पूर्व विधायक ने की निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान
देहरादून : उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के मद्देनजर ओमगोपाल रावत ने कहा कि भाजपा ने नैतिक चरित्र खोकर उन्हें बेवकूफ बनाया है। उन्होंने भाजपा पर धोखा देने का भी आरोप लगाया। राज्य आन्दोलनकारी और नरेन्द्रनगर के पूर्व भाजपा विधायक युवा नेता ओम गोपाल रावत की प्रदेश भाजपा ने अपेक्षा कर एक बार फिर जता दिया कि पार्टी के लिए तन मन से काम करने वाले कार्यकताओं की कोई कद्र नही है। हाॅल ही में कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में सामिल हुए नरेन्द्र नगर के निर्वतमान विधायक सुबोध उनियाल को भाजपा से नरेन्द्रनगर सीट से टिकट दिये जाने से पर्व विधायक ओम गोपाल रावत खासे नाराज नजर आये। राजधानी के एक नीजि होटल में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का ऐलान कर डाला।
नरेंद्रनगर के पूर्व विधायक और भाजपा नेता ओमगोपाल रावत ने देहरादून में पत्रकारवार्ता में कहा कि 2007 में बीजेपी की सरकार बनाने में उन्होंने अहम रोल निभाया। तीनों सर्वे उनके पक्ष में लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया।
ओमगोपाल रावत ने कहा कि भाजपा ने नैतिक चरित्र खोकर उन्हें बेवकूफ बनाया है। उन्होंने भाजपा पर धोखा देने का भी आरोप लगाया। कहा कि बागी विधायक सुबोध उनियाल ने बीजेपी के 57 लोग जेल भेजे। बीजेपी के नीति निर्धारक वो लोग बने जिन्होंने पांच दिन आपदा घोटाले के लिए विधानसभा नहीं चलने दी।
उन्होंने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी ने देहरादून में रैली के दौरान आपदा में हुए स्कूटर घोटाले का जिक्र करते हुए तेल खाने वाले स्कूटर का जिक्र किया था। आज उन्हीं के कहने पर ऐसे लोगों को टिकट जा रहे हैं। नरेंद्र नगर की सीट से ओमगोपाल रावत ने अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। फिलहाल बीजेपी की सदस्यता छोड़ने का नहीं एलान किया। कहा सभी बागियों की जमानत जब्त होगी।
उन्होनें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा पर गंभीर आरोप लगातें हुये भाजपा पर सवाल किये कि भाजपा ने जिस आपदा रैली में विजय बहुगुणा सरकार के लिए आपदा घोटाला का हिसाब मांग रही थी उसी को भाजपा ने टिकट सलेक्सन कमेंटी मे रखा है। इस रैली के लिए एक बेजूबान जानवर को अपनी जान गवानी पड़ी थी उसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। उन्होनें दावा किया कि वो जनता के बीच रहने वाले आम आदमी है, चुनाव हर हाल में लड़़ेगे और जीतेगें।
गौरतलब है कि उत्तराखंड कांन्तिकारी रहें ओमगोपाल रावत को प्रदेश में स्वच्छ छवि और ईमानदार नेता के रूप में जाना जाता है, साथ ही ये क्षेत्र मे एक जनप्रिय नेता के रूप में जाना जाता है। एक बार जब उन्हे प्रदेश सरकार ने 10 लाख रूप्ये का चैक उत्तराखंड आंन्दोलन कारी के लिये दिया था तो उन्होनें ने उसी समयं चैक को फाड दिया था। वर्तमान समय मे दर्जनों जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत और अन्य सदस्यों ने अपने पदों से सामुहिक स्तीफा देने का ऐलान कर दिया है, जिससे प्रदेश भाजपा सक्ते में आ गयी है।