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सीबीआई एनएच- 74 मुआवजे घोटाले की जांच को तैयार : मुख्यमंत्री

एसआईटी ने एनएच- 74 मुआवजे घोटाले में रुद्रपुर से देहरादून तक मारे छापे 

पूर्व एसएलएओ अनिल शुक्ला के आवास से मिले तमाम दस्तावेज

एसआईटी ने कर्मचारियों व किसानों के बयान दर्ज किए

दो निलंबित पीसीएस अफसरों समेत नौ लोगों के ठिकानों पर छापे

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज बजट सत्र के दौरान अनौपचारिक रूप से मीडिया को दिए बयान में कहा कि एनएच- 74 मुआवजे घोटाले की जांच करने के लिए सीबीआई तैयार है और उसने इसकी औपचारिकताएं भी पूरी करनी शुरू कर दी है उन्होने म्मीद जताई कि अब जल्द ही जांच शुरू हो जाएगी। एनएच 74 घोटाले की जांच करने के लिए सीबीआई ने अपनी सहमति दे दी है। बुधवार को विधानसभा भवन में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में औपचारिक नोटिफिकेशन होते ही सीबीआई अपनी जांच प्रारम्भ कर देगी। राज्य सरकार की करप्शन पर जीरो टोलरेंस की नीति है। एनएच 74 घोटाले पर वर्तमान में राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। बहुत सी जगहों पर छापेमारी की गई है। अनेक अधिकारियों को निलम्बित किया गया है। घोटाले में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नही जाएगा।

गौरतलब हो कि विधानसभा के बजट सत्र के शुरूहोते ही विपक्ष एनएन-74 की सीबीआई जांच पर सदन में बार-बार सरकार को घेर रहा था।लेकिन सत्ता पक्ष गडकरी के एक पत्र के कारण कुछ भी बयान दे पाने में अपने असहज महसूस कर रहा था, लेकिन अब मुख्यमंत्री रावत के बयान के बाद विपक्ष के पास सरकार को घेरने का कोई भी मुद्दा शेष नहीं बचा, और सरकार के मुखिया के सत्र के बीच में ही सीबीआई जांच शुरू करने की सहमति के बयान ने विपक्ष को चारों खाने चित्त कर दिया है।

उधर दूसरी तरफ एनएच 74 के करीब तीन सौ करोड़ के मुआवजा घोटाले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने एसएसपी सदानंद दाते के निर्देश पर दो निलंबित पीसीएस अफसरों समेत नौ लोगों के ठिकानों पर छापे मारे गए। छापे में पूर्व एसएलएओ अनिल शुक्ला के आवास से पुलिस को इस घोटाले से जुड़ी कई पत्रावलियां बरामद हुई हैं। इसके अलावा अन्य स्थानों से भी पुलिस को महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लगे हैं। पूर्व एसएलएओ डीपी सिंह तो पुलिस टीम को नहीं मिले। लेकिन पुलिस ने उनके देहरादून स्थित आवास एवं ससुराल में जरुर छापेमारी की है। एसआईटी ने बुधवार को एसएसपी के सभागार में एसआईटी की टीम ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा कुछ काश्तकारों के बयान भी दर्ज किए हैं।

एसआईटी के सीओ ने निलंबित पीसीएस अनिल शुक्ला के सरकारी आवास पर मारा छापा

बुधवार को एसआईटी के विवेचक सीओ सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने निलंबित पीसीएस अफसर अनिल शुक्ला के सरकारी आवास पर छापा मार कर तलाशी ली तो उन्हें एनएच घोटाले से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण फाइलें हाथ लगी, जिन्हें उन्होंने कब्जे में ले लिया है । सिंह ने शुक्ला से लंबी पूछताछ की। इसके अलावा एसपी क्राइम कमलेश उपाध्याय के नेतृत्व में देहरादून गई टीम ने पीसीएस अफसर डीपी सिंह के आवास पर छापेमारी की, मगर वह आवास से नदारद मिले। पुलिस ने उनकी ससुराल में भी छापेमारी की, लेकिन वह कहीं नहीं मिले। उन्हें 160 के तहत पुलिस ने नोटिस दिया है। इसके अलावा एसआईटी ने काशीपुर में सरकारी कर्मचारी विजेंद्र सिंह, भुवन प्रकाश मिश्रा एवं दया सागर के घरों पर भी छापे मारे गए।

वहीँ बाजपुर में चंद्रपाल, सितारगंज में राम जगदीश राणा, हल्द्वानी में संतोष कुमार बुधलाकोटि, सिसईखेड़ा (नानकमत्ता) में तहसीलदार शेर सिंह राणा के आवास पर छापे डाले गए। पुलिस सूत्रों के अनुसार यह सभी एनएच घोटाले के आरोपी हैं और इन घरों से सर्च के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज जांच दल को मिले हैं।

उधर, एसएसपी कार्यालय सभागार में एसआईटी ने जांच की और कुछ सरकारी कर्मचारियों एवं किसानों के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को सितारगंज के पेशकार नीरज कुमार, नायब नाजिर संबंद्ध एसडीएम दफ्तर मनोज शर्मा, रिटायर्ड वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी शिव सिंह राणा समेत कई कर्मचारियों से एनएच घोटाले के बाबत पूछताछ की गई। साथ ही किसान अजीत सिंह, सिसईखेड़ा निवासी त्रिवेणी सिंह, सुखदेव सिंह, हरवंश सिंह, नरेश सिंह आदि से भी पूछताछ की गई।

मामले में एक और पीसीएस अफसर की जल्द हो सकती है गिरफ्तारी
एनएच घोटाले में शामिल एक पीसीएस अफसर की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है। जिस तरह एसआईटी ने जांच में एकाएक तेजी दिखाई है उससे अफसरों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। कुछ अधिकारी पुलिस को जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। यह माना जा रहा है कि निकट भविष्य में एक निलंबित पीसीएस अफसर को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।

एनएच घोटाले की जांच में सीएम के दौरे की वजह से आई तेजी
एसआईटी की जांच में अचानक आई तेजी की वजह कहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का कल होने वाला दौरा तो नहीं। यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर एसआईटी की जांच में अचानक तेजी आई है, क्योंकि मुख्यमंत्री को मीडिया इस मुद्दे पर जरूर घेरेगी। मुख्यमंत्री को बताने के लिए भी कुछ होना चाहिए। यहां बता दें कि चार महीने पहले दर्ज एनएच घोटाले की एफआईआर की जांच कछुआ गति से चल रही थी।

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