CRIME

आर्डनेंस फैक्ट्री अधिकारी के घर बंधक मिली दो नाबलिग

देहरादून। रायपुर थाना क्षेत्र में देर रात पुलिस ने आर्डनेंस फैक्ट्री के एक संयुक्त महाप्रबंधक के घर पर छापा मारा। पुलिस ने यहां से दो सगी बहनों केा बरामद किया जो कि इस घर मेंं बंधक बना कर रखी गयीं थी । पुलिस के अनुसार दोनों ही लड़कियां नाबालिग हैं और इन लोगों को यहां पढाई के बहाने से लाया गया था लेकिन इनसे जबरन घर का काम कराया जा रहा था। कल रात किसी तरह से यह दोनेां लड़कियां घर से निकलने में कामयाब रहीं थी जिसके बाद इन्होंने आसपास के लोगों को इस बारे में बताया एवं तब बात पुलिस तक जा पहुंची। पुलिस अब अधिकारी से भी पूछताछ कर रही है। वहीं देर रात प्रकाश में आए इस मामले को अधिकारी द्वारा लगातार दबाए जाने का प्रयास किया जाता रहा लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण पुलिस को कार्रवाई करनी ही पड़ी।

मिली जानकारी के अनुसार रायपुर थाना क्षेत्र में ह्यूमन ट्रैफिकिंग से संबंधित एक और मामला प्रकाश में आया है। आर्डनेंस फैक्ट्री इस्टेट से दो लड़कियों को बरामद किया गया है जा कि धारचूला में रहने वाली एव ंनेपाली मूल की बताई जा रही हैं। आर्डनेंस फैक्ट्री में संयुक्त महाप्रबंधक के पद पर तैनात कुमांउ मूल के अधिकारी के घर से इन लड़कियों को आजाद कराया गया है। असल में यह प्रकरण तब प्रकाश में आया जब कल रात इस अधिकारी के घर पर काम कर रही यह दोनेां सगी बहनें किसी तरह घर से भाग निकली। इस दौरान इन लड़कियों ने स्थानीय लेागों से मदद मांगी और सारी बात लोगों को बताई। इसी दौरान अधिकारी एवं उसके घर के लोग दोनों को धमका कर वापस ले गए।

स्थानीय लोगों ने इस बात की सूचना रायपुर पुलिस को दी जिस पर देर रात ही रायपुर पुलिस ने संयुक्त महा प्रबंधक के घर पर छापा मारा और इन दोनों लड़कियों को बरामद किया। बताया जा रहा है कि इन बहनेां में से एक कई सालों से अधिकारी के घर पर नौकरों की तरह काम कर रही है जबकि उसकी दूसरी बहन को हाल ही में यहां लाया गया। धारचूला में रहने वाली नेपाली मूल की यह दोनों बहनें अधिकारी के घर पर यह कह कर लाई गयीं कि इन्हें पढ़ाया जाएगा लेकिन देहरादून आने के बाद इन नाबालिग बहनों को घर में बंधक बना कर रखा गया एवं काम कराया जाता रहा। लडकियों को एनजीओ के हवाले किए जाने की तैयारी की जा रही है। पुलिस के अनुसार लड़कियों से पूछताछ के बाद आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष 29 मार्च को भी डील के एक वैज्ञानिक के घर से एक लडक़ी को बरामद किया गया था। लडक़ी ने खुद पुलिस को फोन कर खुद को बंधक बनाए जाने की सूचना दी थी। रायपुर पुलिस ने जब इस सूचना पर डील रक्षा संस्थान के वैज्ञानिक अजय मलिक के घर पर छापा मारा तो यहां से एक लडक़ी को बरामद किया गया। लडक़ी ने अपना नाम अंजू निवासी छत्तीसगढ बताया, जिसे कि दिल्ली के शंभू नाम के एक व्यक्ति ने डील वैज्ञानिक के घर काम करने के लिए भेजा था। छत्तीसगढ के सुभाष एवं मोहर सिंह इस मामले में अब तक फरार हैं, जिनके तार अभी भी ह्यूमन टै्रफिकिंग से जुडे हुए हो सकते हैं।

पुलिस के अनुसार लड़कियों को घरों में काम कराने का अवैध कारोबार करने वाला यह पूरा गिरोह बंगाल, झारखंड, बिहार एवं उड़ीस की लड़कियों को काम पर लगवाने के लिए लाते रहते हैंं। पूर्व मेंं बरामद अंजू भी इसी कड़ी का एक हिस्सा थी जिसके साथ कई बार शंभु सिंह ने शारीरिक संबंध भी बनाए। ह्यूमन टै्रफिंकिंग के लिए लाए जाने वाली लड़कियों को कभी उनके काम का पैसा नहीं मिलता और न ही इनके परिजनों को ही यह कभी पता चल पाता है कि उनकी बेटियां आखिर देश के किस हिस्से में हैं।

रायपुर पुलिस के अनुसार यह मामला ह्यूमन टै्रफिकिंग से जुड़ा हुआ होना नहीं बताया जा रहा है। दोनों बहनों से अभी पूछताछ की जा रही है और इन्हीं बयानों के आधार पर पुलिस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी। बताया जा रहा है कि उक्त अघिकारी के प्रदेश शासन में अच्छी पैठ है और कल रात इस घटना के प्रकाश में आने के बाद घटना को दबाने का भी काफी प्रयास किया गया था।

devbhoomimedia

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