नतीजों के बाद पहली बार विधायक बना सीएम
सांसद ही चुने जाते रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पहली बार विधायक दल का नेता कोई विधायक चुना गया है। इससे पहले चुनावी नतीजे आने पर सांसद ही विधायक दल के नेता चुने गए और सीएम की कुर्सी संभालते रहे हैं। उत्तराखंड में इस बार नए मुख्यमंत्री के चयन के साथ एक और नई परंपरा की शुरुवात हुई और वह है प्रदेश के इतिहास में पहली बार विधायक दल से चुना गया व्यक्ति मुख्यमंत्री बना है। इससे पहले भाजपा और कांग्रेस के जितने भी मुख्यमंत्री बने वे सभी देवभूमि पर एक तरह से थोपे गए थे। चाहे वे एनडी तिवारी हों या बीसी खंडूरी या विजय बहुगुणा या फिर हरीश रावत । सभी जनभावनाओं को एक तरफ रखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए गए।
उत्तराखंड राज्य में बनने वाले मुख्यमंत्रियों में से डॉक्टर रमेश पोखरियाल निशंक ही ऐसे नेता रहे जिन्हें विधायकों के बीच में चुना गया, लेकिन उनसे पहले चुनावी नतीजे आने के बाद पहले सीएम बीसी खंडूरी बने थे। सांसद होते हुए भी उन्हें विधायक दल के नेता चुना गया था। डा.रमेश पाखरियाल निशंक के बाद फिर बीसी खंडूरी को उत्तराखंड की कमान सौंपी गई और खंडूरी है जरूरी नारे के साथ विधानसभा चुनाव में उतरी भाजपा 2012 में चुनाव हार गई थी। इस बार भाजपा ने नई पहल करते हुए चुनाव नतीजे आने के बाद विधायक दल से ही मुख्यमंत्री चुनने का निर्णय किया। पार्टी के सभी 57 विधायकों से बातचीत के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत को विधायक दल का नेता चुना गया।