Uttarakhand

मुख्यमंत्री ने किया प्रसिद्ध गौचर और जौलजीबी व्यापारिक मेलों का शुभारंभ

  • राज्य में लगने वाले मेले हमारी संस्कृति और समाज की प्रगति के द्योतक : त्रिवेन्द्र 
  • भारत और नेपाल के आपसी संबंधों को भी मजबूत करता है जौलजीबी मेला
  • सरकार  मेलों और महोत्सवों को लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए समझती है महत्वपूर्ण 

देहरादून : प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा जहाँ गौचर मेला उत्तराखण्ड की औद्योगिक और सामाजिक प्रगति को प्रदर्शित करता रहा है वहीँ जौलजीबी मेला भारत नेपाल की साझी संस्कृति का वाहक रहा है। इन दोनों मेलों के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार गंभीर है। राज्य में सभी प्राचीन मेलों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार हर संभव सहयोग दे रही है। उन्होंने कहा दूरस्थ और सीमांत क्षेत्रों में अब बैलून के माध्यम से मोबाइल और इन्टरनेट नेटवर्क की समस्या का समाधान किया जा रहा है। जनवरी से यह सिस्टम लागू हो जाएगा। सीमांत क्षेत्र में बैलून से नेटवर्क प्रणाली चलाने वाला देश का पहला राज्य उत्तराखंड बन जाएगा।

मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने ऐतिहासिक औद्योगिक एवं विकास मेला गौचर का उद्घाटन करते हुए कहा कि उत्तराखंड में लगने वाले मेले हमारी संस्कृति और समाज की प्रगति के द्योतक रहे हैं और सरकार इन मेलों के संरक्षण के लिए हर संभव सहायता भी कर रही है। उन्होंने कहा ये पारंपरिक मेले गाँव और समाज से जुड़े हुए हैं इन मेलों के आयोजन के दौरान वर्षभर न मिलने वाले लोग अपने मित्रों और परिजनों को यहाँ आकर मिलते हैं खासकर महिलाओं में बेटियों और बहुओं के अपने परिजनों से मिलने और साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखने आने से इन मेलों का महत्व और भी बढ़ जाता है।

शाम को मेले में छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग प्रस्तुतियां दी गईं। मेला मंच पर उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा की राज्य में शिक्षा और स्वास्थय को लेकर योजनाएं तैयार की जा रही हैं। इस मौके पर उन्होने पंडित जवाहर लाल नेहरू और मेला के संस्थापक सदस्य गोविंद प्रसाद नौटियाल के चित्र का अनारण किया। उन्होंने स्वतंत्रता सग्राम सैनानी बख्तावर सिंह बिष्ट को सम्मानित किया।

नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश नेगी ने मेले के वृहद स्वरूप को बनाए रखने के लिए धनराशि बढ़ाए जाने और नगर में विकास योजनाओं को स्वीकृत करने की मांग की। 

सात दिवसीय गौचर खेल मैदान में शुरू होने वाले सात दिवसीय ऐतिहासिक गौचर मेले में लोकगायक प्रीतम भरतवाण, बसंती बिष्ट व मीना राणा की प्रस्तुतियों से मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। इस बार गौचर मेले की खास बात यह है इस मेले को समर स्मारक राइंका कर्णप्रयाग के संस्थापक विक्टोरिया क्रॉस विजेता दरबान सिंह नेगी को समर्पित किया गया है। मेले का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गौचर में जलसंस्थान के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करने के साथ ही कृषकों को दो प्रतिशत ब्याज की दर पर दिये जाने वाले कृषि ऋण के चैक वितरित किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के स्टालों का किया निरीक्षण भी किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने 45 करोड़ 96 लाख, 75 हजार रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। जिसमें एडीबी वित्त पोषित कर्णप्रयाग नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 967.53 लाख, गौचर नगरीय पम्पिंग पेयजल योजना लागत रू. 650.00 लाख, नैनी आईसी से डुंग्री मोटर मार्ग लागत रू. 242.73 लाख, मोलागाड-मटई मोटर मार्ग लागत रू. 657.27 लाख, थिरपाक-काण्डई मोटर मार्ग लागत रू. 515.38 लाख, मीन मार्केट गौचर से जीजीआईसी गौचर तक पहुॅच मार्ग लागत रू. 21.00 लाख रुपये की विकास योजनाओं का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने तोली कल्याणी तल्ली मोटर मार्ग लागत रू. 391.81 लाख, पोखरी हरिशंकर मोटर मार्ग से थौली-थाला बैण्ड तक मोटर मार्ग लागत रू. 275.87 लाख, श्यान किसनपुर मोटर मार्ग एवं 80 मी0 स्पाॅन लौह सेतु लागत रू. 397.20 लाख, किमधार से स्यान-किशनपुर मोटर मार्ग लागत रू. 92.12 लाख एवं चटवापीपल से ग्राम सिरण-एण्ड मोटर मार्ग लागत रू. 385.84 लाख की विकास योजना का शिलान्यास भी किया। 

