HARIDWAR

रिश्वत लेकर काम करने वालों लेखपालों की संपत्ति की जांच करायेंगे : यतीश्वरानंद

  • झुकूंगा नहीं, चाहें जेल ही क्यों न जाना पड़े : विधायक 

HARIDWAR : भाजपा विधायक स्वामी यतीश्वरानंद द्वारा लेखपाल के साथ चेक वितरण के मामले में कथित बदतमीजी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ जहाँ विधायक स्वामी ने अब अपने तेवर और कड़े कर लिए हैं। वहीँ उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह झुकेंगे नहीं और जेल जाने तक को भी तैयार हैं। विधायक यहीं नहीं थमें, उन्होंने लेखपालों पर रिश्वत लेकर काम करने के आरोप लगाते हुए कहा कि इनकी संपत्ति की जांच कराने को विधानसभा सत्र में सवाल लगाया जाएगा। साथ ही सालों से एक ही स्थानों पर जमे लेखपालों के तबादले की मांग की जाएगी। वहीँ उत्तराखंड लेखपाल संघ का कहना है कि जनप्रतिनिधि को सीधे लेखपाल से बात करने का कोई अधिकार नहीं नहीं है. उनके ऊपर तहसीलदार, एसडीएम और डीएम जैसे अधिकारी होते हैं । यदि विधायक को या किसी को कोई समस्या है तो अफसरों को बताएं। उन्होंने कहा उन लोगों (लेखपाल) की जवाबदेही अपने आला अधिकारी के प्रति है न कि किसी जनप्रतिनिधि के प्रति।  

वेद मंदिर में विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह किसी से माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वह इस प्रकरण में जेल जाने को भी तैयार हैं। उन्होंने लेखपालों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए कहा कि तहसील से बनने वाले प्रमाण पत्र, पैमाइश, हैसियत प्रमाण पत्र, दाखिल खारिज, पैतृक संपत्ति को वारिसों के नाम करने, खसरा खतौनी, भूमि का स्वरूप बदलने जैसे काम करने के एवज में पैसे लिए जाते हैं। ये लेखपाल अवैध खनन से लेकर अन्य समस्त कार्यों में लिप्त हैं। ये भैस-बुग्गी से खनन करने वालों को भी नहीं बख्शते।

उन्होंने कहा कि संजय सैनी, रमेश, अंबरीष, नवीन, अनुज यादव, मोतीलाल, इंद्र विक्रम सिंह रावत, ऋषिपाल, सुशील आदि लेखपालों की संपत्ति की जांच कराने को विधानसभा में प्रश्न लगाकर कार्रवाई की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन तहसील में विजिलेंस की टीम बैठाई जाए, ताकि इनकी जांच की जा सके। जब कोई व्यक्ति रुपये नहीं देता है तो ये लेखपाल उसे तहसील के चक्कर काटने को मजबूर करते हैं। विधायक ने कहा कि लेखपालों के रवैय्ये से परेशाम आमजन प्रतिनिधियों के पास जाएगा तो उसकी पीड़ा सुनी ही जाएगी। उन्होंने कहा कि वह लेखपालों के इस मामले तो क्या जनहित के अन्य किसी भी मामले में नहीं झुकेंगे।

गौरतलब है कि भाजपा के हरिद्वार ग्रामीण सीट से विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने चेक वितरण के मामले में नाराजगी जताते हुए लेखपाल इंद्र विक्रम सिंह रावत के साथ बदतमीजी की। इसका ऑडियो वायरल होने पर मामला चर्चाओं में आ गया। ऑडियो में विधायक लेखपाल के बाप तक पहुंच गए थे। लेखपाल एसोसिएशन ने विधायक से माफी मांगने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई न होने पर हड़ताल की चेतावनी दी है।

वहीँ उत्तराखंड लेखपाल संघ का कहना है कि ऑडियो वायरल होने के बाद लेखपाल खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। संघ ने हड़ताल जैसे निर्णय से इंकार किया है। अलबत्ता डीएम के सामने अपनी समस्या उठाने का निर्णय लिया है। संघ का कहना है कि किसी भी मुद्दे या फरियादी संबंधित मामले में किसी भी जनप्रतिनिधि को उनकी बजाय उच्च अधिकारियों से बात करनी चाहिए।

उत्तराखंड लेखपाल संघ की उपशाखा हरिद्वार के अध्यक्ष संजय सैनी ने बताया कि इस घटनाक्रम से लेखपाल खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। अब जिलाधिकारी से मिलने का समय लिया जा है। उनसे मिलकर सुरक्षा की मांग की जाएगी। इस मामले में हड़ताल जैसा कोई इश्यू नहीं है। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों को उनसे सीधे बात करने का कोई अधिकार नहीं है। उनके ऊपर तहसीलदार, एसडीएम और डीएम हैं। यदि किसी की समस्या है तो अफसरों को बताएं। उन लोगों (लेखपाल) की जवाबदेही अपने आला अधिकारी के प्रति है न कि किसी जनप्रतिनिधि के प्रति ।

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