मसूरी एम ,डी, डी, ए ,की काली करतूतों का पर्दाफाश
Black acts of Mussoorie M,D,D,A exposed
मसूरी -रिपोर्टर ,,,,,सतीश कुमार, कसमंडा लॉज स्टेड में पीलिंत एरिया को ताक पर रख कर किया कई गुना मानचित्र स्वीकृत ।शिकायत कर्ता मुकुल हांडा ने शिकायतों के पुलिंदे खोले ???
मसूरी ,,,,,पहाड़ो की रानी मसूरी में पिछले कई वर्षों से भूमाफिया सक्रिय हो गए हैं जो यहाँ की भूमि को दिल्ली व अन्य जगहों के सेठों को बेच रहें हैं यही नहीँ वो बिल्डिंग बनाने से लेकर सभी विभागों से एनओसी लेने तक का ठेका कर लेतें हैं ओर फिर शुरू होता है विभागों से सांठगांठ का शिलशिला जिसमे नगर पालिका ,वन विभाग,जलसंस्थान ,फायर सर्विस ,खनन विभाग, आदि आदि ।
अब जरा आप भी जानिये की ये गोरखधंधा किस तरहं से शुरू होता है सबसे पहले एम, डी, डी, ए, से बैठक होती है जिसमे तय होता है कि कौन कौन से कागज मानचित्र के साथ देने है ।फिर नगर पालिका के ड्राफ्ट मेन से मिला जाता है जो उन्हें पालिका रिकॉर्ड रूम से असली मानचित्र को दिखाता है फिर जिस तरहं से असली मानचित्र में पीलिंत एरिया को बढ़ाना या कुछ और चेंज करना है वह बड़ी होशियारी से कर देता है इसी तरहं से हर विभाग में सांठगांठ कर कर नक्शा एम , डी, डी, ए, में विभाग में पनप रहे दलालों के जरिये मानचित्र जमा हो जाता है उसके बाद विभाग के जेई व एई साइड का मुआयना करतें है और जो विभगों से एनओसी मिली होती है उससे मिलाप करके मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू होती है।ओर जो मानचित्र स्वीकृत करने में कमी बेसी होती है वो सांठगांठ के चलते पूरी हो जाती है ।
आपको बताते चलें कि इसी तरहं की साठगांठ का भंडाफोड़ उस समय हुवा जब कसमंडा लॉज स्टेड में वर्ष 19/20 में उर्वशी कुमारी के नाम से 00 छेत्र फल में मानचित्र सँ,,आर /2772/19:20 से विचलन करते हुवे स्वीकृत छेत्रफल से अधिक निर्माण कार्य किया जा रहा है उपरोक्त जानकारी देतेहुवे शिकायत कर्ता मुकुल हांडा ने बताया कि जिस स्थान पर निर्माण कार्य चल रहा है उस स्थान पर पीलिंत एरिया शून्य था वहां मात्र अंग्रेजी शासनकाल का एक टिन शेड से बना छोटा सा हवा घर था साथ ही उन्होंने बताया कि जो रास्ता मानचित्र में सार्वजनिक दर्शाई गई है वो रास्ता उनका निजी है उन्होंने बताया व सक्छय दिखाते हुवे कहा कि उन्होंने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री ,एम,डी, डी ए, वीसी, जिलाधिकारी, वन विभाग, खनन विभाग ,में कई है साथ ही सूचना अधिकार के तहत भी सूचना प्राप्त की है उनकी शिकायत पर एम,डी, डी, ए, सहित अन्य विभगों ने मौका मुआयना किया है वहीं एम, डी, डी, ए, के काबिल व ईमानदार अधिकारी अतुल गुप्ता अधिशासी अभियंता ने 23 फरवरी को पत्र लिख कर थानाप्रभारी को उक्त स्थल का निर्माण कार्य बल पूर्वक बन्द कराने का आग्रह किया है ।वहीं दूसरे पक्छ का कहना है कि हमारा मानचित्र विभाग के नियमों को पूरा करते हुवे स्वीकृत है यदि हमारे कागजातों में कोई कमी होती तो विभाग मानचित्र किस बेस पर स्वीकृत करता वहीं उन्होंने कहा कि हमे रोज शिकायत कर्ता द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है उन्होंने तो यह भी कहा कि यदि सडक मुकुल हांडा कि हे तो वे सड़क को दीवार लगा कर बन्द क्यो नही कर देते उन्होंने कहा कि वहां के निवासियों को रोज परेशानी हो रही है जिसके लिये वे जल्द ही जिलाधिकारी से मिलेंगे उन्होंने एक सिला पट भी दिखाई जो अंग्रेजों के जमाने से वहां लगी है जिसपर कसमंडा लॉज स्टेड व एरो के जरिये दर्शाया गया है कि उक्त भूमि का रास्ता यहां से है ।उन्होंने कहा कि हम हर सवाल व जांच के लिए तैयार है ।वहीं यदि सबूतों की बात की जाये तो उक्त भूमि पर सुप्रीमकोर्ट मांनीटरिंग कमेटी की भी रोक है व फ्रिज जोन ओर प्राइवेट फारेस्ट भी लागू होता है ऐसे में सवाल उठता है कि एम, डी, डी, ए, ने किस तरहं पास कर दिया ।जो सोचनीय विषय है ।
मामला चाहे कुछ भी हो लेकिन शिकायत कर्ता मुकुल हांडा ने नगर पालिका के ड्राफ्ट मेन ।एम,डी, डी ,ए, व वन विभाग में पनप रहे जाल साजी का पर्दा तो कुछ हद तक फास कर दिया ।
अब यह तो भविष्य के गर्व में है कि उक्त कसमंडा लॉज स्टेड का मानचित्र निरस्त होता भी है या नही ।गतांक से आगे ।।।।