देहरादून । स्वामी रामदेव ने श्राइन बोर्ड के गठन पर अखाड़ा परिषद के विरोध का समर्थन करते हुए कहा कि वह अखाड़ा परिषद के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यदि अधिग्रहण करना है तो सभी धर्मस्थलों का करे। केवल सनातन धर्म पर कुठाराघात क्यों?
शनिवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने पतंजलि योगपीठ में योगगुरु स्वामी रामदेव से महाकुंभ को लेकर शिष्टाचार भेंटवार्ता कर इस दौरान महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर दोनों संतों ने चर्चा की। चर्चा के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि हाईवे महाकुम्भ की मुख्य लाइफलाइन है और महाकुंभ में भारत के विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशी श्रद्धालु भी हरिद्वार में पहुंचेंगे। लिहाज़ा ऐसे में हाईवे का महाकुंभ मेले से पहले निर्माण कार्य पूर्ण किया जाना जरुरी है।
उन्होंने कहा यदि सुविधाजनक हाईवे श्रद्धालुओं को मिलेगा तो निश्चित रूप से देशभर से आने वाले श्रद्धालु महाकुंभ की सुंदर छवि मन में लेकर वापस लेकर जाएंगे। इसलिए हाईवे का निर्माण महाकुंभ से पूर्व किया जाना जरूरी है। उन्होंने स्लाटर हाउस का निर्माण बंद करने की अखाड़ा परिषद की मांग का भी समर्थन किया।
वहीं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि केवल हिंदुओं के ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के तीर्थ स्थलों को देवस्थानम प्रबंधन विधेयक में शामिल करें या इस विधेयक को तत्काल निरस्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद इस विधेयक का विरोध करती रहेगी।
बाबा रामदेव ने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरी के नेतृत्व में कई कुंभ पर्व संपन्न हो चुके हैं। उनके व्यापक अनुभव का लाभ हरिद्वार महाकुंभ में मिलेगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कहा कि आपसी समन्वय से ही महाकुंभ सकुशल संपन्न होगा। कुंभ मेला अधिकारी अनुभवी हैं, जिसका लाभ अवश्य ही आश्रम अखाड़ों, मठ मंदिरों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर काफी गंभीर वार्ता हुई है। अखाड़ों में होने वाले स्थायी कार्य भी जल्द ही शुरू हो जाएंगे।