NATIONAL

Winter के लिए पवित्र धामों के कपाट बंद होने का सिलसिला हुआ शुरू

  • शुक्रवार को बंद हुए माँ गंगोत्री धाम के कपाट 
  • शनिवार को बंद होंगे केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट 
  • 19 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून  : शीतकाल के लिए उत्तराखंड के पवित्र धामों के कपाटों के बंद होने का सिलसिला गोवर्धन पूजा के दिन से शुरू हो गया।  शुक्रवार को करोड़ों  हिंदुओं की आस्था के  केंद्र गंगोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए।  इसके बाद शनिवार को  मुखवा में मां गंगा की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। जहाँ आगामी छह माह तक मां गंगा की पूजा होगी। वहीं अब  शनिवार को भैया दूज के दिन बाबा केदारनाथ धाम और यमुनोत्री के कपाट भी बंद कर दिए जाएंगे।

शुक्रवार सुबह गंगोत्री धाम में साढ़े आठ बजे उदय बेला पर पूजा अर्चना के बाद गंगा जी की मूर्ति से मुकुट  उतरा गया। इस बीच श्रद्धालुओं ने मां गंगा की भोग मूर्ति के दर्शन किए। दोपहर करीब 11.40 बजे धनु लग्न अभिजीत मुहूर्त की शुभ बेला पर कपाट बंद आगामी ग्रीष्मकाल तक के लिए बंद कर दिए गए। 

इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा व गंगा लहरी का पाठ किया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। महार रेजिमेंट के जवानों के बैंड की धुन और परंपरागत ढोल दमाऊं की थाप के साथ तीर्थ पुरोहित गंगा की डोली को लेकर शीतकालीलन प्रवास मुखवा गांव के लिए पैदल रवाना हुए। रात्रि विश्राम मुखवा के निकट दुर्गा मंदिर में होगा। भैया दूज के दिन 21 अक्टूबर को मुखवा स्थित गंगा मंदिर में गंगा की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। शीतकाल में यहीं पर मां गंगा की पूजा अर्चना होगी।

वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट भी शनिवार को भैया दूज के दिन 21 अक्टूबर को दोपहर एक बजकर 25 मिनट पर बंद होंगे। वहीँ यहाँ से यमुना जी की उत्सव मूर्ति शीतकालीन पड़ाव खरसाली गांव के लिए रवाना होगी। करीब पांच किलोमीटर का सफर तय करने के बाद इसे इसी दिन यमुनोत्री मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा।जहाँ आगामी ग्रीष्काल तक माँ यमुना के दर्शन श्रद्धालु यही पर कर पाएंगे। जबकि बदरीनाथ के कपाट आगामी 19 नवंबर को बंद होंगें। गौरतलब हो कि वहीँ बीते 10 अक्टूबर को हेमकुंड साहिब के कपाट भी बंद कर दिए गए थे। 

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »