Uttarakhand

चार धाम यात्रा मार्ग वाले तीन ज‌िलों में अब नहीं म‌िलेगी शराब !

उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में शराब बिक्री पर रोक 

आखिर चार धाम यात्रा मार्ग पर सरकार क्यों बेचना चाहती है शराब ?

देहरादून : नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए सरकार ने प्रदेश के तीन जिलों में एक अप्रैल से सशर्त शराबबंदी लागू कर दी है। इस संबंध में बृहस्पतिवार को शासनादेश (जीओ) जारी कर दिया गया है। लेकिन सूबे की जनता व धार्मिक भावनाओं में आस्था रखने वाले लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर सरकार चार धाम यात्रा मार्ग पर ही शराब बेचने के लिए क्यों आतुर है। लोगों का कहना है क्या धार्मिक भावनाओं और सेहत से ज्यादा महत्वपूर्ण शराब से मिलने वाला राजस्व है क्या लेकिन इस सवाल का सरकार के पास जवाब नहीं है।

सूत्रों का कहना है कि शराब माफिया व सूबे के आबकारी विभाग की मिलीभगत से राज्य के चारधाम यात्रा मार्ग पर शराब के बेचने के मामले में उच्चतम न्यायालय में एसएलपी लगायी गयी है।चारधाम यात्रा मार्ग पर शराब की बिक्री से  राज्य की साख पर बट्टा लगेगा। क्योंकि उच्च न्यायलय का यह फैसला कांग्रेस शासनकाल का है और अब सूबे की भाजपा सरकार नहीं चाहेगी कि चार धाम यात्रा मार्ग पर शराब बिके और लोग उसकी निष्ठां पर ही सवाल खड़े करें। 

हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष पुनर्विचार याचिका (एसएलपी) दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट से अभी तक राहत नहीं मिलने की स्थिति में सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को लागू कर दिया है। सशर्त शराबबंदी को लेकर जारी जीओ में उल्लेख किया गया है कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एसएलपी के आदेशों के अधीन रहेगा।

हाईकोर्ट ने आठ दिसंबर 2016 को आदेश दिया था कि चारधाम यात्रा के मद्देनजर प्रदेश के तीन जनपदों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में अगले वित्त वर्ष से शराब की बिक्री पर रोक लगा दी थी । हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ आबकारी विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है, जो अभी विचाराधीन है। इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई हो सकती है।

इससे पहले ही सरकार ने बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट के फैसले को लागू करने को जीओ जारी कर दिया। जीओ में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने की स्थिति में तीनों जिलों में अगले आदेश तक शराबबंदी का फैसला लागू रहेगा।

​यह आदेश सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी के अधीन होगा। तीनों जिलों में सशर्त शराबबंदी करने के साथ-साथ सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों, धार्मिक स्थलों और अस्पतालों के एक किलोमीटर की परिधि में शराब की दुकान को लाइसेंस नहीं दिए जाने के फैसले का भी कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है।

आबकारी सचिव उत्तराखंड चंद्र सिंह नपच्याल  के अनुसार हाईकोर्ट के फैसले के मुताबिक तीनों जनपदों में एक अप्रैल से सशर्त शराबबंदी का फैसला लागू कर दिया गया है। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी के अधीन रहेगा। इसके अलावा हाईकोर्ट ने जो भी निर्देश दिया था उसका पालन सुनिश्चित कराने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

शराबबंदी से इतने ठेके होंगे बंद
जनपद                ठेके          राजस्व
उत्तरकाशी                18            25.16 करोड़
रुद्रप्रयाग                    09          22.41 करोड़
चमोली                       15          36.63 करोड़

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