सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस,प्रदेश सरकार के निर्णय के खिलाफ !
पिथौड़ागढ़ : उत्तराखंड में कैबिनेट के निर्णय राज्य राजमार्गों को डीनोटिफाई करने के मामले में प्रदेश कांग्रेस ने अपने तेवर तीखे कर दिए हैं। कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि शराब की दुकानों को खोलने के लिए राज्य राजमार्गों को डीनोटिफाई करने के मामले में पार्टी विधिक राय ले रही है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। भितरघात से निपटने के लिए कांग्रेस अब राज्य अनुशासन समिति को नाखून देने की कोशिश में है। इस समिति में तीन विधायकों को भी शामिल किया जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग के अतिथि गृह में मीडिया से मुखातिब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शराब सिंडिकेट का कर्ज (चुनावी सहयोग) उतारने के लिए भाजपा प्रदेश को शराब में डुबोने जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय और राज्य मार्ग से शराब की दुकानों को हटाने का ऐतिहासिक निर्णय दिया था। भाजपा सरकार ने उसका तोड़ निकाल कर राज्य राजमार्गों को जिला मार्ग घोषित कर दिया।
कांग्रेस इस मामले में प्रदेश सरकार के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएगी। उपाध्याय ने कांग्रेस की हार के लिए ईवीएम, भाजपा की सामाजिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश, नोटबंदी का डंडा, धनबल के प्रयोग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस प्रकार के परिणाम की उम्मीद पार्टी को नहीं थी। ईवीएम पर यूपी के निवर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सवाल खड़े किए हैं। इलेक्ट्रानिक सामग्री से छेड़छाड़ संभव है। इसकी जांच कराकर संदेह को दूर करना चाहिए।
किशोर ने कहा कि कांग्रेस छह महीने का समय भाजपा को जनहित में फैसले लेने के लिए दे रही है। अगर प्रदेश सरकार ने जनहित के मुद्दों को हाशिये में डाला तो कांग्रेस मुखर होकर विरोध करेगी। वार्ता में कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष भगीरथ भट्ट, जिलाध्यक्ष मुकेश पंत, प्रदेश प्रवक्ता खीमराज जोशी आदि मौजूद थे। भीतरघात के मामले में उपाध्याय ने कहा कि वर्षों तक कांग्रेस से जुड़कर भाजपा को लाभ पहुंचाने वालों के खिलाफ जल्द कार्रवाई होगी। इसके लिए कांग्रेस प्रत्याशियों से रिपोर्ट मांगी गई है।