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बंद हुए बाबा केदार धाम के कपाट, आज होंगे यमुनोत्री के भी कपाट बंद
सोमवार को भैया दूज पर शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे माँ यमुनोत्री धाम के कपाट
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू, गणेश मंदिर के कपाट हुए बंद
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार सुबह 5.30 बजे शीतकाल के लिए विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इस अवसर के साक्षी बनी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत। वहीं इस दौरान परंरागत रूप से भगवान केदार मंदिर के गर्भ गृह के कपाट भी बंद कर दिए गए।
हालांकि मंदिर के गर्भ गृह के कपाट बंद तो कर दिए गए लेकिन लगातार हो रही बर्फबारी के कारण मंदिर के द्वार से भगवान् केदार की उत्सव डोली को उसके शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ की ओर रवाना करने में और डोली प्रस्थान में देरी हो रही है, श्रद्धालु बर्फवारी रुकने का इंतज़ार कर रहे हैं।
सोमवार को बाबा केदार की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह डोली में विराजमान हो चुकी है जो अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी, 18 नवंबर को बाबा केदार पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही अगले छह माह की पूजा-अर्चना होगी।
गौरतलब हो कि भैयादूज के पर्व के चलते सोमवार सुबह दो बजे से ही केदारनाथ में विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। जिसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा बाबा केदार के स्वयंभू ज्योतिर्लिंग को भष्म का लेप लगाकर उसे ढक कर समाधि रूप देकर दिया गया।
वहीं सोमवार सुबह 4 बजे भोगमूर्ति को चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान करते हुए भक्तों के दर्शनार्थ मंदिर परिसर में रखा गया और साथ ही अन्य धार्मिक औपचारिकताओं को पूरा करते हुए आज सुबह 5.30 बजे मंदिर के गर्भगृह के कपाट बंद किए गए।
वहीं सोमवार को भैया दूज पर यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। यमुनाजी की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ खरसाली गांव लाया जाएगा। खरसाली में यमुना मंदिर सजाया जा रहा है।
इधर बदरीनाथ धाम में भी शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की प्रक्रिया बीते दिन पंच पूजाओं के साथ शुरू हो गई है। रविवार अपराह्न तीन बजे विधिवत पूजा के बाद गणेश मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। उल्लेखनीय है कि बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद होने से पहले विधि विधान से पंच पूजाएं की जाती हैं।
गौरतलब हो कि अगले दो दिन बाद यानि 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हों जायेंगे। जबकि धाम में ही आदिकेदार के कपाट बंद सोमवार को बंद होंगे। वहीं मंगलवार 17 नवंबर को वेद ऋचाओं का शर बदरीनाथ धाम में वाचन बंद हो जाएगा और 18 नवंबर को महालक्ष्मी पूजा के बाद बदरीनाथ धाम परम्परागत रूप से विधि विधान से बंद हो जायेंगे।
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केदारनाथ में बर्फवारी देखिये …….
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