भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सहयोग से एम्स ऋषिकेश में लाॅ इनर्जी लीनियर एक्सेलरेटर मशीन हुई स्थापित
नई मशीन की सुविधा से अब प्रतिदिन लगभग 160 मरीजों को दी सकेगी रेडियोथेरेपी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
ऋषिकेश : कैन्सर के मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है। एम्स ऋषिकेश में अत्याधुनिक तकनीक आधारित एक अन्य रेडियोथेरेपी मशीन स्थापित की जा चुकी है। 15 करोड़ रुपये लागत वाली इस मशीन के स्थापित होने से कैन्सर के मरीजों को अब रेडियोथेरेपी के लिए लम्बा इन्तजार नहीं करना पड़ेगा। देशभर में एम्स ऋषिकेश ऐसा पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है जहां अति आधुनिक उच्च तकनीक की इस हेल्सियोन मशीन को स्थापित किया गया है।
कैन्सर के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी करवाने वाले मरीजों को अब लम्बा इन्तजार नहीं करना पडे़गा। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सहयोग से एम्स ऋषिकेश में लाॅ इनर्जी लीनियर एक्सेलरेटर मशीन स्थापित कर दी गयी है। एम्स ऋषिकेश के प्रेसिडेन्ट प्रोफेसर समिरन नंदी ने हाल ही में इस अत्याधुनिक तकनीक आधारित रेडियोथेरेपी मशीन का लोकार्पण कर इसे कैन्सर मरीजों के इलाज के लिए समर्पित किया।
उल्लेखनीय है कि कैन्सर के इलाज में विकिरण चिकित्सा का उपयोग किया जाता है। कैन्सर के उपचार के लिए एम्स में उत्तराखण्ड के अलावा, यूपी, हरियाणा, हिमाचल, बिहार और मध्य प्रदेश तक के मरीज आ रहे हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या अधिक होने से रेडियोथेरेपी करवाने के लिए अभी तक उन्हें महीनों का लम्बा इन्जतार करना पड़ता था। लेकिन अब नई हेल्सियोन मशीन लग जाने से एम्स में प्रतिदिन कैन्सर के अधिक मरीजों का इलाज हो सकेगा।
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रविकान्त ने बताया कि एम्स ऋषिकेश देश का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान है, जहां कैन्सर के मरीजों के इलाज के लिए यह हेल्सियोन मशीन स्थापित की गयी है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड और आस-पास के लोगों को विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना एम्स की प्राथमिकता है। भविष्य में रेडियोथेरेपी सुविधा को बढ़ाते हुए निकट भविष्य में उच्च तकनीक आधारित अन्य मशीनों को स्थापित किया जाएगा। ताकि गरीब और जरुरतमन्द रोगियों को इलाज के लिए लम्बी प्रतीक्षा न करनी पड़े और उन्हें समय पर उपचार मिल सके। प्रोफेसर रविकान्त ने बताया कि एम्स में शीघ्र ही एक एडवान्स आॅन्कोलाॅजी सेन्टर की स्थापना की जाएगी। यह सेन्टर पर्याप्त संख्या में रेडियोथेरेपी उपकरणों से सुसज्जित होगा।
इस बारे में रेडियोथेरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने बताया कि नई मशीन की सुविधा से अब प्रतिदिन लगभग 160 मरीजों की रेडियोथेरेपी की जा सकेगी। जबकि पहले लगभग 80 मरीजों की ही रेडियोथेरेपी हो पाती थी। नवीनतम तकनीक के आधार पर इस मशीन से कैन्सर वाले मरीजों में ट्यूमर को केन्द्रित कर विकिरण के माध्यम से न्यूनतम दुष्प्रभावों के साथ उपचार करने में आसानी होगी। इससे मरीज को साईड इफेक्ट भी नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि 15 करोड़ लागत वाली इस मशीन को स्थापित करने में एअरपोर्ट आथोरिटी आफ इन्डिया द्वारा काॅरपोरेट सोशल रेस्पोन्सिबिलिटी के तहत 10 करोड़ रुपये का सहयोग किया गया है। शेष 5 करोड़ रुपये एम्स संस्थान ने वहन किए हैं।