Uttarakhand

कृषि के क्षेत्र में तकनीकि कमी से जूझ रहा उत्तराखंड

नयी दिल्ली । मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री को राज्य में कृषि एवं कृषि से सम्बन्धित योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कलस्टर आधारित कृषि से सम्बन्धित सात सौ चौदह करोड़ सत्तर लाख रूपये की 7 वर्षीय वाह्य सहायतित (विश्व बैंक पोषित) परियोजना स्वीत करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि मंत्री को अवगत कराया कि प्रदेशवासियों का जीविकोपार्जन षि आधारित होने के बावजूद प्रदेश की 88 प्रतिशत षि असिंचित है। प्रदेश के लगभग 91 प्रतिशत षक सीमान्त एवं लघु श्रेणी के हैं। कृषि क्षेत्र में नवीनतम तकनीक के प्रयोग में कमी के चलते कृषि उत्पादन में आशातीत सफलता नहीं मिल पा रही है। रावत ने बताया कि स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन क्षेत्रों में कलस्टर आधारित योजनाएं तैयार की गयी हैं।

उन्होंने बताया कि स्थानीय फसलों के बीजों का उत्पादन, जैविक कृषि , कृषि यंत्रीकरण, नमी संरक्षण, सिंचाई सुविधाओं का विकास, विपणन, पोस्ट हार्वेस्ट, तकनीकी, स्किल डेवेलपमेंट आदि को सम्मिलित करते हुए 400 कलस्टरों (100 हेक्टेयर प्रति कलस्टर) के लिये 71470 लाख की परियोजना का प्रदेश के वित एवं नियोजन (ईएपी) विभाग द्वारा विधिवत् परीक्षण कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री से प्रदेश के विकास हेतु उक्त परियोजना स्वीत करने के संबंध में अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही करने का भी अनुरोध किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री को अवगत कराया कि राज्य को वर्ष 2013 में भीषण दैवीय आपदा का सामना करना पड़ा था। साथ ही लगातार हर वर्ष सूखा, बैमौसमी वर्षा, ओलावृष्टि इत्यादि से कृषि एवं औद्यानिक फसलों(विशेषकर सेब एवं अन्य शीतोष्ण फलों) को अत्यधिक नुकसान हुआ है।

आपदा से फलों को हुई क्षति पर पांच सौ करोड़ की मदद मांगी

उत्तराखंड में आपदा से सेब के फलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्र से मदद की गुहार लगाई गई है।  उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से जम्मू कश्मीर की भांति उत्तराखण्ड राज्य को भी सेब एवं अन्य शीतोष्ण फलों को आपदा से हुई क्षति की प्रतिपूर्ति हेतु 500 करोड़ रूपये की विशेष सहायता राशि स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की भौगोलिक एवं कृषि जलवायु विभिन्न औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु अनुकूल है। राज्य में सभी प्रकार के फलों(शीतोष्ण एवं समशीतोष्ण), सब्जियों (विशेषकर बेमौसमी सब्जी), मसालों तथा फूलों का उत्पादन किया जाता है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से राज्य में बागवानी के सर्वांगीण विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा विश्व बैंक से सहायता प्रान्त करने के लिए 700 करोड़ रूपये की धनराशि के प्रस्ताव को डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफयर्स को अतिशीइा्र प्रेषित करने का भी अनुरोध किया।

devbhoomimedia

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