भाजपा के स्टार प्रचारकों पर प्रत्याशियों का इन्कार !
प्रत्याशियों ने माँगा स्टार प्रचारकों की सभाओं पर होेने वाला संभावित खर्च
देहरादून । भारतीय जनता पार्टी ने जहां अपनी ओर से स्टार प्रचारकों की कारपेट बांबिंग की तैयारी की है तो दूसरी ओर प्रत्याशियों की ओर से इससे इंकार किये जाने की खबरें आने लगी हैं। अगर यह रूझान व्यापक रूप ले गया तो नेतृत्व के लिये नई समस्या खडी होना तय है।
भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही पांच लोकसभा क्षेत्रों में पांच जनसभायें होनी हैं। ये देहरादून में पिछले दिनों हुई परेड ग्राउन्ड रैली के अतिरिक्त होंगी। इसी प्रकार पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की नौ सभायें होनी है जबकि सांसद मथुरा से सांसद तारिका हेमा मालिनी और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की छह-छह सभायें होनी हैं। इस तरह पार्टी को 20 से ज्यादा स्टार प्रचारकों की सेवायें मिली है जिनमें चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्रीगण धर्मेन्द्र प्रधान व जय प्रकाश नड्ढा भी शामिल हैं।
लेकिन एकाएक लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने स्टार प्रचारकों की पांच सभाओं के स्थान मांगे गये तो उन्होने साफ कर दिया कि उन्हें किसी भी स्टार प्रचारक की चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक सभायें चाहियें ही नहीं। उल्टे उन्होने नेतृत्व से फर्माइश कर डाली है कि उनके खिलाफ बेहद धनी प्रत्याशी है और पार्टी हो सके तो इन स्टार प्रचारकों की सभाओं पर होेने वाला संभावित खर्च उन्हे नकद दे दे ताकि वे विपक्षी धन्ना सेठ प्रत्याशी का ढंग से मुकाबला कर सकें।
राजधानी की रायपुर विधानसभा सीट के प्रत्याशी उमेश शर्मा काउ के रणनीतिकारों की भी पिछले चुनाव के अनुभव को देख राय बन रही है कि यहां काउ को किसी स्टार प्रचारक के साथ अपना समय खराब करने की बजाय अपने संपर्क और कार्यकर्ता के दम पर ही चुनाव लड़ना चाहिये । यदि यह सब चलता रहा तो पार्टी नेताओं की अगली समस्या यह है कि इतने स्टार प्रचारकों को खपायें कहां ? हां, कुछ प्रत्याशियों ने स्थानीय स्टार प्रचारकों सांसद भगत सिंह कोश्यारी में जरूर रूचि दर्शायी है जो स्थानीय जनता के साथ आसानी से तारतम्य स्थापित कर लेते हैं । इनके नखरे भी दूसरे राष्ट्रीय स्तर के स्टार प्रचारकों जैसे नही होते।