कैबिनेट का फैसला : उत्तराखंड में सातवें वेतन आयोग को मंजूरी
गेस्ट टीचरों को एक मौका, तीन साल के बाद होंगे स्थायी
देहरादून : राज्य कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने को मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में दो कैबिनेट मंत्रियों की सब कमेटी इसे लागू करने की प्रक्रिया तय करेगी। वहीं आठ वर्ष की सेवाएं पूरी कर चुके उपनल समेत अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा पर रखने का निर्णय भी ले लिया गया।
इसी क्रम में गेस्ट टीचरों को स्थायी नौकरी देने के लिए तीन साल की संतोषजनक सेवा देने की शर्त रखते हुए कैबिनेट ने एक अहम प्रस्ताव पास किया है। बुधवार को एक बार फिर कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें शेष प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी।
कैबिनेट की बैठक में शिक्षा विभाग की तीन नियमावलियों में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इनमें उत्तराखंड अल्पकालिक शिक्षक सेवा भर्ती नियमावली-16, उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षक प्रवक्ता संशोधन नियमावली-16 और उत्तराखंड अधीनस्थ शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी (टीजीटी) संशोधन सेवा नियमावली-16 शामिल हैं।
इसके तहत अल्पकालिक शिक्षक सेवा में शिक्षा विभाग के खाली पदों पर भर्ती के लिए गेस्ट टीचरों से सरकार आवेदन मांगेंगी। इसमें वरीयता के आधार पर चयन किया जाएगा। चयन के बाद तीन साल तक इन्हें संविदा पर कार्य करना होगा। इस दौरान इन्हें अस्थायी टीचर का वेतन मिलता रहेगा।
इसके बाद परमानेंट करने के मौके पर परफार्मेंस चेक की जाएगी। इसके बाद लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अपने स्तर से इनकी नियुक्ति करेगा।
इसी तरह शिक्षा आचार्यों का मामला भी बैठक में आया। कैबिनेट ने इस बात पर सहमति जताई कि शिक्षा आचार्यों को शिक्षा मित्र बना दिया जाए, इससे वे परमानेंट हो जाएंगे। मगर इसमें आरटीई के कुछ मानक हैं, जिसके लिए भारत सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है। इसके लिए जल्द ही आवश्यक कार्रवाई आरंभ की जाएगी।
यदि कैबिनेट के इस फैसले पर अमल होता है तो 786 शिक्षा आचार्यों को इसका लाभ मिलेगा। उप्र जमींदारी उन्मूलन एक्ट में संशोधन के एक प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर लगी।
संशोधन के पश्चात पट्टेदारों और कृषि भूमि पर अवैध कब्जेदारों के पक्ष में भूमि फ्री होल्ड की जाएगी। इसके लिए अवैध कब्जों का चिन्हीकरण किया जाएगा। साथ ही भूमि की श्रेणी भी बदली जाएगी।
टिहरी विस्थापितों के संबंध में प्रस्तुत किए गए एक प्रस्ताव में उनकी जमीन को बिक्री किए जाने का अधिकार विस्थापितों को प्रदान किया जाएगा। एक अन्य फैसले में इमारती लकड़ी के बुरादे को टैक्स फ्री कर दिया गया है ।
कैबिनेट की बैठक के प्रमुख फैसले-
– मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट मंत्री इंदिरा ह्रदयेश और नवप्रभात की सब-कमेटी सातवें वेतन आयोग के निर्णयों को लागू करने पर लेगी फैसला।
-उपनल समेत अन्य आउटसोर्स कर्मचारियों को संविदा पर रखने का निर्णय।
– गेस्ट टीचरों को तीन साल तक संविदा पर रखा जाएगा। संतोषजनक सेवा देने वाले शिक्षकों को लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग स्थायी करेगा।
– राज्य के स्कूलों में कार्यरत तीन हजार भोजन माताओं को वर्दी भत्ते के रूप में एक हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इससे राज्य पर करीब तीन करोड़ का वित्तीय भार आएगा।
– मंडी समिति एवं कृषि विपणन बोर्ड में अनुभाग अधिकारी और निजी सचिव को 4800 ग्रेड-पे, कनिष्ठ सहायक को 2000 ग्रेड-पे, संगणक को 4600 का ग्रेड-पे पर प्रोन्नत किया जाएगा।
– उपखंड शिक्षाधिकारियों को विद्यालय निरीक्षक संवर्ग में प्रोन्नति में दिक्कत को देखते हुए उत्तराखंड प्रशासनिक संवर्ग सेवा नियमावली 2013 में संशोधन किया गया है।
– उप्र जमींदारी उन्मूलन एक्ट में संशोधन करते हुए पट्टेदारों और कृषि भूमि पर अवैध कब्जों को फ्री होल्ड किया जाएगा। अवैध कब्जों का चिन्हीकरण करने के अलावा श्रेणी में बदलाव होगा।
– कीर्ति चक्र विजेता सुर्जन सिंह की माता सुरेशी देवी को रायपुर में राज्य सरकार की ओर से 1180 वर्ग मीटर भूमि निशुल्क आवंटित होगी।
– वर्ग-4 की भूमि के सर्किल रेट में संशोधन करते हुए 2000 रुपये का सर्किल रेट विनियमितीकरण के लिए तय किया है। इससे खासतौर पर गोविंदगढ़ टीचर्स कालोनी के लोगों को लाभ मिलेगा।
– गैरसैंण सड़क अवस्थापना विकास निगम को बनाए जाने के प्रस्ताव की मंजूरी दे गई है। गैरसैंण सत्र में सीएम ने इसकी घोषणा की थी, मगर इस पर कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई थी।
– कारगिल शहीदों के कारपस फंड में पैसे की कमी को मुख्यमंत्री घोषणा प्रकोष्ट से पूरा किया जाएगा। इस फंड से शहीदों के आश्रितों को वजीफा समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
– वित्तीय संकट से जूझ रहे उत्तराखंड आवास एवं निर्माण सहकारी संघ लि. के लिए दस करोड़ के ऋण की गारंटी राज्य सरकार लेगी। इस धन से संघ के अटके कार्यों को किया जाएगा।
– ग्रामीण अभियंत्रण सेवाएं (आरईएस) में ग्रामीण सड़कें व ड्रेनेज विभाग को मर्ज कर दिया गया है। आरईएस के अधीन एक प्रकोष्ठ बनाकर ड्रेनेज विभाग का कामकाज देखा जाएगा।
– सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण अधिनियम-2003 में संशोधन किया गया है। संशोधन के बाद प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा तीन सदस्य होंगे, जो अभी दो होते थे।
– पेयजल निगम में कार्यरत दो अवर अभियंताओं के अलावा नैनीताल में विक्रय सहायक और ऊधमसिंह नगर ब्वायलर अटेंडेंट को प्रोन्नति के आयु सीमा में शिथिलीकरण का लाभ।