देहरादून कम्युनिटी लिट्रेचर फेस्टिवल
चार दिवसीय ‘डीसीएलएफ‘ का शुभारंभ
सोनाली बेंद्रे की पुस्तक ‘द माडर्न गुरूकुल पर सत्र का आयोजन
देहरादून । राजपुर रोड स्थित एक क्लब में चार दिवसीय ‘देहरादून कम्युनिटी लिट्रेचर फेस्टिवल‘ के दूसरे संस्करण के पहले दिन का शुभारंभ हुआ। फेस्टिवल का आयोजन वर्ल्ड इंटीग्रीटी सेंटर इंडिया देहरादून‘ व ‘द वर्ल्ड इंटीग्रीटी फाउंडेशन‘, मधुबन ग्रुप व ‘हार्वड क्लब ऑफ इंडिया‘ द्वारा किया गया। फेस्टिवल के पहले दिन लेखक व वक्ताओं में सोनाली बेंद्रे बेहल, जतिन दास, रोहिंटन दारूवाला, नाज़िया युसुफ इजुद्दीन, मिली अश्वर्य उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के पहले दिन दो सत्र आयोजित किए गये। पहला सत्र इसेन्शॅल आर्ट- इसेन्शॅल पोइट्री, जर्नी ऑफ एन आर्टिस्ट पर आाधरित रहा। इस सत्र की मेजबानी जतिन दास व रोहिंटन दारूवाला ने संयुक्त रूप से की। सत्र का संचालन डीसीएलएफ की चेयरपर्सन नाज़िया युसूफ इजुद्दीन ने किया। पहले सत्र के दौरान जतिन दास ने कहा कि, प्रत्येक मनुष्य क्रिएटिव व गॉड गिफ्टेड होता है।
जतिन ने कहा कि, वे प्रदर्शनकर्ता नही है बल्कि एक कलाकार है। यह जरूरी नही है कि हर कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन दुनियाभर में करे। उन्होंने आगे कहा कि, वे एक ऐसे कलाकार है जो एकांत होकर काम करना पसंद करते हैं। साथ ही उन्होंने रचनात्मक कार्यों को करने के लिए पैसा और शक्ति दोनो छोड़कर कार्य पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही। जतिन दास समकालीन कलाकार हैं और 50 सालों से पेंटिंग कर रहे हैं। इन्होंने भारत सहित विदेशों में 55 से अधिक वन मैन प्रदर्शनियों का आयोजन किया है। रोहिंटन दारूवाला ने सत्र के दौरान कहा कि, प्रत्येक बच्चे के अंदर एक कलाकार छुपा होता है। रोहिंटन दारूवाला ‘द सैन्ड लाइब्रेरिज ऑफ िंटंबकटु‘ पुस्तक के लेखक हैं।
दूसरा सत्र सोनाली बेंद्रे बेहल द्वारा लिखी पुस्तक ‘द माडर्न गुरूकुलः माई एक्सपेरीमेंट्स विद् पैरेंट्स‘ पर आाधरित रहा। मिली अश्वर्या ने इस सत्र का संचालन किया। मिली अश्वर्या पेंग्विन रैंडम हाउस में वाणिज्यिक और व्यवसायिक पुस्तकों की चीफ एडिटर है। सोनाली बेंद्रे बेहल प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री हैं। ‘द माडर्न गुरूकुलः माई एक्सपेरीमेंट्स विद् पैरेंट्स‘ उनकी पहली पुस्तक है।
सोनाली बेंद्रे द्वारा लिखी यह पुस्तक पहली बार मां के रूप में उनकी यात्रा, उपलब्धियों और चुनौतियों पर प्रकाश डालती है। इस सत्र में बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे बेहल ने अपनी पुस्तक ‘द माडर्न गुरूकुलः माई एक्सपेरीमेंट्स विद् पैरेंट्स‘ से दूनवासियों को रूबरू करवाया। सत्र के दौरान सोनाली ने कहा कि, देहरादून को एजुकेशन हब माना जाता है। देशभर के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने देहरादून सिटी आते हैं। सोनाली ने कहा कि, उन्हें पूरी उम्मीद है कि, उनकी पुस्तक को देहरादून के साहित्य व पुस्तक प्रेमी काफी पसंद करेंगे। हाल ही में सोनाली ने सोशल मीडिया पर सोनाली बुक क्लब की शुरूआत की है।
उन्होंने कहा कि, यह उनके लिए गर्व का विषय है कि, वह एक प्रकाशित पुस्तक की लेखिका हैं। सोनाली ने बताया कि, उन्हें लिखने की प्रेरणा इसलिए मिली क्योंकि उन्हें बचपन से ही पुस्तकें पढ़ने में रूचि रही है। उन्हें बचपन से नई किताबों की खुशबू पसंद है। सोनाली बेंद्रे ने डीसीएलएफ व देहरादून की खूबसूरती को भी सराहा।
डीसीएलएफ की चेयरपर्सन नाज़िया युसूफ इजुद्दीन ने इस अवसर पर कहा कि, देहरादून कम्युनिटी लिट्रेचर फेस्टिवल साहित्य क्षेत्र में मार्गदर्शक व लाइफ कोच के रूप में बड़े पैमाने पर उत्तराखंड व देहरादून समुदाय को शिक्षित करने व जोड़ने का एक प्रयास है।
देहरादून लिट्रेचर एक जीवन स्रोत है, व लिट्रेचर फेस्टिवल एक समुदाय के सामाजिक, सांस्कृतिक डोर को समृद्ध बनाना है। उन्होंने आगे कहा कि, चर्चा और संवाद लोगों को अपने समाजों को सार्थक ढ़ंग से सोचने और योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस तरह की भागीदारी अच्छी नागरिकता के लिए आधार बनाती है।
देहरादून के सबसे बड़े साहित्यिक आयोजन के रूप में पहचाने जाने वाले इस चार दिवसीय डीसीएलएफ में संपूर्ण भारत से कवि, लेखक, फिल्म व टेलीविजन की हस्तियां, राजनेता, विचारक, पत्रकार, लोकप्रिय सांस्कृतिक हस्तियां, कलाकार, साहित्यकार, शिरकत कर रहे हैं। साथ ही प्रकाशकों द्वारा बुक फेयर का आयोजन भी किया गया है। पहले दिन दिल्ली के एका बैंड की शानदार परफॉर्मेंस के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। एका बैंड के कलाकार बेंजेमिन, हितेश व लोकेश ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।