CAPITAL

एक तरफ हाई कोर्ट का डर तो दूसरी तरफ एनजीओ का ख़तरा!

हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब मंत्रिमंडल लेगा निर्णय!

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

आज के बाजार दर से बकाया किराया

स्वर्गीय एनडी तिवारी    1.12 करोड़
भगत सिंह कोश्यारी      47.57 लाख
बीसी खंडूड़ी               46.95 लाख
रमेश पोखरियाल         41.64 लाख
विजय बहुगुणा            37.50 लाख

देहरादून : स्वयं सेवी संस्था ”रुलक” द्वारा उत्तराखंड हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका पर नैनीताल हाई कोर्ट के निर्देश पर पूर्व मुख्यमंत्रियों से बाजारदर पर किराया वसूले जाने ले बाद अब सूबे के पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुविधाओं पर फैसला मंत्रिमडल फैसला लेगा। लेकिन यदि मंत्रीमण्डल इस विषय पर किसी भी तरह से पूर्वमुख्यमंत्रियों से वसूली के मामले में कोताही बरतता है तो सरकार को न्यायालय की अवमानना तक झेलनी पड़ सकती है।  लिहाज़ा सरकार कोई बीच का रास्ता निकलने की जुगत में लगी है ताकि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे। 

गौरतलब हो कि मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों बैठक में हाईकोर्ट के फैसले पर गहन मंथन किया गया। क्योंकि हाईकोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास की सुविधा वापस लेने, बाजार दर पर किराया वसूलने के निर्देश सरकार को दिए हैं। निर्देश के बाद राज्य सरकार को सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से लगभग सवा तीन करोड़ रुपये वसूलने हैं।

हालाँकि इससे पूर्व बाजार दर से किराया वसूली के खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी व विजय बहुगुणा ने पुनर्विचार याचिका भी दायर की थी लेकिन हाईकोर्ट ने इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को किसी भी तरह की कोई राहत नहीं दी। सरकार की सबसे बड़ी समस्या यह है कि उसे अब हाईकोर्ट के आदेशानुसार बाजार दर से किराया वसूलना है जिसमें मात्र स्वर्गीय तिवारी को छोड़ सभी भाजपा के मुख्यमंत्री हैं। यदि अब सरकार वसूली में कुछ ढिलाई बृत्ति यही तो वसूली न होने पर जहाँ सरकार पर हाईकोर्ट की अवमानना का अलग खतरा है वहीं सरकार को ख़तरा है कि जनहित याचिका डालने वाला एनजीओ कहीं अवमानना के मामले को लेकर फिर कहीं हिघ्कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तक न पहुँच जाय और सरकार की किरकिरी न हो जाय इसलिए सरकार मामले में फूंक फूंक कर कदम बड़ा रही है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यसचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि वह मत्रिमंडल के पास हाईकोर्ट के आदेश सहित मौजूदा बाजार का किराये का विस्तृत ब्योरा रखेगी उसके बाद मंत्रिमंडल का जो भी निर्णय होगा उसके हिसाब से आगे बढ़ा जायेगा।

 

Related Articles

Back to top button
Translate »