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देहरादून के विकास के लिए अमरावती की लैंड पूलिंग पॉलिसी होगी लागू

बिहार, उत्तरप्रदेश के बाद उत्तराखंड भी अपनाएगा यह पालिसी 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : देहरादून महानगर को आंध्रप्रदेश की नयी राजधानी अमरावती की तर्ज पर एक विकसित शहर के रूप में विकसित करने की राज्य सरकार की योजना है। सरकार की यह योजना यदि परवान चढ़ी तो अस्थायी राजधानी देहरादून में  सरकार की कई योजनाओं के लिए जहां भूमि की उपलब्धता होगी वहीं भूमिधर किसानों की खाली पड़ी जमीन के दिन भी बहुरेंगे। दरअसल प्रदेश सरकार देहरादून महानगर को मास्टर प्लान में शामिल किया गया है ऐसे में अमरावती की लैंड पूलिंग पॉलिसी पर भी उत्तराखंड सरकार विचार कर रही है।

आन्ध्र प्रदेश सरकार की लैंड पूलिंग पॉलिसी से आकर्षित आज देश के दूसरे राज्य भी अब इसी पॉलिसी को अपना रहे हैं। बिहार, उत्तरप्रदेश जैसे बड़े राज्यों के बाद उत्तराखंड भी अब इस पॉलिसी को अपनाने की दिशा में काम कर रहा है। इसी कड़ी में देहरादून से अधिकारियों का करीब छह सदस्य प्रतिनिधिमंडल दल बीते कुछ ही दिन पूर्व अमरावती के दौरे से वापस लौटा है। जिसने अमरावती की सफल पूलिंग पॉलिसी की बारीकियों और भू-उपयोग के तकनीकी पहलुओं  को करीब से समझने के बाद अधिकारी उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून में इसे लागू करने की योजना बना रहे हैं।

पूलिंग लैंड पॉलिसी आखिर है क्या ?

लैंड पूलिंग पालिसी सरकार और आम लोगों , किसानों के बीच का एक ऐसा अनुबंध है जिसमें किसानों  के हितों समेत सरकार की जमीन की जरुरतों  को पूरा किया जाता है।  इस पॉलिसी के लिए सम्बंधित सरकार एक विशेष एक्ट बनाती है। इस पॉलिसी के लागू हो जाने के बाद सरकार को एक ही जगह पर ज्यादा जमीन को उपलब्ध हो सकेगी । अमरावती में किसानों से जमीन लेकर सरकार ने उसका 25 प्रतिशत हिस्सा उन्हें विकसित कर वापस दिया तो 75 प्रतिशत भूमि को सरकार ने अपने आप कई योजनाओं के लिए प्रयोग है। इससे जहां किसानों की खाली पड़ी और गैर खेती की जमीन का उपयोग हुआ वहीं किसानों को भी इसका फायदा हुआ है क्योंकि इस जमीन से लगती जमीन का राज्य सरकार द्वारा विकास किया गया वहां सरकार ने सभी तरह की वे सुविधाएँ जुटाई जो एक विकसित जमीन के लिए जरुरी होती है। 

जमीन की कमी के चलते यह पालिसी उपयोगी

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन, एमडीडीए और मास्टर प्लान अथॉरिटी से जुड़े अधिकारी अमरावती में पॉलिसी को बारीकी से समझने गए थे। जिसके बाद अधिकारी इसे देहरादून के लिहाज से भी उपयोगी मान रहे हैं । अमरावती  से लौटे प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार अमरावती में लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत 27 गांवों से 50 हज़ार हेक्टेयर भूमि सरकार ने अधिकृत की गयी है जबकि देहरादून को एक विकसित शहर में तब्दील करने के लिए भी काफी जमीन की जरुरत है । लेकिन प्रशासन के पास जरुरी योजनाओं के लिए ही वर्तमान में भूमि नहीं है।हालांकि प्रदेश के बुद्धिजीवी मानते हैं की लैंड पूलिंग पॉलिसी को पर्वतीय जिलों में भी लाया जाना चाहिए , ताकि पहाड़ों में आसानी से जमीन भी मिल सके और विकास की योजनाओं को पहाड़ों तक भी पहुँचाया जा सके

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