पलायन पर जनपदों के भविष्य की कार्ययोजना हो तैयार :सीएम
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पलायन को रोकने के लिए जिन जनपदों का सर्वे हो चुका है। उन जनपदों के भविष्य की कार्ययोजना भी तैयार किया जाए। पलायन को किस प्रकार नियंत्रित कर रिवर्स माईग्रेशन की संभावनाओं के लिए सुनियोजित आधार तैयार किये जाएं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग उत्तराखण्ड द्वारा जनपद पिथौरागढ़ का विश्लेषण कर पलायन को कम करने से सम्बन्धित रिपोर्ट का विमोचन कर रहे थे । इस रिपोर्ट में जनपद पिथौरागढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने एवं पलायन के कम करने के उपायों पर सुझाव दिये गये हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आयोग द्वारा जनपदवार किये जा रहे विश्लेषण एवं अर्थव्यवस्था, आजीविका सुधार तथा स्वरोजगार सृजन के अवसरों से सम्बन्धित सुझाव निश्चित रूप से सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि पलायन प्रभावित जनपदों के विकास हेतु विभिन्न विभागों को संयुक्त कार्ययोजना तैयार करने पर भी ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए इन क्षेत्रों को किस प्रकार विकसित किया जा सकता है इस पर भी गहन अध्ययन किया जाए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन को रोकने व रिवर्स माइग्रेशन के लिए विशेषज्ञों व विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले बुद्धिजीवी वर्ग से भी सुझाव लिये जाने चाहिए।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष श्री एस.एस. नेगी ने कहा कि सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ करने व पलायन को कम करने के लिए राज्य के विभिन्न जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर विशेषज्ञों व स्थानीय लोगों के साथ विचार विमर्श किया गया। विभिन्न विश्वविद्यालयों व संस्थानों पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन पर अंकुश लगाने के लिए विषय विशेषज्ञों व छात्रों के भी सुझाव लिये गये। शासन स्तर पर भी बैठकें आयोजित की गई।