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इण्टर काॅलेज कर्णप्रयाग का नाम प्रथम विश्व युद्व के प्रथम विक्टोरिया क्राॅस पुरस्कार से सम्मानित वीसी दरबान सिंह के नाम रखने एवं गैरसैंण-धारगेड मोटर मार्ग का नाम स्वतन्त्रा संग्राम सैनानी बच्चन सिंह के नाम रखने की घोषणा भी की। इसके साथ ही उन्होंने गंगा गाय योजना के तहत दो महिला लाभार्थियों को 40-40 हजार रुपये के प्रदान किये। इस अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत जनपद चमोली एवं रूद्रप्रयाग के 1054 लघु एवं सीमांत कृषकों को दो प्रतिशत ब्याज दर 01 लाख रूपये तक के कृषि ऋण के चेक भी वितरित किये। 

मेला में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के शिक्षित नौजवानों को कृषि के प्रति प्रोत्साहित करते हुए नई तकनीकि के साथ कृषि क्षेत्र से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकि की सहायता से कृषि क्षेत्र में क्रान्ति लायी जा सकती है। डिग्री काॅलेज में पढने वाले विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए बीमा योजना भी शुरू की गयी है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षित बेरोजगार युवकों को रोजगार से जोड़ने के लिए सीमांत जनपद चमोली व पिथौरागढ में कौशल विकास केन्द्र खोलने का निर्णय लिया जा चुका है। सेना में भर्ती होने के इच्छुक नौजवान युवक एवं युवतियों के लिए गढवाल एवं कुमांऊ मण्डल में दो प्रशिक्षण केन्द्र भी खोले जायेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश सैनिक बाहुल्य प्रदेश है। इसको देखते हुए सरकार ने देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिक व अर्द्ध सैनिक बलों के परिवार के एक सदस्य को राजकीय सेवा में लिये जाने का भी निर्णय लिया है, जिसका शासनादेश जारी हो चुका है। 

क्षेत्रीय विधायक  सुरेन्द्र सिंह नेगी ने लम्बित डायट भवन एवं पाॅलीटेक्निक छात्रावास निर्माण के लिए धन आवंटन की मांग भी सीएम के समक्ष रखी। मेला समिति के उपाध्यक्ष एंव नगर पालिका अध्यक्ष  मुकेश ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की समस्या से अवगत कराते हुए चार सूत्रीय मांग पत्र भी दिया। जिसमें उन्होंने गौचर में मल्टी स्टोरी वाहन पार्किंग, पूर्व में घोषित पशु चिकित्सा महाविद्यालय व उत्तराखण्ड बोली भाषा संस्थान स्थापित करने, गौचर में सर्किट हाउस/स्टेट लेवल का गेस्ट हाॅउस बनाने की मांग रखी। मेले के उद्घाटन के दौरान स्थानीय स्कूली बच्चों एवं सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गयी।

इस अवसर पर क्षेत्रीय बद्रीनाथ विधायकमहेन्द्र भट्ट, रूद्रप्रयाग विधायक  भरत चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती मुन्नी देवी शाह, जिलाधिकारी आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक सुश्री तृप्ति भट्ट सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

मंगलवार गौचर में शुरू होने वाले इस 67वें राज्यस्तरीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले प्रात: रावल देवता की पूजा, स्थानीय शिक्षण संस्थाओं की प्रभातफेरी, झंडा रोहण, मार्चपास्ट व खेल मैदान में बालक-बालिकाओं की क्रीड़ा प्रतियोगिता, शिशु प्रदर्शनी, नेहरू चित्रकला प्रतियोगिता शुरू की गयी वहीँ मंगलवार रात्रि को स्थानीय शिक्षण संस्थाओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम, फैंसी ड्रेस के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
15 नवंबर को प्रात: पंतजलि योग समिति की ओर से पांडाल में योग, क्रीड़ा मैदान में खेलप्रतिस्पद्र्धा, जीव संरक्षण में सहभागिता, पर्यावरण गोष्ठी, पशुपालन, दुग्ध विकास, सूचना विभाग रूपकुंड गाइड व प्रार्टस सोसायटी की प्रस्तुति, रम्माण नृत्य व रात्रि को प्रसिद्ध गायिका वसंती बिष्ट के सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गए हैं।
16 नवंबर को खेलकूद प्रतियोगिता, समाजकल्याण, कृषि उद्यान गोष्ठी, जौनसारी लोकनृत्य, कुमाऊंनी गायन के कार्यक्रम व रात्रि को लोकजागृति विकास संस्था कर्णप्रयाग के कार्यक्रम होंगे।
17 नवंबर को मेला पांडाल में स्थानीय शिक्षण संस्थाओं की भाषण प्रतिस्पर्धा, गोदांबरी चेरिटेबल ट्रस्ट प्रतिभावान छात्रों को पुरस्कार वितरण, क्विज प्रतियोगिता, भोटिया सांस्कृतिक मंच कार्यक्रम व रात्रि को जौनसारी लोकगायक नंदलाल भारती की प्रस्तुति पेश होगी।
18 नवंबर को मेला मंच पर पूर्व सैनिक सम्मेलन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मेलन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की गोष्ठी व रात्रि को जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के रंगारंग कार्यक्रम होंगे।
19 नवंबर को पत्रकार सम्मेलन, इंदिरा गांधी जन्म दिवस पर महिला संगोष्ठी, कवि सम्मेलन व दरबान नेथवाल व मीना राणा के सांस्कृतिक कार्यक्रम रखे गये हैं।
20 नवंबर को मेले के समापन पर स्थानीय शिक्षण संस्थाओं व मेले में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया जायेगा ।

