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पिथौरागढ़ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस -भाजपा में मची सिरफुटव्वल

भाजपा ने उप चुनाव की बागड़ोर टिकट की दौड़ में शामिल लोगों  हाथ ही सौंप डाली 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । राज्य में ढाई वर्ष पहले हुए विधानसभा चुनाव में पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर स्वर्गीय प्रकाश पन्त से मामूली मतों से पराजित हुए कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व विधायक मयूख महर की रिक्त हुई सीट पर पक्की दावेदारी होने के बाद कांग्रेस के कुछ अन्य दावेदारों की राजनीतिक इच्छा हिलोरें मरने लगी हैं। उप चुनाव लड़ने की इस दौड़ में प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी के साथ ही कई अन्य स्थानीय वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के सामने आने के बाद पार्टी में सिर फुट्टवल की स्थिति खड़ी हो गई है। हालांकि पार्टी का मानना है कि अब भी प्रबल दावेदारी मयूख महर की ही है और पार्टी उन्ही को यह उप चुनाव लड़ाएगी। वहीं उप चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का साफ कहना है कि मयूख महर ही उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी रहेंगे।

पिथौरागढ़ विधानसभा सीट काबीना मंत्री प्रकाश पंत के निधन से रिक्त हुई है। इस सीट के लिए उपचुनाव 25 नवंबर को होना है। कांग्रेस इस उपचुनाव को लेकर पूरी तरह सतर्क है। पार्टी की कोशिश है कि इस सीट को जीतकर विधानसभा में सदस्य संख्या में इजाफा किया जाए। पार्टी की रणनीति ये भी है कि उपचुनाव को जीतकर सत्तारूढ़ दल भाजपा पर मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाई जाए।

गौरतलब हो कि वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव और हाल ही में लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से कांग्रेस को हाशिए पर धकेलने में भाजपा पूरी तरह से कामयाब रही है,और इस वक़्त कांग्रेस के पास एंटी इन्कमबैंसी फैक्टर का लाभ लेने का वक़्त भी सामने है लिहाज़ा कांग्रेस कोई बही मौक़ा नहीं गंवाना चाहेगी कि वह इस उप चुनाव में भाजपा को आराम से वाक ओवर दे।

हालांकि यह बात भी दीगर है कि मयूख महर के सामने भाजपा इस उपचुनाव में कोई ख़ास मज़बूत तब नज़र नहीं आती जब भाजपा स्वर्गीय पन्त के किसी परिजन को मैदान में उतारे। वहीं भाजपा में भी गुटीय संघर्ष कुछ कम नहीं है यहाँ भी कुमायूं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष केदार जोशी सहित कई अन्य मौके की तलाश में हैं, इनका तर्क है कि जब भाजपा परिवारवाद के खिलाफ है तो ऐसे में कैसे एक ही परिवार को बार-बार मौक़ा दिया जा सकता है। वहीं भाजपा ने राजनीतिक पैतरा चलते हुए उप चुनाव की बागड़ोर टिकट पाने वालों के हाथ ही सौंपकर उन्हें फिलहाल दौड़ से बाहर कर दिया है।

वहीं मयूख महर की पिथौरागढ़ में खासी सियासी पकड़ मजबूत मानी जाती है। वे वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी वह भाजपा प्रत्याशी प्रकाश पंत से काफी कम मतों के अंतर से हारे थे लिहाज़ा पार्टी का मानना है कि वे ही भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकने में कामयाब होंगे। इस सबके बीच पिथौरागढ़ उपचुनाव के मौके पर कांग्रेस में एक बार फिर गुटीय खींचतान तेज होती दिख रही है। लेकिन इस सब समीकरणों के बीच प्रदेश कांग्रेस पूर्व विधायक मयूख महर के पक्ष में ही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव में कांग्रेस का चेहरा मयूख महर ही हैं और वही उपचुनाव जीतने में सक्षम हैं।

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