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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लगाए ग्रामीणों के सपनों को पंख 

श्रमदान से मुकाम तक पहुंचा ग्रामीणों का सपना, गांव तक पहुंची सड़क

ग्रामसभा दुगई आगर और ग्राम सभा इटाना के ग्रामीणों ने खुद ही पूरा किया अपना सपना 

हर कार्य सरकार के भरोसे नहीं किया जा सकता इसके लिए ग्रामीणों को खुद भी आगे आकर अपने गांव के विकास में योगदान देना होगा

https://youtu.be/zHkVh3eqZ6I

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

उत्तराखंड के पहाड़ों के गांव तक सड़क से नहीं होने के कारण कई गर्भवती महिलाएं रास्ते में ही शिशु को जन्म दे देती हैं साथ ही कई बीमार व्यक्ति सड़क के अभाव में रास्ते में ही अपना दम तोड़ देते हैं सैनिक बाहुल्य राज्य होने के चलते सेना में सभी गांव की भागीदारी बढ़ चढ़कर रहती है। आज भी कई भूतपूर्व बुजुर्ग सैनिक सड़क न होने से डोली और घोड़ों में अपनी पेंशन लेने शहर जाते हैं,गोविंद सिंह और ग्राम प्रधान मनीषा देवी के साथ युवाओं ने इस सड़क के निर्माण कर कर करके सभी के आंखों में खुशियां तो भर ही दी हैं साथ ही ऐसे गांवों को नसीहत भी दी है कि हर कार्य सरकार के भरोसे नहीं किया जा सकता हाँ सरकार का सहयोग जरूर लिया जा सकता है, इसके लिए ग्रामीणों को खुद भी आगे आकर अपने गांव के विकास में योगदान देना होगा जैसा कि ग्रामसभा दुगई आगर और ग्राम सभा इटाना के ग्रामीणों ने किया है। 

 

देहरादून : उत्तराखंड का जीतन राम मांझी जिला पिथौरागढ़ के विकास  खंड गंगोलीहाट के ग्राम सभा टुण्डचौडा के युवा ग्राम प्रधान मनीषा देवी और गोविन्द सिंह के साथ गांव के युवाओं द्वारा श्रमदान से सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा था जो मंगलवार को मुकाम तक पहुंच गया है। 
सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले वर्ष ग्राम सभा के चुनाव में 17 साल महानगरों में कई मीडिया घरानों में वीडियो जर्नलिस्ट की नौकरी कर रहे गोविंद सिंह और उनकी पत्नी जोकि मेडिकल फील्ड में जीएनएम करने के बाद पोस्ट बीएससी नर्सिंग कर रही थी ने रिवर्स माइग्रेशन किया और अपने गांव लौट आए इतना ही नहीं  गोविन्द की पत्नी मनीषा देवी ने यहाँ  से इलेक्शन लड़ा और जीत हासिल की।
गोविंद सिंह और उनके परिवार का रिवर्स माइग्रेशन करने का सबसे बड़ा मकसद था उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य और खुद के जिला पिथौरागढ़ जो दो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं चीन और नेपाल से लगा हुआ है साथ ही उत्तराखंड में पलायन बहुत अधिक मात्रा में पहाड़ों से महानगरों की ओर हुआ है जिसे रोकने और युवाओं को गांव में ही रोजगार देने की एक मुहिम के साथ जोड़ना चाहती थी और वह मौका आज ग्राम प्रधान मनीषा देवी और गोविंद सिंह को मिला।
मनीषा देवी ने ग्राम प्रधान बनने के बाद सबसे पहले अपनी ग्राम सभा के अंदर जल संचय के लिए सैकड़ों छोटे गड्ढे और चार बड़े तालाबों का निर्माण किया जिससे कि जल स्रोत पुनः जीवित हो जाएं सालों से टूटे पढ़े रास्तों को ठीक कर सीसी मार्ग का निर्माण किया इसी बीच कोरोना महामारी के चलते महानगरों से युवाओं का गांव की तरफ पलायन हुआ जिसमें ग्राम सभा टुण्डाचौडा के युवा भी शामिल थे। इस बीच जितने भी परिवार और युवा गांव में आए उनके रहने खाने और संस्थागत संरक्षण की जिम्मेदारी लेते हुए डब्ल्यूएचओ और सरकार के नियमों का पालन करा कर संपन्न कराया।
इसी बीच गांव में युवाओं को मनरेगा के तहत रोजगार दिया और साथ ही युवाओं को अपने ग्राम सभा को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए प्रेरित किया। गोविंद सिंह द्वारा गांव के युवाओं के साथ श्रमदान द्वारा सड़क निर्माण की पहल की गई जिसके अंतर्गत ग्राम सभा के युवाओं द्वारा लगभग एक किलोमीटर सड़क का निर्माण फावड़ा और गैंती बेलचा लेकर किया गया। 
इस सड़क निर्माण में आ रहे खेतों को गांव वालों ने सड़क निर्माण के लिए दान कर दिया लगभग 12 दिन की कड़ी मेहनत के बाद आसपास के तीन गांवों का भी सहयोग टुंडाचौड़ा के युवाओं को प्राप्त हुआ। इसी बीच गोविंद सिंह के प्रयास से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत समाजसेवी राम सिंह बिष्ट स्थानीय विधायक मीना गंगोला राजेंद्र जोशी वरिष्ठ पत्रकार का साथ मिला।
इस मुहिम में अब दो जेसीबी समाजसेवी राम सिंह बिष्ट जी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र जोशी जी के सहयोग से गांव वालों को मिला। साथ ही एक जेसीबी पत्थर कटान के लिए ग्रामसभा टुण्डाचौडा और दुगई आगर ने मिलकर लगाई जिसका पूरा खर्चा दोनों ग्राम सभाओं ने उठाया इसमें लगभग इस पत्थर को कटान में दो लाख का खर्चा आया जो कि दोनों ग्राम सभाओं ने वहन किया।
अब ग्राम सभा टुण्डाचौडा के साथ ग्रामसभा दुगई आगर और ग्राम सभा इटाना तक सड़क निर्माण हो चुका है। इस सड़क निर्माण पूरा होने के बाद ग्रामसभा टुण्डाचौडा तक वाहनों का आवागमन शुरू हो गया है आजादी के बाद विकास की बाट जोह रहे इन ग्राम सभाओं मैं आज दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है लगभग चार पीढ़ियों से यहाँ से सड़क से जोड़े जाने की मांग उठ रही थी,जिसे आज ग्राम प्रधान मनीषा देवी और गोविंद सिंह के साथ सैकड़ों युवाओं ने मुकाम तक पहुँचाया है।
गौरतलब हो कि 

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