UTTARAKHAND
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने एक माह में दो ऐतिहासिक पुलों का लोकार्पण कर जताया विकास के प्रति संकल्प

प्रदेश सरकार ने साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश भर में ढाई सौ से अधिक पुलों का किया निर्माण : मुख्यमंत्री
लक्ष्मण झूला पुल के विकल्प के रूप में जल्द ही किया जाएगा बजरंग सेतु का निर्माण : त्रिवेंद्र रावत
मुख्यमंत्री की ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर सिंगठाली के पास गंगा नदी पर और बैराज-चीला मार्ग पर बीन नदी पर पुल बनाने की घोषणा

ऋषिकेश । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा नवंबर माह में दो ऐतिहासिक पुलों का लोकार्पण कर विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। इसी क्रम में शुक्रवार को उन्होंने तीर्थनगरी में मुनी की रेती और स्वर्गाश्रम क्षेत्र को जोड़ने वाले बहुप्रतीक्षित जानकी सेतु जनता को समर्पित किया। इतना ही नहीं उन्होंने इसके साथ ही उन्होंने लक्ष्मण झूला के जर्जर होने के चलते उसके विकल्प के रूप में नए ”बजरंग सेतु” के निर्माण की भी घोषणा इस अवसर पर की है।
गौरतलब हो कि वर्ष 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने मुनी की रेती और स्वर्गाश्रम के बीच जानकी सेतु के निर्माण की घोषणा की थी, वहीं वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने इस झूला पुल शिलान्यास तो किया लेकिन तमाम अड़चनों के चलते इस पुल का समय पर निर्माण नहीं हो पाया। ठीक इसी तरह के हालत डोबरा चांठी पुल के निर्माण को लेकर भी रहा, इन दोनों पुलों की क्षेत्रीय जनता बीते 14 वर्षों से बनने की राह देख रही थी लेकिन वर्ष 2017 से पूर्व की सरकारों की लापरवाही और अधिकारियों की हीला -हवाली के चलते ये दोनों ही पुल नहीं बन सके थे, इसी बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने वर्ष 2017 में कुर्सी संभालते ही इन दोनों पुलों में आ रही वित्तीय अड़चनों को दूर करते हुए पुलों के निर्माण को अपनी प्राथमिकता में रखते हुए दोंनो पुलों का कार्य पूरा हिन् नहीं करवाया बल्कि दोनों को प्रदेश की जनता को लोकार्पित भी कर दिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोकार्पण के बाद आयोजित कार्यकम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने इन तीन वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश भर में ढाई सौ से अधिक पुलों का निर्माण किया है। इनमें बहुप्रतीक्षित डोबरा चांठी पुल और जानकी सेतु भी शामिल है। लक्ष्मण झूला पुल के विकल्प के रूप में जल्द ही बजरंग सेतु का निर्माण किया जाएगा। यह सेतु अपने आप में स्टेट ऑफ द आर्ट होगा, जो पर्यटक और तीर्थ यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि बजरंग सेतु के दोनों ओर की लेन कांच की बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने इसके अलावा ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग पर सिंगठाली के पास गंगा नदी पर और बैराज-चीला मार्ग पर बीन नदी पर पुल बनाने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा हमारी सरकार जल्द ही महिलाओं को पति की संपत्ति में अधिकार देने जा रहे हैं। इससे महिलाएं आत्मनिर्भरता के साथ प्रदेश के विकास में सहभागी बनेंगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं से स्वरोजगार अपनाकर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश में लौटे तीन लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं युवाओं को इसका लाभ लेना चाहिए। सीएम ने कहा, उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, जिसे देखते हुए सरकार ने अलग विभाग का गठन किया है। एडवेंचर टूरिज्म के लिए टिहरी व बिलखेत में प्रशिक्षण केंद्र खोले जा रहे हैं।


