किडनी रैकेट चलाने वाले डॉक्टर अमित सहित भाई, नर्स और ड्राइवर गिरफ्तार

- मास्टरमाइंड और नर्स सहित सहयोगी हुए गिरफ्तार
- तीन से पांच लाख रुपये में होता रहा था किडनी का सौदा
- डीजीपी ने की पुलिस टीम को 20 हजार रु. देने की घोषणा
देहरादून : राजधानी के समीपवर्ती इलाके के चर्चित किडनी कांड में पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। पुलिस ने इस धंधे का मास्टरमाइंड और फरार धंधे के मास्टरमाइंड डॉक्टर अमित को पंचकूला से धर दबोचा है। वहीँ अमित के साथ ही फरार चल रहे उसके भार्इ जीवन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके साथ-साथ पुलिस ने एक नर्स और ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया है। डाक्टर अमित ही गंगोत्री चेरिटेबल अस्पताल में किडनी की खरीद फरोख्त में मुख्य आरोपी है।
पुलिस के अनुसार नेचर विला स्थित दोनों के ठिकानों पर चार घंटे चली तलाशी के दौरान उत्तरांचल डेंटल कॉलेज और गंगोत्री चैरिटेबिल अस्पताल के बीच हुए लीज एग्रीमेंट के दस्तावेज, तीन बैंक अकाउंट समेत अमित पर दर्ज आधा दर्जन से अधिक मुकदमों से संबंधित कागजात मिले हैं। तलाशी के दौरान राजीव की पत्नी अनुपमा भी घर पर मौजूद थी।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीती 11सितम्बर को थाना डोईवाला को सूचना मिली कि उत्तरांचल डेन्टल कॉलेज लालतप्पड के अन्दर स्थित गंगोत्री चेरिटेबिल हॉस्पिटल में अवैध रूप से किडनी निकालने का कार्य किया जा रहा है और जानकारी करने पर पता चला कि एक व्यक्ति इनोवा गाड़ी से जिन चार व्यक्तियों की किडनी निकाली गयी है को लेकर हरिद्वार के रास्ते दिल्ली जा रहा है।
इस सूचना पर हरिद्वार व देहरादन पुलिस ने मिलकर इनोवा नंबर -UA0TA – 5119 को सप्तऋषि चौकी हरिद्वार पर पकड लिया। जिस गाडी से एक वाहन चालक दीपक और चार व्यक्ति भावजी भाई ,शेख ताज अली ,सुषमा बैनर्जी और कृष्णा दास मिले, जिनमें से पता चला कि कृष्णा दास व शेख ताज अली की किडनी निकाली गयी थी।
उन्होंने पुलिस को बताया गया कि उनको जावेद खान लेकर आया था और बताया था कि तीन लाख रूपये एक किडनी के मिलेंगें लेकिन हमें रूपये नहीं मिले। इस सम्बन्ध में थाना डोईवाला पर 11 सितम्बर को मुकदमा 256 /17 धारा 420 /120B / 370( i ) / 342 IPC व 18 /19 /20 मानव अंगो का प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 बनाम डॉ. अमित कुमार आदि पंजीकृत किया गया और पुलिस ने जावेद खान को गिरफ्तार किया। जिसके द्वारा बयानों में बताया गया कि इस मामले में काफी लोग मिले हुए है। जिनमें डॉ. अमित , डॉ. अक्षय , डा. संजय दास , राजीव चौधरी , चन्दना गुडिया आदि शामिल है।
इस दौरान विवेचना में पुलिस ने पीडित भावजी भाई, शेख ताज अली ,सुषामा बैनर्जी , कृष्णा दास का सम्पूर्ण मेडिकल, अल्ट्रा साउण्ड परीक्षण कराया गया। पीडितों के धारा 164 Crpc के बयान भी अंकित कराये गये। अभियुक्तगण की गिरफ्तारी हेतु न्यायालय से सर्च वारण्ट लेकर अभियुक्त राजीव चौधरी के घर की खाना-तलाशी ली गई एवं डाक्टरों के नेचरविला में रूकने के साक्ष्यों के आधार पर वहां पर तलाशी की कार्यवाही की गयी। पुलिस ने जांच में पाया कि अनुपमा , नसीम , प्रदीप उर्फ बिल्लू , सरला, अभिषेक आदि का भी इस घटना में संलिप्त हैं ।
पुलिस के अनुसार उसने पंचकुला में साहिल पुरी के घर 6/8 सेक्टर 02 पंचकुला में दबिश दी गई तो घर बन्द मिला। वहीँ 15 सितम्बर को टीम सेक्टर 18 पहुँची। जहाँ मुखबिर की सूचना व सर्विलांस के आधार पर पल्लवी होटल सैक्टर 18 पंचकुला हरियाणा के सामने स्थित पार्किग खडी दो कार मरस्डीज कार नंबर UP 16 AR – 1100 व BMW कार संख्या – DL -3FT- 5000 से जा रहे आरोपी अमित कुमार व सरला एवं जीवन कुमार को गिरफ्तार किया गया ।
