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ओंकारेश्वर मंदिर से बाबा केदारनाथ की डोली हुई केदार धाम को प्रस्थान

हिमालय के लिए रवाना हुए बाबा केदार
हजारों श्रद्धालुओं की जयकारों से गूंजा ओंकारेश्वर मंदिर
बारिश और ठंड भी नहीं डिगा पाई श्रद्धालुओं की आस्था
बाबा केदार की डोली को रवाना करने के लिये हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
बाबा की भक्ति में जमकर झूमे श्रद्धालु, प्रथम रात्रि प्रवास रामपुर में होगा
तीन मई को खुलेंगे बाबा केदार के कपाट

गुप्तकाशी । रविवार प्रातः सात बजे ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजाएं संपंन की गई। जिसके बाद बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति को डोली में विराजमान किया गया। डोली को फूल-मालाओं से सजाया गया। इस दौरान हजारों संख्या में मौजूद तीर्थ यात्रियों एवं स्थानीय जनता ने बाबा की डोली के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। इसके बाद केदार की डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर की तीन परिक्रमाएं की और सवा नौ बजे बाबा की डोली केदारनाथ के लिये रवाना हुई। भारी बारिश होने के बावजूद बाबा केदारनाथ की डोली के साथ उमड़ा भक्तो का जन सैलाब उनके हौसले को डिगा नहीं सका। इस दौरान हजारों श्रद्धालु इस पुण्य मौके के गवाह बने जब बाबा केदार की डोली मंदिर से बाहर निकली।इस दौरान मंदिर के मुख्या रावल भीमाशंकर लिंग व उनके सहयोगी सहित दक्षिण भारत से आये श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे, जो डोली के साथ केदारनाथ तक जाएंगे । इस बार देश के प्रधान मंत्री मोदी व राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी बाबा केदार के दर्शन कर वहां पूजा अर्चना करंगे।

बाबा की डोली के रवानगी के अवसर पर स्थानीय महिलाओं में कई भावुक क्षण भी देखने को मिले। केदारनाथ रवाना होने के दौरान शीतकालीन गददीस्थल केदार बाबा के उदघोशों से गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालु जगह-जगह से बाबा की डोली पर पुष्प वर्षा करते रहे। नजारा कुछ ऐसा था कि मानों सारे देवता धरती पर उतर आये हों। भारी बारिश के बावजूद भी श्रद्धालु बाबा की भक्ती में डूबे रहे। आज पहले रात्रि प्रवास के लिये बाबा केदार की डोली फाटा पहुंचेगी। सोमवार को द्वितीय रात्रि प्रवास बाबा केदार की डोली गौरीकुंड में करेगी और दो मई को केदार बाबा की डोली धाम में पहुंचेगी। जहां तीन मई को बाबा केदार के कपाट खोल दिये जाएंगे। बाबा की डोली के दर्शन करने के लिये देश-विदेश के साथ ही स्थानीय श्रद्धालुओं का भारी संख्या में हुजूम उमड़ा। हजारों श्रद्धालु बाबा की डोली के साथ-साथ पैदल यात्रा कर रहे हैं। इस मौके पर श्री बद्री-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी अनिल शर्मा, रॉवल भीमाशंकर लिंग, केदारनाथ के प्रधान पुजारी राजशेखर लिंग, पुजारी बागेश लिंग, विधायक केदारनाथ मनोज रावत, प्रदीप बगवाड़ी, वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती, उमेश पोस्ती, अनिल नौटियाल, देवराघवेन्द्र चौधरी, मनमोहन सिंधवाल सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।

