गैरसैंण पर राजनीतिक प्रस्ताव लाने की हिम्मत नहीं दिखा पायी भाजपा !

- गैरसैंण पर ही सफाई देती रही प्रदेश कार्यसमिति में भाजपा!
यह तब है कि जब भाजपा के पास पूर्ण बहुमत से ज्यादा विधायक होने के बाद भी उसे तीन माह पूर्व रुड़की में हुई प्रदेश कार्यसमिति के बाद सियासी मोर्चे पर भाजपा को कई सवालों का सामना भी करना पड़ रहा है। भाजपा के लिए पहला सवाल गैरसैंण ही बना हुआ है। गैरसैंण को राजधानी घोषित करने के मुद्दे से स्थायी राजधानी का मुद्दा भी जुड़ा हुआ है। स्थायी राजधानी के इस सवाल को भाजपा अभी हल नहीं कर पाई है।
कार्यसमिति में भी इस पर नेताओं ने कोई बात नहीं की। इससे इतर, बाद में मीडिया से मुखातिब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने राजधानी के मुद्दे पर सफाई देते रहे। अजय भट्ट ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने का इरादा जताया। भाजपा नेताओं के इस तरह के बयानों से साफ है कि भाजपा अपने इस रुख पर यदि कायम रही तो यह प्रदेश दो-दो अस्थाई राजधानी वाला प्रदेश बन जायेगा।
प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी जीरो टालरेंस को लेकर भाजपा को सवालों का सामना करना पड़ा है। भाजपा पहले लोकायुक्त विधेयक लेकर आई और अब यह विधेयक प्रवर समिति के हवाले है। जाहिर है कि इस मुद्दे पर भी भाजपा से जवाब देते नहीं बन रहा है। सूत्रों के मुताबिक खुद कई भाजपा विधायक लोकायुक्त के पक्ष में नहीं है। वह भी तब जब प्रदेश की जनता भ्रष्टाचार और लूट -खसोट पर नियंत्रण के लिए सूबे में लोकायुक्त लागू करवाना चाहती है। क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी खुद कहते हैं कि प्रदेश में घोटाले दो हजार करोड़ रुपये से ऊपर तक पहुंच गए हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के घोटाले के मामले को सीबीआई केहवाले करने के मामले में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी। इस मामले को विशेष जांच दल के बहाने संभालने की कोशिश है। अब भाजपा ने तबादला अधिनियम को जीरो टालरेंस की मुहिम से जोड़ा है।