PITHORAGARH

आपदा के 66 मामलों से इतर किन 20 लोगों को हुआ जमीन का आवंटन

  • हाई कोर्ट ने पूछा किसने की मुनस्यारी में भूमि की बंदरबांट ?

नैनीताल: सीमांत पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में 2013 की आपदा में प्रभावित परिवारों को भूमि आवंटन के बजाय गैर आपदा प्रभावित दूसरों को भूमि की बंदरबांट करने का मामला सामने आया है। हाई कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए राज्य सरकार व पिथौरागढ़ जिला प्रशासन से 11 जून तक रिपोर्ट तलब करने को कहा है। हाई कोर्ट ने साथ ही पूछा है कि उन अधिकारियों व गलत जानकारी लेकर भूमि हथियाने वालों पर कार्रवाई की है अथवा नहीं।

पिथौरागढ़ निवासी जनार्दन पांगती ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 2013 में मुनस्यारी क्षेत्र में दैवीय आपदा से व्यापक नुकसान हुआ। जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रभावित परिवारों को भूमि का आवंटन किया गया मगर उन लोगों को भी भूमि आवंटित कर दी, जो आपदा प्रभावित नहीं थे।

याचिका में कहा गया है कि पिथौरागढ़ डीएम द्वारा एसडीएम मुनस्यारी के नेतृत्व में जांच कमेटी भी बनाई, लेकिन आज तक ना तो जांच की गई, ना ही कोई रिपोर्ट दी गई। याचिका दाखिल होने के बाद अब रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि 66 मामलों में से 20 लोगों को जमीन का गलत आवंटन किया गया है। एक व्यक्ति को गलत तरीके से दो लाख मुआवजा देने का उल्लेख भी रिपोर्ट में है।

याचिका में यह भी कहा है कि डीएम ने अब एडीएम को इस घपले के दोषियों के मामले में उचित निर्णय लेने के लिए नामित किया है मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद जिला प्रशासन पिथौरागढ़ व राज्य सरकार को 11 जून तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।जागरण संवाददाता, नैनीताल: सीमांत पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में 2013 की आपदा में प्रभावित परिवारों को भूमि आवंटन के बजाय दूसरों को भूमि की बंदरबांट करने का मामला सामने आया है। हाई कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए राज्य सरकार व पिथौरागढ़ जिला प्रशासन से 11 जून तक रिपोर्ट तलब की है। साथ ही पूछा है कि उन अधिकारियों व गलत जानकारी लेकर भूमि हथियाने वालों पर कार्रवाई की है अथवा नहीं।

याचिका में कहा गया है कि पिथौरागढ़ डीएम द्वारा एसडीएम मुनस्यारी के नेतृत्व में जांच कमेटी भी बनाई, लेकिन आज तक ना तो जांच की गई, ना ही कोई रिपोर्ट दी गई। याचिका दाखिल होने के बाद अब रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि 66 मामलों में से 20 लोगों को जमीन का गलत आवंटन किया गया है। एक व्यक्ति को गलत तरीके से दो लाख मुआवजा देने का उल्लेख भी रिपोर्ट में है।

याचिका में यह भी कहा है कि डीएम ने अब एडीएम को इस घपले के दोषियों के मामले में उचित निर्णय लेने के लिए नामित किया है मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद जिला प्रशासन पिथौरागढ़ व राज्य सरकार को 11 जून तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

Related Articles

Back to top button
Translate »