मंत्रिमंडल की बैठक में उपनल कर्मचारियों के वेतन वृद्धि सहित पिरूल नीति हुई मंजूर

- पिरूल से प्रतिवर्ष राज्य में 100 मेगावाट तक बिजली उत्पादन का रखा लक्ष्य
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्वास्थ्य में खराबी के कारण सचिवालय स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय सभागार में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गुरुवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में 12 मुद्दों पर सहमति के साथ संपन्न हो गयी । लगभग दो घंटे से ज्यादा समय तक चली मंत्रिमंडल की बैठक में चीड़ के पेड़ों की पत्तियां जिसे पिरूल कहा जाता है और यही पिरूल गर्मी में सूखकर जंगलों की आग में बारूद की तरह काम करते हुए जंगलों में लगने वाली आग से जैवविविधता को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। त्रिवेन्द्र रावत सरकार ने अब इसी पिरूल को राजस्व कमाने वाले साधन के रूप में प्रयोग करने को मंजूरी दी है । मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड में 4 लाख हेक्टर वन भूमि जिसमें से 16.36 प्रतिशत में पिरूल के पेड़ हैं। इसी पिरूल को एकत्रित करके राज्य सरकार अब इससे बिजली बनाएगी इतना ही नहीं सरकार ग्रामीणों को गांवों में इससे पैदा होने वाली बिजली के प्लांट लगाने पर सब्सिडी भी देगी। सरकार ने 2030 तक पिरूल से राज्य में 100 मेगावाट तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने सूबे के सरकारी कर्मचारियों के भत्ते से जुड़े मामलों पर भी फैसला लिया गया। कैबिनेट बैठक में उपनल कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का निर्णय लिया गया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने उपनल के जरिये आउटसोर्सिंग पर कार्यरत 21 हजार से ज्यादा कार्मिकों को तोहफा दिया है। उनके मानदेय में प्रतिमाह 1500 रुपये वृद्धि का निर्णय लिया गया। वहीं पीआरडी के तीन हजार से अधिक जवानों के मानदेय में प्रतिदिन 50 रुपये की वृद्धि करने पर मुहर लगाई गई। इस फैसले से उन्हें प्रति दिन अब 450 रुपये मानदेय मिलेगा। उन्होंने बताया कि उपनल के माध्यम से राज्य सरकार के निगमों, निकायों, महकमों समेत विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत 18371 और केंद्र सरकार के विभिन्न प्रतिष्ठानों में कार्यरत 2677 समेत कुल 21048 कार्मिकों के मूल वेतन में प्रतिमाह 1500 रुपये की वृद्धि करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि उपनल के जरिये सभी चार श्रेणियों अकुशल, अद्र्धकुशल, कुशल एवं उच्च प्रशिक्षित कार्मिकों के लिए यह वृद्धि लागू होगी। उन्होंने बताया कि उक्त चारों श्रेणियों में कार्मिकों को अभी मूल वेतन के रूप में क्रमश: 5608 रुपये, 6655 रुपये, 7540 रुपये व 8540 रुपये निर्धारित हैं। अन्य भत्ते शामिल करने के बाद कुल मानदेय की राशि बढ़कर क्रमश: 8680 रुपये, 10187 रुपये, 11461 रुपये, 12899 रुपये होती है। लेकिन इस मानदेय में श्रेणीवार क्रमश: 1884 रुपये, 2229 रुपये, 2522 रुपये व 2851 रुपये की राशि की कटौती के बाद उपनल कार्मिकों को मानदेय का भुगतान किया जाता है। वहीँ मंत्रिमंडल ने उपनल के साथ ही पीआरडी जवानों को भी राहत देने का निर्णय लिया। हालांकि, पीआरडी जवानों के मानदेय में वृद्धि को लेकर संबंधित विभाग की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आया था, लेकिन मंत्रिमंडल ने उनके मानदेय में भी प्रति दिन 50 रुपये की बढ़ोतरी का निर्णय लिया। पीआरडी में फिलवक्त तीन हजार से ज्यादा जवान कार्यरत हैं। इन जवानों को अभी प्रतिदिन 400 रुपये मानदेय दिया जा रहा है।
कैबिनेट ने विधानसभा के बजट सत्र के सत्रावसान के लिए संस्तुति दी है। हर वर्ग के कर्मचारी को 1500 रुपये का अतरिक्त लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, कैबिनेट में पीआरडी कर्मचारियों का प्रतिदिन 50 रुपये बढ़ाने का फैसला लिया गया। उन्होंने बताया मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड बहुउद्देशीय विकास निगम को सातवें वेतनमान की मंजूरी दी गई है।
हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल परिसर में 2900 वर्ग मीटर हिस्सा उत्तरप्रदेश को देने की सहमति बनी। कैबिनेट में केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के तीन पुराने आवासों को पूर्ण रूप से ध्वस्तीकरण करने का फैसला लिया गया। राष्ट्रीय न्याययिक वेतन आयोग की संस्तुतियों पर मूल वेतन में 30 प्रतिशल वृद्धि पर फैसला लिया गया। वहीँ कैबिनेट ने सहकारिता सहभागिता योजना को समाप्त कर दिया है।
कैबिनेट बैठक के प्रमुख निर्णय :-
- विधानसभा के बजट सत्र के सत्रावसान के लिए कैबिनेट की संस्तुति।
- सत्र में किये गए थे 17 विधायक थे जो पारित किए गए थे
- उपनल कर्मचारियों के वेतन वृद्धि पर कैबिनेट की मुहर।
- हर वर्ग के कर्मचारी को 1500 रुपये का मिलेगा अतिरिक्त लाभ।
- PRD कर्मचारियों का प्रतिदिन 50 रुपये बढ़ाने का लिया गया फैसला।
- उत्तराखंड बहुउद्देशीय विकास निगम को सातवें वेतनमान की मंजूरी।
- हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल परिसर में 2900 वर्ग मीटर हिस्सा उत्तरप्रदेश को देने पर सहमति।
- केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के 3 पुराने आवासों को पूर्ण रूप से ध्वस्त किया जाएगा।
- जिंदल ग्रुप बनाएगा नए भवन, DM देंगे जगह।
- राज्य में पिरूल नीति को मंजूरी।
- पिरूल से बिजली बनाने की योजना। प्रतिवर्ष 150 मेगावाट तक बिजली हो सकेगी उत्पादित।
- एक मेगावाट तक कि परियोजना ग्रामीण लगा सकते हैं। इसमें जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी।
- 2019 तक 1 मेगावाट बिजली बनाना तय।
- 2030 तक 100 मेगावाट तक का लक्ष्य है।
- अधिकतम 5 रुपये 36 पैसे में सरकार को बिजली खरीदनी पड़ेगी।
- राष्ट्रीय न्याययिक वेतन आयोग की संस्तुतियों पर मूल वेतन में 30 प्रतिशत वृद्धि।
- सहकारिता सहभागिता योजना को कैबिनेट ने किया समाप्त।
- MSME (सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय) में VAT की जगह SGST के रूप में मिलेगी सब्सिडी।
- 12 फीट 3.75 मीटर से ऊपर की सड़कें PWD बनाएगा।
- उससे नीचे की सड़क संबंधित बोर्ड बनाएगा।