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कर्नल कमल नौडियाल ने खोला राज,कैसे हत्थे चढ़ा अबु दुजाना

सोशल मीडिया में वायरल हुआ दुजाना का ऑडियो टेप

देहरादून : पुलवामा में एक अगस्त को सेना ने लश्कर के कमांडर अबु दुजाना को मार गिराया। अब एक ऑडियो का खुलासा हुआ है जिसमें सेना ने लश्‍कर आतंकी अबु दुजाना को मारने से पहले सरेंडर करने को कहा था लेकिन दुजाना ने सरेंडर करने से मना कर दिया था।

जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के खूंखार आतंकी अबु दुजाना को मौत के घाट उतारने वाली 55 राष्ट्रीय राइफल्स की यूनिट के कमाडिंग ऑफिसर कर्नल कमल नौडियाल इस कारनामे के बाद चर्चाओं में हैं। नौडियाल पौड़ी के थलीसैंण ब्लॉक (राठ क्षेत्र) स्थित नौडी आंता खोली गांव के रहने वाले हैं। आतंकी दुजाना को घेरकर मारने की रणनीति नौडियाल के निर्देशन में ही बनाई गई थी।

दुजाना से सैन्य अधिकारी की बातचीत का ऑडियो टेप सोशल मीडिया में वायरल हो चुका है। कर्नल नौडियाल के अनुसार, 31 जुलाई से 1 अगस्त के बीच अबु और उसके एक साथी के पुलवामा में एक गांव में आने की खबर मिली। इसके बाद हमने उस घर के मकान मालिक को विश्वास में लिया। फिर पुलवामा पुलिस के साथ पूरे घर को घेर लिया। मकान मालिक ने अपने परिवार की सलामती की शर्त पर दुजाना से फोन पर बात करवा दी।

उन्होंने कहा कि हमने अबु से सरेंडर करने को कहा तो उसने इससे इनकार कर दिया। पर उसने यह जरूर स्वीकारा कि वह इस बड़े खेल में कठपुतली की तरह इस्तेमाल हो रहा है। नौडियाल के मुताबिक इस बातचीत से न केवल पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हुआ, बल्कि कश्मीर की आवाम का सेना पर भरोसा भी बढ़ा है।

नौडियाल के रिश्तेदार बालकृष्ण चमोली और राजेश चमोली के अनुसार, बचपन से ही कमल का लक्ष्य सेना में अधिकारी बनना था। कमल के पिता सीताराम नौडियाल पीएनबी में मैनेजर थे। जोशीमठ के ज्योति कॉन्वेंट स्कूल में कक्षा एक से दो और कॉन्वेंट स्कूल श्रीनगर में कक्षा तीन से छठवीं तक पढ़ाई के बाद उनका परिवार दून आ गया। यहां उन्होंने सेंट थॉमस स्कूल से 12वीं की।  दिल्ली विवि से बीकॉम के बाद सीडीएस की परीक्षा दी और आईएमए के लिए चयनित हो गए।

कर्नल नौडियाल पौड़ी के जिस राठ क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, वह पूरा इलाका सेना के प्रति समर्पित है। नौडी आंता खोली गांव के आसपास सिर्फ सात-आठ किमी के दायरे में ही कई सैन्य अधिकारी हैं। बघेली के 101 वर्षीय कर्नल (सेनि) इंद्र सिंह नेगी, ब्रिगेडियर राजेन्द्र सिंह, डुंगरी के कर्नल बीपी त्रिपाठी, आईएमए कमांडेंट रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह नेगी, मंझोली निवासी मेजर हेम चमोली, मेजर प्रकाश चमोली और दरमोली के मेजर मातवर सिंह रावत इनमें शामिल हैं।

टेप में क्या बातचीत हो रही है सुनिए  ?

अबु दुजाना- ‘क्या हाल है? मैंने कहा, क्या हाल है?’

मेजर- ‘हमारा हाल छोड़ दुजाना, तू सरेंडर क्यों नहीं कर रहा ?

मेजर ने दुजाना को समझाने की कोशिश करते हुए कहा कि पाकिस्‍तानी एजेंसियां नौजवानों का इस्‍तेमाल करके कश्‍मीर का माहौल खराब करना चाहती हैं। पाकिस्तानी एजेंसियां तुम्हारा इस्तेमाल कर रही हैं और वह निर्दोष कश्मीरियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। इसके बाद दुजाना ने कहा,

दुजाना- हम निकले थे शहीद होने, मैं क्या करूं ? जिसको गेम खेलना है खेले, कभी हम आगे, कभी आप…आज आपने पकड़ लिया, आपको मुबारक… जिसको जो करना है कर लो… ‘मैं सरेंडर नहीं करूंगा… जो मेरी किस्मत में लिखा है वही होगा… अल्लाह वही करेगा, ठीक है?’

मेजर- तू अपनी सोच यार तेरे मां बाप हैं बाहर उनकी सोच।

दुजाना- मां-बाप तो उसी दिन मर गए जिस दिन मैं उनको छोड़कर आया था।

मेजर- उनके लिए तू थोड़ी ना मरा है। तू बाहर आ मैं करवाऊंगा। हमारे मन में कोई बहुत दुश्मनी नहीं है। तू कर सरेंडर

दुजाना- जो मेरी किस्मत में लिखा होगा अल्लाह वही करेगा, ठीक है।

मेजर- अल्लाह सबके लिए एक जैसा है। देख अल्लाह तो साथ देगा ही देगा, वो थोड़ी ना बुरा चाहता है किसी का भी।

दुजाना-अगर अल्लाह मेरे और तुम्हारे लिए एक जैसा है तो आओ, घर के भीतर मुझसे मिलो…

मेजर-कश्मीरियों की रक्षा करो और उन्हें आतंक के लिए इस्तेमाल मत करो…

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