UTTARAKHAND

प्रमुख वन संरक्षक ने राजाजी पार्क में व्याप्त अनिमियतताओं पर बैठाई जांच

Hoff ने राजाजी टाइगर रिज़र्व में पिछले पांच सालों के दौरान हुए कार्यों पर बैठा दी जांच 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : बीते लगभग आठ वर्षों से राजाजी पार्क के एक भ्रष्ट अधिकारी की हिटलरशाही के चलते चर्चाओं में हैं।  तमाम मामलों के सूबे के प्रमुख वन संरक्षक के संज्ञान में आते ही उन्होंने राजाजी पार्क में हुए पिछले पांच वर्षों के कार्यकलापों पर जांच बैठा दी है। 
गौरतलब हो कि राजाजी पार्क बीते सात-आठ वर्षों से चर्चाओं में रहा है। इतना ही नहीं यह मामला उत्तराखंड हाई कोर्ट तक भी पहुँच चुका है लेकिन पार्क में एक अधिकारी के ऊँचे संबंधों के चलते कोई भी उसका बाल भी बांका नहीं कर पाया है इसी का परिणाम है कि अब यह चर्चित अधिकारी हिटलरशाही पर उतर आया है, विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों को यह लगने लगा है कि जैसे यह राजाजी पार्क का सरकार की जगह खुद मालिक हो। 
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गौरतलब हो कि इससे पहले आईएफएस अधिकारी मनोज चंद्रन के नेतृव में राजाजी पार्क की तमाम गड़बड़ियों को लेकर जांच की जा चुकी है लेकिन यहाँ तैनात एक अधिकारी के एक तत्कालीन अपर मुख्य सचिव से गहरे संबंधों के चलते मनोजचंद्रन की यह रिपोर्ट शासन में धूल फांक रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि राजाजी टाइगर रिज़र्व के अंतर्गत मोतीचूर रेंज में भारी वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं।  इतना ही नहीं इस घपले घोटाले में दो रेंजरों के खिलाफ विभाग द्वारा कार्रवाही भी की गयी लेकिन ऊँची पहुँच वाले इस अधिकारी को एक बार फिर बचा दिया गया। 

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एक बार फिर अब प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए राजाजी टाइगर रिज़र्व में पिछले पांच सालों के दौरान हुए कार्यों पर जांच बैठा दी है।  जो राजाजी टाइगर रिज़र्व में हुए वित्तीय घपले -घोटालों की जांच कर HoFF को रिपोर्ट देगी। यह जांच कमेटी अपर प्रमुख वन संरक्षक प्रशासन की अध्यक्षता में बनाई गई है जिसमें मुख्य वन संरक्षक कार्मिक प्रबंधन, वित्त नियंत्रक वन विभाग और अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालक राजाजी टाइगर रिज़र्व को सदस्य के रूप में नामित किया गया है।  

पिछली जांचों की रिपोर्ट यहां क्लिक कर देखें

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