राहत कार्यों में कोताही कतई भी बर्दाश्त नहीं होगी : डॉ. हरक सिंह रावत

मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने किया अस्पताल का निरीक्षण
अव्यवस्थाओं पर बिफरे मंत्री, दुरूस्त करने के निर्देश दिये
पहाड़ों पर डॉक्टर चढ़ाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता
मंत्री ने कहा गंभीरता व मुस्तैदी से राहत कार्यों में जुटे अधिकारी
कोटद्वार। कोटद्वार क्षेत्र में आई बाढ़-आपदा में राहत कार्यों को लेकर वनमंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ. हरक सिंह रावत ने पिछले पांच दिनों से कोटद्वार में डेरा डाल रखा है। मंत्री स्वयं पिछले पांच दिनों से देवी रोड़, रिफ्यूजी कालोनी सूर्यानगर, रमेशनगर, कौड़िया, हरसिंगपुर, आमपड़ाव, मानपुर, सिताबपुर, सतीचौड़, मवाकोट, झण्डीचौड़, सिगड्डी सहित ग्रास्टनगंज, कुंभीचौड़, स्नेह, कोटड़ीढांग, लालपानी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों का निरीक्षण कर चुके हैं।
मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने वन विभाग, सिंचाई विभाग, विद्युत पेयजल, लोकनिर्माण सहित शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों की बुलाकर उन्हें बाढ़ पीड़ितों को आवश्यक दवाई, बिस्तर, कपड़े, राशन आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराने व विद्युत एवं पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के कडे़ निर्देश दिये। मंत्री को पीड़ित परिवारों को अतिशीध्र आर्थिक मुआवजा के साथ-साथ उनके घरों से मलवा हटाने व विद्युत-पेयजल दुरूस्त करने के सख्त निर्देश दिये। उन्होंने पनियाली स्रोत, खोह, मालन -सुखरौ नदियों पर सुरक्षा दीवार बनाने, भू-कटाव रोकने व नदियों के बीच गाद निकालने के निर्देश दिये।
उन्होंने अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, सिंचाई विभाग, वन विभाग, जल संस्थान, लोक निर्माण, आयुर्वेद विभाग, श्रम विभाग के अधिकारियों को बाढ़ से हुये नुकसान व संभावित खतरे को ध्यान में रखकर प्राथमिकता के आधार पर आपसी समन्वय करके धरातलीय कार्य करने के निर्देश दिये हैं। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत स्थिति की गंभीरता को समझते हुए स्वयं कुछ दिनों के लिए कोटद्वार में ही डटे हुये हैं। कहा कि स्थिति को सामान्य बनाने के साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कार्य योजनाओं को भी पूरा किया जायेगा। कहा कि प्रशासन व विभागों को आपदा राहत में कार्य हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करा दी जायेगी।
बैठक में जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला, नगरपालिका अध्यक्ष रश्मि राणा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष धीरेन्द्र चौहान, सुनीता देवी, गीता बुड़ाकोटी, मंत्री के विशेष कार्याधिकारी विनोद रावत, जनसंपर्क अधिकारी नरेन्द्र सेमवाल, उपजिलाधिकारी राकेश तिवारी, सीओ जे.आर. जोशी सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता जयपाल सिंह, एई सीपी भट्ट, डीएफओ मयंक शेखर झा, नोडल अधिकारी दैवीय आपदा डॉ.जयदीप सिंह बिष्ट, जलसंस्थान के अधिशासी अभियन्ता, ओपी. बहुगुणा और सुरेन्द्र गुसांई आदि मौजूद थे।
वहीँ कैबिनेट मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने आज राजकीय संयुक्त चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मिली अनेक खामियों पर मंत्री ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुये तुरन्त व्यवस्था सुधारने के सख्त निर्देश दिये। दिन में बारह बजे मंत्री डा0 हरक सिंह रावत के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में औचक निरीक्षण से अधिकारी एवं कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। मंत्री ने अस्तपाल में बंद पड़ी मशीनों व उपकरणों को शीघ्र संचालित करने, गर्मियों में मरीजों के लिये पंखों की उचित व्यवस्था करने, आपातकाल स्थिति से निपटने हेतु अग्निशमन उपकरणों की उचित व्यवस्था, पर्याप्त पानी के टैंक, शुद्ध पेयजल, आवश्यक टेस्ट करवाने हेतु उपकरणों की व्यवस्था व उनके संचालन करने के निर्देश दिये। मरीजों को दिये जाने वाले भोजन की गुणवता बनाये रखने व समस्त आवश्यक जीवनरक्षक दवाईयां उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
मंत्री ने कहा कि पहाड़ों पर डॉक्टर चढ़ाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है लेकिन कोटद्वार राजकीय चिकित्सालय पर 15 ब्लॉकों के ग्रामीण व डेढ़ लाख से अधिक क्षेत्रीय निवासी निर्भर है। इसलिये कोटद्वार चिकित्सालय में पर्याप्त डॉक्टर व स्टॉफ कर्मियों की नियुक्ति की जा रही हैं। मंत्री ने फोन पर स्वास्थ्य सचिव को डॉक्टरों की कमी का संज्ञान लेकर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाशत नहीं की जायेगी इस दौरान मंत्री ने अस्पताल में भर्ती मरीजों को मिलकर उनका हालचाल जाना।
निरीक्षण के दौरान उनके साथ उनके ओएसडी विनोद रावत, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सामन्त, सुरेन्द्र गुसांई, पूनम खंतवाल मोहित आदि मौजूद थे।