पुलिस ने मरस्डीज कार से 33 लाख 73 हज़ार 200 भी प्राप्त किये हैं । वहीँ अन्य आरोपियों से छह मोबाईल फोन भी प्राप्त मिले। पुलिस ने बताया की उन्हें आरोपियों ने बताया कि वे लोग नेपाल जाने की तैयारी में थे। पुलिस को पूछ-ताछ में आरोपियों ने बताया कि वर्ष 2016 में पिछले वर्ष उत्तरांचल डेन्टल कॉलेज से गंगोत्री चेरिटेबिल हॉस्पिटल चलाने का एग्रीमेंट अशोक जोगी व राजीव चौधरी के माध्यम से किया था।
उन्होंने पुलिस को बताया कि हम लोगों द्वारा ग्राहकों से अग्रिम पैसा लेकर अस्पताल में सामान लगाया गया था, इसके बाद ऑपरेशन के जरिए पूर्ति की गयी।गंगोत्री अस्पताल का मैनेजमेन्ट राजीव चौधरी व उनकी पत्नी अनुपमा देखते थे तथा हम लोग ऑपरेशन का काम करते थे। हमारे साथ O.T. में अस्पताल का पूरा स्टाफ रहता था तथा हमारे पास दलाल है। जो जगह -जगह से डोनर व ग्राहक की व्यवस्था करते है और वे ही लोग उन्हें लाते व वापस ले जाते है। कई बार फ्लाईट के माध्यम से भी डोनरों को लाने ले जाने का काम इन्ही द्वारा किया जाता था।
उन्होंने पुलिस को बतया कि हमारे सम्पर्क में कई विदेशी ग्राहक भी रहते थे व ऑपरेशन से पूर्व की चैकिंग दिल्ली अस्पताल से पूर्व में ही करा लिया जाता था । पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली कि अमित के विरूद्ध मुम्बई, गुंटूर, आन्ध्र प्रदेश, आनन्द गुजरात, सी0बी0आई0 व ई.डी. में कई अभियोग पंजीकृत हैं तथा पुलिस आरोपी डॉक्टर के विषय में अन्य जानकारी प्राप्त कर रही है।
पुलिस की जानकारी में आया है कि राजीव चौधरी के साथ मैनेजमेन्ट का कार्य देखने वाले प्रदीप उर्फ बिल्लू जो कि राजीव चौधरी की गाडी भी चलाता था और डॉनरों व ग्राहकों को दिल्ली छोडता था। वहीँ एक अन्य आरोपी प्रदीप उर्फ बिल्लू को SSI मनोज रावत के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर अभियुक्त को मय गाडी Ford figo नंबर – UK08 – AL – 3777 सहित रायवाला के पास से गिरफ्तार किया गया है ।
वहीँ मानव अंग तस्करी प्रकरण के मास्टरमाइंड डा. अमित कुमार व उसके सहयोगी डॉ. जीवन, नर्स सरला को पुलिस टीम द्वारा पंचकुला हरियाणा से व ड्राइवर प्रदीप उर्फ बिल्लू को रायवाला, देहरादून से गिरफ्तार किया गया। इस सराहनीय कार्य के लिए पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा पुलिस टीम को उत्साहवर्धन हेतु 20 हजार रूपये का परितोषिक प्रदान किये जाने की घोषणा की गयी है। साथ ही इस पूरी घटना के सम्बन्ध में शुरूआती अभिसूचना एकत्र करने वाले जनपद हरिद्वार में नियुक्त आरक्षी पंकज कुमार को विशेष कार्य हेतु पुलिस पदक दिये जाने की भी घोषणा की है।
इस घटनाक्रम के मास्टरमाईन्ड डॉ. अमित कुमार के विरूद्ध अन्य राज्यों में भी अभियोग पंजीकृत हैं। वर्तमान में वह जमानत पर था। जमानत पर रहते हुए अभियुक्त द्वारा घटना को अंजाम दिया गया। अतः अभियुक्त डॉ. अमित कुमार की पुराने प्रकारण में जमानत निरस्त कराने हेतु भी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को निर्देशित किया गया है।
आरोपियों से पुलिस को मिले सामान का विवरण :-
1 – 01 मोबाईल फोन Lenovo
2- 01 – iphone 7 ,
3- 01 iphone – 6 ,
4- 01 i-tel. मोबाईल फोन ,
5- 01 मोबाईल फोन Micromax
6- कुल बरामद धनराशि – 33 लाख 73 हजार 200 रूपये।
7- कार मरस्डीज सं0 UP16AR – 1100
8- कार BMW सं0 DL -3FT- 5000
9- कार Ford Fig0 सं० UK08 AL – 3777
गिरफ्तार आरोपियों का विवरण :-
1 – डॉ. अमित कुमार
2- डॉ. जीवन
3- नर्स सरला
4- ड्राईवर प्रदीप उर्फ बिल्लू