अनिल कुमार रतूडी ने संभाला उत्तराखंड के डीजीपी का कार्यभार
कड़क छवि और न्याय प्रिय रहा है नए DGP अनिल रतूड़ी का सेवाकाल
नवनियुक्त डीजीपी अनिल रतूड़ी बोले, दबाव में नहीं होगा कोई कार्य
देहरादून । 1987 बैच के आईपीएस अनिल कुमार रतूड़ी ने सोमवार को प्रदेश के 10वें डीजीपी के रूप में पदभार ग्रहण किया। पुलिस मुखिया डीजीपी की कुर्सी संभाल ली है। इससे पूर्व एमए गणपति को विदाई दी गयी। राज्य बनने के बाद उत्तराखण्ड कार्डर लेकर पुलिस मुख्यालय में सबसे पहले अनिल रतूडी तैनात हुए थे और स्वर्गीय नित्यानंद स्वामी के कार्यकाल में राजधानी का पहला पुलिस कप्तान बनने से भी उन्होंने साफ इंकार किया था, जिसके चलते वह आज तक अपनी कड़क छवि के रूप में जाने जाते हैं और गलत काम करने वालों पर तो वह हमेशा ही कहर बनकर टूटते हैं। यही कारण है कि सरकार की वह पहली पसंद बने और उन्हें राज्य के पुलिस मुखिया की कुर्सी बिना किसी सोच के सौंप दी गई।
एमए गणपति उत्तराखण्ड से कार्यमुक्त हो गये और उनके स्थान पर अब तक निदेशक सर्तकता, अभियोजन व रूल्स एंड मैनुअल्स का पदभार संभालने वाले 1987 बैच के अनिल रतूडी ने डीजीपी ने कार्य भार संभाल लिया। उत्तर प्रदेश कैडर आवंटित होने के बावजूद अनिल रतूडी ने सबसे पहले उत्तराखण्ड कार्डर लेकर राज्य में अपनी आमद की थी। 1987 बैच के अनिल कुमार रतूडी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अपर पुलिस अधीक्षक नगर पीलीभित रॉयबरेली में पुलिस अधीक्षक व आजमगढ़ इटावा व मेरठ में एसएसपी. के पद पर तैनात रहे थे।
भारत सरकार में नियुक्ति के दौरान वह राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में सहायक निदेशक एवं विदेश पुलिस सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण में उन्होंने अपना योगदान दिया। उत्तराखण्ड में वह विशेष कार्याधिकारी के रूप में उत्तरांचल देहरादून आने वाले प्रथम आईपीएस अधिकारी रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा अगस्त 2000 में नियुक्ति तथा नये उत्तराखण्ड राज्य के पुलिस मुख्यालय की स्थापना एवं उत्तराखण्ड पुलिस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।
इसके अलावा अनिल कुमार रतूड़ी ने पुलिस महा उपनिरीक्षक एवं अपर महानिदेशक पद पर नियुक्त रहते हुए पुलिस विभाग की विभिन्न शाखाओं एसटीएफ, सर्तकता अभिसूचना, निदेशक अभियोजन एवं पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना के साथ-साथ पुलिस महानिरीक्षक कुमांऊ परिक्षेत्र के पदों पर नियुक्त रह चुके हैं। अनिल रतूडी अपनी साफ छवि के लिए जाने जाते हैं। इस अवसर पर उनका कहना है कि राज्य में बेहतर कानून व्यवस्था को लागू किया जायेगा और इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा।
क्लासिकल, साइबर और व्हाइट अपराधों से सख्ती से निपटने की कही बात
सोमवार की शाम यहां पुलिस मुख्यालय में एमए गणपति को डीजीपी पद से विदाई दे दी गयी और वरिष्ठतम आइपीएस अनिल रतूड़ी ने सूबे के इस पुलिस मुखिया की कुर्सी संभाल ली है। पदभार ग्रहण करने के बाद रतूड़ी ने कहा कि राज्य में कानून बिना किसी भेदभाव के निष्पक्ष एवं पारदर्शी होकर कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि दबाव में आकर कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। उनकी पहली प्राथमिकता पारदर्शी कानून व्यवस्था लागू करना रहेगी और पुलिस का मनोबल बढ़ाने के साथ ही अनुशासन कायम रखा जायेगा।
नये पुलिस महानिदेशक का पदभार संभालने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में 17 वर्षों के दौरान जहां काफी कुछ बदला है तो वहीं स्वंय उन्होंने इस बीच बहुत कुछ देखा भी है और महसूस भी किया है। उन्होंने कहा कि उनका व प्रदेश की पुलिस का मुख्य उददेश्य जनता की सुरक्षा करने के साथ ही उनमें पुलिस के प्रति पूर्ण विश्वास बनाना रहेगा। जानमाल की रक्षा करने के लिए भी पुलिस तंत्र पूरी तरह से मुस्तैद रहेगा।
