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AIIMS : सतपाल महाराज के परिवार के पांच सदस्यों को एम्स से छुट्टी के बाद पुनः भर्ती

एम्स प्रशासन ने कहा, कैबिनेट मंत्री के परिवार के सदस्यों में कोविड-19 के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे

गाइड लाइन के अनुसार, ए -सिम्टमैटिक को अस्पताल से छुट्टी, होम क्वारान्टाइन में रहने की सलाह दी अस्पताल प्रशासन 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में भर्ती उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री के परिवार के पांच सदस्यों को पहले सोमवार शाम एक बार तो नियमो की अनदेखी कर डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन बाद में देहरादून की तरफ आते ही आधे रास्ते से वापस बुलाकर फिर AIIMS में भर्ती करवा दिया गया है।अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन की लापरवाही की हद तो देखिये इतना सारा ड्रामा हो जाने के बाद भी इस घटना की न तो प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव को ही जानकारी दी गई और न जिलाधिकारी को ही मामले की जानकारी थी ।
गौरतलब हो कि शनिवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पत्नी और पूर्व मंत्री अमृता रावत के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि होने के बाद रविवार सुबह उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया। वहीं रविवार को ही पर्यटन मंत्री, उनके परिवार और स्टाफ सहित 22 लोगों में कारोना संक्रमण की पुष्टि होने पर रविवार शाम को सतपाल महाराज और उनके दो पुत्र, दो पुत्रवधू के साथ ही एक पौत्र को एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया। इसके बाद AIIMS प्रशासन द्वारा बताया गया कि ये सभी लोग ए -सिम्टमैटिक (जिस व्यक्ति में रोग के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हों) हैं। लिहाजा केंद्र सरकार की गाइड लाइन के आधार पर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई है।                                                                 
एम्स संस्थान की ओर से सोमवार को जारी हेल्थ बुलेटिन में अस्पताल प्रशासन के संकाय अध्यक्ष प्रो. यूबी मिश्रा ने बताया कि बीते रविवार को कैबिनेट मंंत्री, उनकी पत्नी समेत सात लोगों को कोविड संक्रमित पाए जाने पर एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया था। जहां सभी सदस्यों की विस्तृत जांच की गई।
वहीं इस मामले में एम्स निदेशक के स्टाफ ऑफिसर और कोरोना मामलों के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि यहां भर्ती इन लोगों की ओर से ही होम क्वारंटाइन के लिए आग्रह किया गया था। जिसके बाद केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक इन्हें AIIMS से डिस्चार्ज दिया गया। लेकिन बाद में राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन अभी राज्य में लागू नहीं है। इसके चलते उन्हें देहरादून जाते हुए आधे रास्ते से वापस बुलाकर एम्स में पीर भर्ती कर दिया गया है।                                                                                                                                                मामले में उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी का कहना है यह मामला अभी शासन तक नहीं आया है, जिलाधिकारीकी तरफ़ से भी कोई अभी सूचना नहीं मिली है जबकि देहरादून के जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के परिवार के सदस्यों को डिस्चार्ज करने और दोबारा भर्ती करने के मामले में अनभिज्ञता जताई।  हालाँकि उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर कहीं कोई चूक हुई है, तो उस पर मंगलवार को जवाब मांगा जाएगा। 

devbhoomimedia

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