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भाजपा ने राजभवन पहुंचकर कहा कांग्रेस बिगाड़ रही प्रदेश का माहौल

राज्यपाल को प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में सौंपा ज्ञापन

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में

देहरादून : प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार के लोक कल्याणकारी कार्यो में बाधा डालने के भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही पलटवार करते हुए प्रदेश में डेंगू का कहर रोकने और जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला थामने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य समेत महत्वपूर्ण विभागों को संभालने में विफल रहे हैं। मुख्यमंत्री जितना जल्दी गद्दी छोड़ दें, उतना ही अच्छा है।

उधर, कांग्रेस ने पंचायत चुनाव को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला। प्रदेश अध्यक्ष समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एक सुर में कहा कि भाजपा सरकार नियमों को दरकिनार कर येन-केन-प्रकारेण पंचायत चुनाव जीतना चाहती है। ऐसे में कांग्रेस मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती। जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।

कांग्रेस ने प्रदेश भाजपा के राजभवन पहुंचकर कांग्रेस के खिलाफ सौंपे गए ज्ञापन पर सवाल खड़े किए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रमुख विपक्षी दल से उसका हक छीना नहीं जा सकता। प्रदेश में 4800 से ज्यादा लोग डेंगू की चपेट में है तो ऐसे में डेंगू को महामारी मानने से मुख्यमंत्री के इन्कार पर विश्वास नहीं किया जा सकता।

रुड़की के बाद टिहरी और अब देहरादून में जहरीली शराब पीने से लोगों को जान गंवानी पड़ी। भाजपा को इन मौतों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। पार्टी ने कहा कि आपदा से उत्तरकाशी जिले में हुई मौत के आंकड़े को लेकर सरकार की चुप्पी खुद ही सवालों के घेरे में है।

देहरादून: प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने गुरुवार को विपक्षी दल कांग्रेस के खिलाफ राजभवन में दस्तक दी। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की अगुआई में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस उसकी सरकार के जनहित के कार्यों को बाधित करने के लिए भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। बाद में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को भी ज्ञापन सौंपा। राज्य के राजनीतिक इतिहास में ये पहला मौका है, जब सत्ता पक्ष ने विपक्ष के खिलाफ राजभवन में गुहार लगाई है।

प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अजय भट्ट के नेतृत्व में राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के समक्ष कांग्रेस की ओर से किए जा रहे दुष्प्रचार की जानकारी देने के साथ ही भाजपा का पक्ष भी रखा। बताया कि पंचायत चुनाव की आचार संहिता की आड़ लेकर कांग्रेस प्रदेश में चल रही ‘मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना’ को रुकवाना चाहती है, जबकि यह आचार संहिता लगने से पूर्व लागू हो चुकी थी। कांग्रेस दुष्प्रचार कर गरीबों के हित वाली इस योजना को बाधित करना चाहती है।

ज्ञापन में राज्यपाल से आग्रह किया गया कि वह मामले को संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करें। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट के अलावा प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला, महामंत्री खजानदास, महापौर सुनील उनियाल, विधायक शक्ति लाल शाह, प्रदेश प्रवक्ता विरेंद्र बिष्ट, प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ.देवेंद्र भसीन, महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, दायित्वधारी रविंद्र कटारिया, सह मीडिया प्रभारी शादाब शम्स, बलजीत सोनी, संजीव वर्मा, विशाल गुप्ता थे। पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कहा कि आज हमें विवश होकर राज्यपाल के पास आना पड़ा है। वर्तमान में पंचायत चुनाव चल रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस को बेनकाब करने को न प्रदर्शन हो सकता है और न अन्य कोई आंदोलनकारी कदम ही उठा सकते हैं। इस स्थिति में भाजपा ने अपनी बात राज्य के संवैधानिक प्रमुख के पास रखी है।

‘कांग्रेस सरकार’ के जनविरोधी कार्य: राज्य निर्वाचन आयुक्त को सौंपे गए ज्ञापन ने भाजपा की किरकिरी भी करा दी। ज्ञापन के शुरुआती पैराग्राफ में तो कांग्रेस पर आरोप लगाया गया है। अलबत्ता, दूसरे पैराग्राफ की बानगी देखिये, ‘इस क्रम में हम आपका ध्यान कांग्रेस सरकार के नवीनतम जनविरोधी कार्य व दुष्प्रचार की ओर आकृष्ट करना चाहते हैं..।’ इससे साफ है कि पार्टी ने हड़बड़ी में ज्ञापन तैयार कर इसे दोबारा देखा तक नहीं।

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