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सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई कैवियट पंचायत चुनाव में उम्र को लेकर मिली छूट पर

दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को चुनाव प्रक्रिया में भागीदार बनाने का मुद्दा 

हाई कोर्ट ने 25 जुलाई 2019 से पहले दो बच्चों से अधिक वाले ग्राम पंचायत प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के योग्य दिया था करार 

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को निर्धारित हुई है सुनवाई 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : पंचायत राज अधिनियम संशोधन विधेयक पर माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा दिए गए फैसले, जिसमें न्यायालय ने दो से अधिक बच्चों के माता-पिता को 25 जुलाई 2019 की कट ऑफ डेट निर्धारित करके चुनाव लड़ने का अधिकार दे दिया था, इस फैसले के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने कल माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की।

पूर्व ब्लॉक प्रमुख व कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि शनिवार को हमारी तरफ से एडवोकेट आयुष नेगी द्वारा कैबियट दाखिल करके निवेदन किया गया कि सरकार के पक्ष सुनकर कोई निर्णय देने या इस मामले में किसी भी किस्म का फैसला करने से पहले मा. न्यायालय हमारा पक्ष सुना जाए। मा.न्यायालय ने हमारी बात मानकर सोमवार को सुनवाई निर्धारित की है।

 राज्य की भाजपा की सरकार दो से अधिक बच्चों वालों पर लगातार गाज गिराने का और दुश्मनी निभाने का काम कर रही है। हम समझते थे कि माननीय उच्च न्यायालय का फैसला पूर्ण रूप से विवेकशील एवं अध्ययन के बाद दिया गया फैसला है। जिस पर चुनाव प्रक्रिया जारी होने के कारण राज्य सरकार को फैसले को स्वीकार करते हुए उसी के अनुरूप दो से अधिक बच्चे वाले लोगों को चुनाव प्रक्रिया में भागीदार बनाना चाहिए था। लेकिन सरकार तानाशाह बनी हुई है। इसलिए वह इस फैसले को अपना अपमान समझकर उच्चतम न्यायालय में गई है। हम भी इस जनहित की लड़ाई को अपनी क्षमता भर अंत तक लड़ेंगे।

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