उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने वीणा पाणी जोशी के निधन पर जताया शोक
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : मूर्धन्य साहित्यकार व कवयित्री वीणा पाणी जोशी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को निधन से साहित्य और कवि जगत में शोक की लहर छा गयी। उनके निधन पर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ”निशंक”सहित संस्कृति विभाग व विभिन्न सामाजिक संगठनों ने शोक जताया है। उनके पार्थिव शरीर इंदर रोड स्थित आवास पर रखा गया है।जबकि शनिवार को उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जाएगा।
हिंदी, गढ़वाली, कुमाऊंनी, ब्रज, अवधी, पंजाबी व अंग्रेजी भाषा की ज्ञाता वीणा पाणी जोशी लंबे समय से बीमार थीं। जिनका कोरोनेशन अस्पताल में इलाज चल था। 83 वर्ष की उम्र में उन्होंने शुक्रवार सुबह करीब 8:30 बजे अंतिम सांस ली। उनके परिवार में बेटे अविनाश चंद्र जोशी, अमिताभ, आलोक जोशी, जबकि पुत्री नीना व वंदना जोशी हैं।
उनके पुत्र आलोक जोशी ने बताया कि पार्थिव शरीर शनिवार सुबह साढ़े नौ बजे आवास से हरिद्वार ले जाया जाएगा। जहां अंतिम संस्कार होगा। स्व. जोशी ने कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों में स्वतंत्र लेखन किया। उनकी कविताओं को आकाशवाणी नजीबाबाद व पोर्ट ब्लेयर (अंडमान) से प्रसारित किया जाता था। अखिल गढ़वाल सभा देहरादून की स्मारिका में भी उनके गढ़वाली व हिंदी काव्य संग्रह के कई अंश प्रकाशित हुए हैं ।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने भी वीणा पाणी जोशी के निधन पर शोक जताया। मंच के जिलाध्यक्ष ने बताया कि वे उत्तराखंड साहित्य, कला परिषद की सदस्य भी रहीं। इस मौके पर ओमी उनियाल, जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूड़ी, प्रमिला रावत, मोहन रावत, राकेश जुयाल, वीरेंद्र सकलानी, केशव उनियाल, सुलोचना भट्ट, राधा तिवारी, सुदेश सिंह, सुनील जुयाल, सुमित थापा, बीर सिंह रावत, पूरण सिंह लिंगवाल, जयदीप सकलानी, विनोद असवाल, जीतपाल बत्र्वाल, अमर सिंह आदि रहे।