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रिस्पना नदी के पुनर्जीवन के लिए मुख्यमंत्री ने पौधरोपण के लिए गड्ढे खोद कर की अभियान की शुरुआत

  • त्रिवेंद्र ने रिस्पना नदी के प्राण लौटाने के लिए सभी दलों से मांगा सहयोग

देहरादून । रिस्पना के पुनर्जीवीकरण को लेकर शुरू हुए अभियान के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस समेत बाकी दलों को भी इसमें शामिल होने का न्योता दिया है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बाकी दल चाहें तो अपने चुनाव चिह्न के साथ इसमें शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद किसी भी तरह रिस्पना को पुराने स्वरूप में लाना है।

उन्होंने कहा सरकार ने तय किया है कि एक ही दिन में रिस्पना के दोनों ओर ढाई लाख पौधे रौपे जाएंगे। इसमें 30 फीसदी फलदार पौधे होंगे, हालांकि यह काम आसान नहीं है, लेकिन सभी के सहयोग से इस काम को अंजाम तक पहुंचाना है। उन्होंने कांग्रेस समेत बाकी दलों से भी कहा कि वह चिह्न के साथ इस अभियान में शामिल हो सकते हैं। इस पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी।

वहीँ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हम बारिश के पानी का कुछ हिस्सा भी संरक्षित कर लें तो पानी का संकट दूर हो जाएगा। उन्होंने कहा आने वाले समय में पानी एक मुख्य समस्या न बने, इसके लिए सरकार सूर्यधार बांध सहित बाकी बांध परियोजनाओं पर काम कर रही है।

इससे पूर्व रिस्पना नदी के पुनर्जीवन अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मसूरी विधानसभा क्षेत्र के कैरेवान गांव से अभियान शुरूकिया । अभियान कि शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने पहाड़ी पर चढ़कर फावड़ा चलाया और पेड़ लगाने के लिए कई गड्ढे भी खोदे। शनिवार को शुरू हुए रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए पहले चरण के अभियान का आगाज हो गया है। इस अभियान के तहत रिस्पना नदी के उद्गम से लेकर संगम तक पौधारोपण के लिए ढाई लाख पेड़ लगाने का रिकार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए शनिवार को ही पहले दिन 20 हजार गड्ढे खोद दिए गए जिनमें अब वृक्षारोपण किया जाएगा।

गौरतलब हो कि ‘मिशन रिस्पना’ प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है जिसके द्वारा सरकार चाहती है कि अपना स्वरूप खो चुकी रिस्पना नदी में एक बार फिर पानी नज़र आये . इस अभियान के पहले चरण में पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने और साफ-सफाई का व्यापक स्तर पर कार्यक्रम चल रहा है। नदी के उद्गम स्रोत शिखर फॉल से लेकर संगम स्थल मोथरोवाला तक 39 अलग-अलग सेक्टर बनाए गए हैं।

शनिवार सुबह अभियान की शुरुआत के दौरान इन सेक्टरों में तैनात नोडल अधिकारियों ने मोर्चा संभाला । रिस्पना नदी के इस कैचमेंट क्षेत्र में गड्ढे खोदने के कार्य में लगभग चार हजार से अधिक लोगों ने श्रमदान किया। जिसमें विभिन्न शिक्षण संस्थानों, गैर सरकारी संगठन, एनजीओ, केंद्रीय संस्थानों, सेना, पैरा मिल्ट्री फोर्स के जवान व विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल रहे ।

वहीँ रिस्पना के दुर्गम स्थानों पर सेना, बीएसएफ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवानों ने वृक्षारोपण के लिए स्थानीय लोगों का सहयोग किया। वहीँ प्रत्येक सेक्टर में वन विभाग के एक-एक कर्मचारी तैनात किया हुआ है ,जिन्होंने स्कूली बच्चों व स्वयंसेवी संस्थाओं के वालंटियरों को गड्ढे बनाने में मार्गदर्शन किया।

दौडवाला में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि 16 जुलाई को हरेला पर्व पर मसूरी में वृहद पौधरोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ढाई लाख पौधे लगाने का भी लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे हर रोज दो-दो घंटे इस अभियान को दें ताकि रिस्पना को पुनर्जीवित किया जा सके। शनिवार को दौड़वाला में इको टास्क फोर्स, जल संस्थान, स्कूली बच्चों व निजी संगठन, बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा लगभग 1200 से अधिक गड्ढे खोदे गए ।
वहीँ रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से ब्लॉक घोषित किए गए हैं। इसमें कैरवाण गांव, शिखर फॉल, तपोभूमि आश्रम, राजपुर हेड, नारी निकेतन, एसटीपी दौड़वाला और एसटीपी मोथरोवाला ब्लॉक शामिल हैं। यहां मिशन रिस्पना के तहत काम किये जायेंगे ।

रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए विभिन्न स्कूल, कॉलेज, केंद्रीय संस्थानों, एनजीओ आगे आए हैं। जिसमें वेस्ट वेरियर संस्था, उत्तरांचल आयुर्वेदिक कालेज रायपुर, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, यूपीईएस, पेस्टलविड स्कूल, होम गार्ड, एसएसबी, आर्डिनेंस फैक्टरी, वन निगम, पुलिस, स्पोर्ट्स कालेज, बीएसएफ, एसडीआरएफ, सैंट जोर्ज स्कूल, आईटीबीपी, ओनएनजीसी, सिविल डिफेंस, स्कालरहोम, मैड संस्था सहित जिले के कई स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि अभियान में शामिल हैं।
मौके पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार, जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन, नगर आयुक्त विजय कुमार जोगडंडे, एसडीएम सदर प्रतुष सिंह सहित  परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष चिदानंद मुनि महाराज आदि मौजूद रहे।[embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=32izgqNHqTM[/embedyt]

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