UTTARAKHAND

सोशल मीडिया पर भाजपा मीडिया प्रभारी का उड़ रहा मज़ाक

भाजपा प्रदेश कार्यालय द्वारा एक सामान्य सी खबर की जब जारी की गई दो प्रेस विज्ञप्ति

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 
देहरादून : आमतौर पर लोग मानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी पढ़े लिखे, बुद्धिमान और राष्ट्रवादी सोच के लोगों की पार्टी है। खासकर पार्टी के मीडिया सेल से जुड़े लोगों के बारे में तो यह समझा जाता है कि ये लोग जानकारी और तथ्यों के मामले में अभी गलती नहीं कर सकते हैं, लेकिन उत्तराखंड भाजपा के मीडिया सेल द्वारा बीते दो दिन पहले पार्टी की वरिष्ठ नेता रहीं राजमाता विजय राजे सिंधिया की जन्मशताब्दी पर जारी प्रेस विज्ञप्ति ने पार्टी की भद्द पिटा दी, वह एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार। भाजपा प्रदेश कार्यालय द्वारा एक सामान्य सी खबर की दो प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई, किन्तु दोनों प्रेस विज्ञप्ति में पार्टी के मीडिया सेल ने जो गलतियां की वह सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे पार्टी की मज़ाक बन रही है। अब आप खुद ही देखिये ये दोनों प्रेस विज्ञप्तियां जो हो रहीं है सोशल मीडिया पर वायरल …….
गौरतलब हो कि 12 अक्तूबर को राजमाता विजया राजे सिंधिया की जन्म शताब्दी पर केंद्र सरकार ने उनकी स्मृति में एक सौ रुपए का विशेष सिक्का जारी किया गया। इसके लिए देश भर में तमाम स्थानों पर विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम आयोजित किए गए। उत्तराखंड भाजपा ने प्रदेश कार्यालय में महिला मोर्चा के पदाधिकारियों को इस कार्यक्रम में लाइव दिख्याया गया। लेकिन इस कार्यक्रम की जो प्रेस विज्ञप्ति भेजी गई उसने भाजपा की सोशल मीडिया पर हंसी उड़ा दी। इस कार्यक्रम की पहली प्रेस विज्ञप्ति भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी ने भेजी। वह प्रेस विज्ञप्ति पढ़कर कर पत्रकार अपना माथा पीटने लगे। इस प्रेस विज्ञप्ति में क्या लिखाई है किसी को भी समझना बहुत मुश्किल है।
इस प्रेस विज्ञप्ति के बाद भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रभारी मीडिया प्रभारी डॉ देवेन्द्र भसीन ने संशोधित प्रेस विज्ञप्ति भेजी। 15-20 सालों से भाजपा सरकार और पार्टी की मीडिया सेल में कुंडली जमाये श्री भसीन ने संशोधित प्रेस विज्ञप्ति क्यों भेजी, यह न तो अधिकांश पत्रकारों के ही समझ में आया और न पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के ही समझ में आया। जबकि कथित बुद्धिजीवी श्री भसीन भी राजमाता विजय राजे सिंधिया के नाम को ठीक से नहीं लिख पाए। 
सोशल मीडिया पर ये मामला चर्चा में आने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना था की पार्टी में कुछ नेताओं के सामने भसीन ने अपनी छवि बुद्धिजीवी टाइप की बनाई हुई है। वो लोग भसीन को वरिष्ठ पत्रकार और बुद्धिजीवी होने का तमगा तो लगाते हैं साथ ही यह कहने से भी नहीं चूकते है कि श्री भसीन कई राजनीतिक दलों  को बदलकर भाजपा में आए हैं। जिनमें कांग्रेस, जनता दल आदि के बाद भाजपा शामिल हैं। इतना ही नहीं कई पत्रकारों का आरोप है कि श्री भसीन को जिन पत्रकारों की शक्ल पसंद नहीं होती है वे उन्हें भाजपा की पत्रकारी की सूची से जब चाहें तब हटा देते हैं यहां तक कि पार्टी के कार्यक्रमों और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक की सूचना उन्हें नहीं दी जाती है। वहीँ श्री भसीन पर यह भी आरोप है कि वे राष्ट्रवादी विचार के पत्रकारों को गैर राष्ट्रवादी घोषित कर उनकी छवि को भी बिगाड़ने का प्रयास करते रहे हैं।  
गौरतलब हो कि बीते कुछ माह पूर्व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजेंद्र अजय को षड्यंत्रपूर्ण तरीके से प्रवक्ता पद से हटाना सभी को याद है क्योंकि वे खुद इस पर पर काबिज होना चाह रहे थे। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है वैसे तो आम कार्यकर्ता के लिए भाजपा का ”एक व्यक्ति एक पद” का सिद्धांत लागू रहता है, लेकिन कथित बुद्धजीवी श्री भसीन के लिए पार्टी यह सिद्धांत क्यों भूल जाती है। ज्ञातव्य हो कि श्री भसीन के पास वर्तमान में दो पद जिनमें एक प्रदेश उपाध्यक्ष और दूसरा प्रभारी मीडिया प्रभारी भाजपा है।  
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि भसीन को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं में है। उनका कहना है कि भसीन जब डीएवी कॉलेज देहरादून के प्राचार्य थे, तब वो परिषद कार्यकर्ताओं की बिलकुल भी नहीं सुनते थे और परिषद कार्यकर्ताओं के खिलाफ रहते थे, किन्तु भाजपा संगठन और सरकार में उनको लगातार महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आखिर क्यों दी जाती रही है यह विचारणीय है।
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