बुलेंस की सही जानकारी हो, आईसीयू वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगाने, मोहल्लों में टीकाकरण केंद्र बनाने, बिना राशन कार्ड धारकों को मुफ्त राशन देने, पानी व बिजली बिल माफ करने, युवाओं को रोजगार देने, छोटे कामगारों को 7500 रुपये की आर्थिक सहायता देने और स्कूलों की फीस में 25 फीसदी की कटौती करने की मांग की । राज्य में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्करों के वेतन को तुरंत बढ़ाया जाये। उनको PPE किट उपलब्ध करवाने की व्यवस्था बनाई जाये। राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए स्वास्थ्य और जीवन बीमा योजनाओं को सरकार तुरंत लागू करे। जिस किसी भी मरीज को कोरोना जैसे लक्षण आ रहे हैं, उनका इलाज निशुल्क होना चाहिए।
राजनैतिक दलों की और से किशोर उपाध्याय, पूर्व राज्य अध्यक्ष,समर भंडारी, राज्य सचिव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टीय डॉ सत्यनारायण सचान, राज्य अध्यक्ष, समाजवादी पार्टीय इंद्रेश मैखुरी, गढ़वाल सचिव, अध्यक्ष उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, राकेश पंत, राज्य संयोजक, तृणमूल कांग्रेस, उत्तराखंड क्रांति दल का सतीश काला, और उत्तराखंड क्रांति दल (डेमोक्रेटिक) के संरक्षक पीसी जोशी शामिल रहे।