आर्मी की बैंड धुनों में जमकर नाचे
गुप्तकाशी । बाबा केदार की डोली को केदारनाथ रवाना करने के लिये भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। बारिश और भारी ठंड होने के बावजूद भी श्रद्धालु दूर-दराज से बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंचे। बाबा केदार की डोली की अगुवाई कर रही आर्मी बैंड की मधुर धुनों पर श्रद्धालु जमकर थिरके। श्रद्धालुओं की बाबा के प्रति अपार आस्था को बारिश भी नहीं डिगा पाई। बच्चे, बूढ़े, जवान और महिलाएं बाबा की भक्ति में चूर नजर आये। बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के केदारनाथ रवाना होते ही केदारनाथ यात्रा का विधिवत आगाज हो गया है। बाबा की डोली के साथ हजारों तीर्थ यात्री पैदल यात्रा कर रहे हैं जबकि केदारघाटी में देश-विदेश के हजारों तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। अब सबकी एक ही इच्छा है कि इस बार अधिक से अधिक तीर्थ यात्री केदारनाथ आयें, जिससे केदारनाथ यात्रा अपने पुराने स्वरूप में नजर आ सके।
लोक गायक किशन व उपासना की भजन संध्या ने बांधा समा
गुप्तकाशी : बाबा केदारनाथ डोली के आगमन की पूर्व संध्या पर गुप्तकाशी में टीम कौथीग की अगुवाई में रंगारंग भजन संध्या तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोकगायक किशन महिपाल तथा लोक गायिका उपासना सेमवाल के भजनों तथा गीतो की धूम रही। टीम कौथीग के अध्यक्ष दिवाकर गैरेला ने कहा कि गत् तीन वर्षां से केदारघाटी के विभिन्न स्थानों पर टीम कौथीग के बेहतरीन प्रयास से इस तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जा रहे हैं। कहा कि हमारी लोक परंपरा तथा संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिये इस तरह के रंगारंग कार्यक्रमों का होना नितांत जरूरी है। केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के स्वागत के लिए गुप्तकाशी तथा फाटा में कार्यक्रम आयेजित किये जा रहे हैं। श्री गैरोला ने कहा कि केदारघाटी टीम कौथीग में सौ से अधिक युवा जुडे़ है, जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाते हैं।

कार्यक्रम के दौरान लोक गायक किशन महिपाल के खोली का गणेश, किंगरी का झाला घुघुती, फ्यांलड़िया, रानीखेता रामढोला, स्याली भंपाली तथा लोकगायिका उपासना सेमवाल के नये जागर बल गोबिंदा जी, जै जै हे दुर्गा भवानी, ऐजी सूणा इनै त आवा ने देर रात तक दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इसके साथ ही उपासना सेमवाल की फेसबुक का रोग, अब तो मैं देशी हो गया, हे म्येरा देश का रज्जा मोदी जैसी कविताओं ने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। इस अवसर पर उपहार समति के अध्यक्ष बिपिन सेमवाल, सोमेश्वरी देवी, संजय भटृ, गोपाल पंवार, हरिप्रसाद सोनू, आकाश सेमवाल, आयुष भटृ, शिवम सेमवाल समेत सैकड़ो दर्शक मौजूद थे।

बाबा के दर्शनों के लिये उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
गुप्तकाशी : बाबा केदार की डोली छह माह तक शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रवास करने के बाद ग्रीष्मकाल के छह माह के लिये केदारधाम के लिये रवाना हुई। केदारनाथ रवाना होने पर शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में देश-विदेश के साथ ही स्थानीय श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ा। यात्रा को लेकर तीर्थ यात्रियों के साथ ही स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला। पहली बार केदारनाथ से विधायक बने मनोज रावत ने डोली की अगुवाई की। श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी थी कि मंदिर परिसर में पैर रखने की जगह नहीं थी। इसके साथ ही मंदिर परिसर के पैदल रास्ते एवं अन्य क्षेत्रों में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों के लिये खड़े थे।

रॉवल ने दिया पूजा का संकल्प
गुप्तकाशी : रॉवल भीमा शंकर लिंग ने केदारनाथ के प्रधान पुजारी बागेश लिंग को पगडी व टोपी पहनाकर छः माह केदारनाथ धाम में विधिवत पूजा-अर्चना का संकल्प दिया। रावल द्वारा प्रधान पुजारी को दिये गये संकल्प के अनुसार केदारनाथ के प्रधान पुजारी को छः माह केदारपुरी में ही प्रवास करना होगा। छह माह तक प्रधान पुजारी को नदी, नालों व पर्वतों की सीमा को पार करना भी वंचित माना गया है।

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