HARIDWAR

गुस्साए संतों ने अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के खिलाफ मुकदमें पर दी आंदोलन की चेतावनी

 हरीश रावत ने संतों को दिलाया मामले का निस्तारण कराने का भरोसा

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

हरिद्वार । अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज के खिलाफ मध्य प्रदेश में स्वामी वैराग्यानंद उर्फ मिर्ची बाबा द्वारा मुक़दमा दर्ज कराए जाने पर संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते कड़े शब्दों में निंदा की है। संतों ने मुकदमा वापस नहीं लिए जाने पर मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी भी दी।

संतों ने उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलकर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के खिलाफ मध्य प्रदेश में दर्ज मुकदमें को वापस लिए जाने की मांग भी की है। हरीश रावत ने कहा कि संत समाज हमारे लिए पूज्यनीय है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से वार्ता कर मामले के निस्तारण का भरोसा दिलाया है।

श्री जयराम आश्रम में आयोजित संतों की बैठक को संबोधित करते हुए स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को इस मामले को लेकर गंभीरता दिखानी चाहिए। पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दूध का दूध पानी का पानी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना जांच के ही गिरफ्तारी करने के आदेश दिया जाना तर्कसंगत नहीं है।

श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज देश के संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। ऐसे प्रतिष्ठित संत के खिलाफ बिना जांच के मुकद्मा दर्ज नहीं किया जाना चाहिए।  कुछ लोग श्रीमहंत नरेंद्र गिरी की छवि को धूमिल करने की नीयत से प्रपंच रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री को पूरे मामले का संज्ञान लेकर मुकद्मा तुरंत वापिस लेना चाहिए। संतों ने ऐलान किया कि मध्य प्रदेश सरकार ने इस फर्जी शिकायत को तुरंत वापस नहीं लिया तो संत समाज देशव्यापी बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगा।   

कहा कि यदि मध्य प्रदेश सरकार ने फर्जी मुकद्मे को निरस्त नहीं किया तो संत समाज देशव्यापी आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होगा। इसकी शुरूआत दिल्ली में धरना देकर की जाएगी।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद समेत सभी तेरह अखाड़ों के संत देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगे। स्वामी हरिचेतनानंद, श्रीमहंत नारायण गिरी, महंत जसविंद्र सिंह, स्वामी कपिल मुनि महाराज, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत लखन गिरी, महंत डोगर गिरी, श्रीमहंत आशीष गिरी, श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, महंत रामरतन गिरी, स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, बाबा हठयोगी, महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास, महंत गौरीशंकर दास, महंत दलीप दास, श्रीमहंत विध्यानंद सरस्वती, सतपाल ब्रह्मचारी, श्रीमहंत प्रेमगिरी, श्रीमहंत विनोद गिरी सहित कई संत महंतों ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया है। 

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