  • परंपरागत खेती के स्थान पर व्यावसायिक खेती अपनाने पर सरकार का जोर 
  • पंचेश्वर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार
  • प्रभावितों के पुख्ता पुनर्वास और विस्थापन के बाद ही होगा परियोजना का कार्य शुरू

 वहीँ मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने ऐतिहासिक जौलजीबी मेले का भी शुभारंभ करते हुए अपने संबोधन में कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने हेतु सरकार कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों को 02 प्रतिशत के सस्ते ब्याज पर एक लाख रूपये तक का कृषि ऋण दिया जा रहा है। 

उन्होंने मेले में आए लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि काली व गोरी नदी के संगम तट पर आयोजित यह मेला भारत और नेपाल के आपसी संबंधों को भी मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच जिस तरह से रोटी बेटी के संबंध रहे हैं, यह मेला उसी तरह दोनों देशों की साझी संस्कृति को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देता आ रहा है।

उन्होंने पंचेश्वर बांध को देश के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। प्रभावितों के पुख्ता पुनर्वास और विस्थापन के बाद ही परियोजना का कार्य शुरू होगा। इसके लिए राज्य सरकार कदम उठा रही है। सीएम ने कहा कि सरकार सीमांत और दूरस्थ क्षेत्रो के प्रति गंभीर है।

उन्होंने अब परंपरागत खेती के स्थान पर व्यावसायिक खेती अपनाने को कहा। इसके लिए गुलाब की खेती के लिए प्रोत्साहित करते हुए धारचूला मुनस्यारी की घाटियों में सहकारिता के माध्यम से गुलाब की खेती करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्र धारचूला एवं मुनस्यारी में सगंध खेती के लिए अनुकूल वातावरण है। इन गांवों में सोसाइटी बनाकर सगंध खेती कर स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने व्यवसायिक खेती को प्रोत्साहित किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र के विकास हेतु केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक विकास योजनायें संचालित की जा रही है। सीमांत क्षेत्रों में संचार एवं कनैक्टिविटी की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से बैलून तकनीक का प्रयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान किये जाने हेतु राज्य के 12 चिकित्सालयों में टेलीरेडियोलाॅजी की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक बिशन सिंह चुफाल, मीना गंगोला, हरीश धामी, जिलाधिकारी सी.रविशंकर, पुलिस अधीक्षक अजय जोशी, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, आदि उपस्थित थे। 

इससे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को जनपद पिथौरागढ के विकासखण्ड धारचूला के जौलजीवी में जौलजीवी मेला एवं विकास प्रर्दशनी-2017 का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने 57 करोड़, 98 लाख, 52 हजार रूपये की लागत के कुल 27 निर्माण कार्यों का शिलान्यास एवं लोकापर्ण किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न घोषणाये की। जिनमें बलुवाकोट डिग्री काॅलेज में आगामी शिक्षा सत्र से स्नाकोत्तर की कक्षाएं प्रारम्भ किये जाने, सोसा में मिनी स्टेडियम का निर्माण किये जाने, तवाघाट में तटबंध निर्माण, नगर पंचायत धारचूला के ग्वालगांव में सिवर लाईन निर्माण, धारचूला में पं.दीनदयाल उपाध्याय पार्क का निर्माण, दूतीबगड़-जौलजीबी में पंचायत घर का निर्माण, बलुवाकोट डिग्री काॅलेज में मिनी स्टेडियम के निर्माण, दारमा-चैदास व्यासघाटी में ट्रेकिंग मार्ग का निर्माण, तांकुल में मिनी स्टेडियम के निर्माण, धारचूला नगर पालिका क्षेत्रान्तर्गत पार्किंग निर्माण एवं हाईटेक शौचालय का निर्माण, मुनस्यारी विकास खण्ड के साइपोलो में पेयजल लाईन के निर्माण की घोषणाएं शामिल है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जौलजीबी मेला एवं विकास प्रर्दशनी को 05 लाख रूपये दिये जाने की भी घोषणा की।

 

 

 

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