नये डीजीपी ने कहा कि क्लासिकल, साईबर तथा व्हाईट अपराधों से सख्ती के साथ निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिया से भी पुलिस को सकारात्मक सहयोग की आवश्यकता रहेगी, ताकि राज्य की पुलिस का मनोबल भी बना रहे। अनिल रतूड़ी ने यह भी कहा कि जनता के साथ पुलिस का व्यवहार मित्रतापूर्ण रहे, ये प्रयास भी प्राथमिकता की श्रेणी में रहेंगे। उनका यह भी कहना है कि बिना जनमानस को विश्वास में लिए सफलता हासिल करने का उददेश्य संभव नहीं हैं, इसलिए इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि पुलिस में अनुशासन बनाना, राज्य के अन्दर शांति बनाये रखना, पारदर्शी कानून के तहत कार्य करना उनका मुख्य उददेश्य रहेगा। प्रदेश को आपदाग्रस्त राज्य मानते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आपदा पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लगभग 1 करोड़ 20 लाख की आबादी वाले उत्तराखण्ड राज्य में पुलिस के सामने बड़ी चुनौतियां है, इन चुनौतियों का डटकर सामना किया जाएगा तथा हर कार्य में जन सहयोग से सफलता हासिल की जाएगी।
DGP अनिल रतूड़ी का संक्षिप्त जीवन परिचय
नाम- अनिल के0 रतूडी, आई.पी.एस.
पद- पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड
शिक्षा- कान्वेंट ऑफ जीसस एण्ड मेरी, हैम्पटन कोर्ट एवं सेन्ट जार्ज कालेज मसूरी से प्रारम्भिक शिक्षा। दिल्ली विश्वविद्यालय से ऑनर्स स्नातक एवं अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर डिग्री।
बैच- 1987 आई.पी.एस. उ0प्र0 कैडर आवंटित, इसके पश्चात उत्तराखण्ड राज्य गठन के कारण उत्तराखण्ड आवंटित।
उ0प्र0 में नियुक्तियाँ– पुलिस अधीक्षक नगर, लखनऊ। पुलिस अधीक्षक जनपद पीलीभीत एवं रायबरेली। वरिष्ट पुलिस अधीक्षक जनपद आजमगढ़,इटावा एवं मेरठ।
भारत सरकार में नियुक्ति- राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, हैदराबाद में सहायक निदेशक। यहाँ 04 वर्ष तक नियुक्त रहकर प्रशिक्षु आई.पी.एस, केन्द्रीय सेवाओं एवं विदेश पुलिस सेवा के अधिकारियों के प्रशिक्षण में योगदान।
उत्तराखण्ड में नियुक्ति- विशेष कार्यधिकारी (ओ0एस0डी0) के रुप में उत्तराचंल देहरादून आने वाले प्रथम आई0पी0एस0 अधिकारी। उ0प्र0 सरकार द्वारा अगस्त 2000 में नियुक्ति तथा नये उत्तराखण्ड राज्य के पुलिस मुख्यालय की स्थापना एवं उत्तराखण्ड पुलिस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका।
पुलिस उप-महानिरीक्षक/पुलिस महानिरीक्षक एवं अपर पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्त रहते हुए पुलिस विभाग की विभिन्न शाखाओं यथा-एस0टी0एफ, सतर्कता अभिसूचना, सुरक्षा, पी0ए0सी, प्रशिक्षण एवं अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग, निदेशक अभियोजन एवं पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना के साथ-साथ पुलिस महानिरीक्षक, कुमाँऊ परिक्षेत्र के पदों पर नियुक्त रह चुके हैं। महानिदेशक (रुल्स एण्ड मैनुअल्स), निदेशक सतर्कता, निदेशक अभियोजन, उत्तराखण्ड।
विदेश में प्राप्त प्रशिक्षण 1-एफबीआई अकादमी क्वाँटिको, संयुक्त राज्य अमेरिक-2003
2-लंदन बिजनेस स्कूल, लंदन इंग्लैण्ड-2012
3-संघीय कानून प्रर्वतन केन्द्र, ग्लाईन्को, जार्जिया, संयुक्त राज्य अमेरिका-1997
प्राप्त सम्मान चिन्ह- महामहिम राष्ट्रपति का विशिष्ट सेवा मेडल-2011
सराहनीय सेवा पुलिस मेडल-2003
निदेशक, राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का डिस्क-1997
खेल- अन्तराष्ट्रीय रोलर स्केटिंग हाँकी चैम्पियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व, काहिरा मिश्र-1983
अन्य उपलब्धि- सम्पादक, राष्ट्रीय पुलिस अकादमी जर्नल-1998-99