Uttarakhand

सरकार के बाद अब महाधिवक्ता पद के लिए जोड़तोड़ शुरू

नैनीताल। प्रदेश में नई सरकार गठन के साथ ही महाधिवक्ता पद के लिए जोड़तोड़ शुरू हो गया है। वर्तमान महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह नेगी और सीएससी परेश त्रिपाठी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इधर इस पद के लिए आरएसएस पृष्ठभूमि को प्राथमिकता मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी के लिए महाधिवक्ता का पद अहम होता है। वहीं मुख्य स्थाई अधिवक्ता यानि सीएससी के पद की भी अहम भूमिका होती है। हालांकि हालिया दौर में अपर और उप महाधिवक्ताओं की भी अच्छी खासी तैनाती की गई है।

वहीं रावत सरकार के गत वर्ष मार्च में खटाई में पडऩे के बाद तीन महीने तक यह पद खाली भी रहा। तत्कालीन महाधिवक्ता यूके उनियाल को पद से हटाने के बाद से यह स्थिति बनी थी। इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका तक दायर हुई थी। इसके बाद हरीश रावत सरकार ने अपर महाधिवक्ता बीवीएस नेगी को यह दायित्व सौंपा था। नेगी के पिता मेहरबान सिंह नेगी भी इस पद पर रह चुके हैं।

इधर महाधिवक्ता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जे.पी. जोशी सहित पूर्व में इस पद पर रहे एसएन बाबुलकर, यूके उनियाल, केंद्र सरकार के नैनीताल हाईकोर्ट में अस्टिटेंट सोलिसीटर जनरल राकेश थपलियाल का नाम प्रमुख रूप से लिया जा रहा है। लेकिन नैनीताल उच्च न्यायालय में उनके सामने कई और वरिष्ठ अधिवक्ताओं के दौड़ में शामिल होने के कारण उनका दावा कमजोर नजर आ रहा है।  वहीँ खंडूरी सरकार के दौरान अपर महाधिवक्ता रहे बीडी उपाध्याय के नाम की भी चर्चा है। इसके अलावा कई अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता इन पदों की लाबिंग में लगे हुए हैं। उम्मीद है त्रिवेंद्र सरकार इस मामले में जल्दी फैसला लेगी।

प्रदेश में भले की पिछले 16 सालों में आठ मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन महाधिवक्ताओं की तादात अभी तक पांच ही रही है। राज्य गठन के बाद पहले महाधिवक्ता एलपी नैथानी दो बार इस पद पर रहे, जबकि एनडी तिवारी सरकार में मेहरबान सिंह नेगी ने इस पद को संभाला। वहीं पिछली भाजपा सरकार में एसएन बाबुलकर इस पद रहे। 2012 में बनी कांग्रेस सरकार में पहले यूके उनियाल और फिर विजय बहादुर सिंह नेगी की इस पद पर ताजपोशी हुई थी।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »