गैरसैंण में लाठीचार्ज के विरोध में महिला मंच ने लगाया जाम, किया प्रदर्शन

देहरादून । गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है। गैरसैंण में आंदोलकारियों पर पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग के विरोध में शुक्रवार को लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। देहरादून में महिलाओं ने घंटाघर पर जाम लगा दिया। उत्तराखंड महिला मंच के बैनर तले महिलाओं ने मानव श्रृंखला बनाई और सड़क जाम कर दी। इस दौरान पुलिस और लोगों से महिलाओं की तीखी झपड़ हुई।
गुरुवार को गैरसैंण-रानीखेत मार्ग पर जाम लगाते आंदोलनकारियों पर पुलिस ने लाठियां चला दी थी। वहीं लात-घूंसे भी चलाए, जिससे कई आंदोलनकारी घायल हो गए। महिलाओं और बुजुर्गों के साथ भी पुलिस ने बर्बरता की। इससे लोगों में गुस्सा है। पुलिस की बदसलूकी से गुस्साई महिलाओं ने शुक्रवार को देहरादून में वाहनों की रफ्तार रोक दी। देहरादून में घंटाघर पर एकत्र हुई महिलाओं ने सरकार के विरोध में नारेबाजी की। पुलिस ने जैसे-तैसे जाम खुलावाया। उधर, घंटाघर पर जाम लगाने वाले कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की बात कही है।
एसएसपी ने मुकदमा दर्ज करने आदेश दिए हैं। प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत महिलाओं पर लाठीचार्ज किये जाने के विरोध में उत्तराखंड महिला मंच की कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए घंटाघर पर जाम लगाकर अपना विरोध दर्ज किया। कहा कि लाठीचार्ज के दोषियों पर शीघ्र ही कार्यवाही नहीं की गई तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। वहीं घंटाघर पर चारों ओर वाहन जाम में फंसे रहे, पुलिस ने जाम लगाने वालों को काफी समझाया लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी।
यहां उत्तराखंड महिला मंच की कार्यकर्ता जिला संयोजक निर्मला बिष्ट के नेतृत्व में घंटाघर पर पहंुचे और वहां पर प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत महिलाओं पर लाठीचार्ज किये जाने के विरोध में उत्तराखंड महिला मंच की कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए घंटाघर पर जाम लगाकर अपना विरोध दर्ज किया और कहा कि लाठीचार्ज के दोषियों पर शीघ्र ही कार्यवाही नहीं की गई तो आंदोलन को तेज किया जायेगा। वहीं घंटाघर पर चारों ओर वाहन जाम में फंसे रहे, पुलिस ने जाम लगाने वालों को काफी समझाया लेकिन उन्होंने उनकी एक नहीं सुनी।
इस बीच कुछ देर बाद जाम को खोल दिया गया और राहगीरों ने राहत की सांस ली। इस अवसर पर निर्मला बिष्ट ने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिस के बल पर आंदोलन को दबाने का काम कर रही है जिसे सहन नहीं किया जायेगा। उनका कहना है कि राज्य प्राप्ति आंदोलन की तर्ज पर स्थायी राजधानी गैरसैंण घोषित करने के लिए आंदोलन को चलाया जायेगा। उनका कहना है कि जिस प्रकार से पुलिस ने महिलाओं पर लाठीचार्ज किया और धक्के दिये, व लात घूंसे चलाये यह बहुत ही शर्मनाक है। उनका कहना है कि इस घटना की जितनी निंदा की जाये वह कम है।
मंच की प्रवक्ता शकुंतला गुसांई ने कहा कि सरकार को इसी बजट सत्र में गैरसैंण स्थाई राजधानी की घोषणा करनी चाहिए, अन्यथा आंदोलन को तेज किया जायेगा। उनका कहना है कि 21वीं सदी में जल, जमीन व जंगल को लगातार लूट की जा रही है और जनता को छलने का काम किया गया है। उनका कहना है कि अब तक की सरकारों ने प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने के लिए किसी भी प्रकार का कोई कदम नहीं उठाया है।
उनका कहना है कि सत्रह साल में सत्रह लाख लोग रोजगार की तलाश में पहाड़ से पलायन कर चुके है और आज तक राज्य का समुचित विकास नहीं हो पाया है, लगातार सरकारों ने जन भावनाओं की उपेक्षा की है और पूर्व में कौशिक, बड़थ्वाल समिति व दीक्षित आयोग ने भी जन भावनाओं के अनुरूप गैरसैंण को ही राजधानी के लिए उपयुक्त पाया था और उनकी रिपोर्ट में भी गैरसैंण ही रहा लेकिन रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है और केवल राजनैतिक रोटियां ही सेकने का काम किया जा रहा है। उनका कहना है कि लगातार संसाधन जुटाने की बात की जाती रही है लेकिन काम नहीं किया गया है, केन्द्र सरकार को गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाये जाने के लिए समुचित धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए, जिससे संसाधनों को जुटाया जा सके।
उनका कहना है कि भराडीसैंण गैरसैंण में विधानसभा व सचिवालय निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है और एक वर्ष में विधानसभा व सचिवालय को वहां पर शिफ्ट किया जाना चाहिए और इसी बजट सत्र में गैरसैंण को राजधानी बनाये जाने की घोषणा सरकार को करनी चाहिए। उनका कहना है कि प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाये जाने के लिए सरकार पर दवाब बनाया जायेगा। उनका कहना है कि उत्तराखंड के साथ दो और राज्य बने और उनकी राजधानी घोषित हो गई लेकिन उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जिसकी आज तक राजधानी ही घोषित नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि राज्य सरकार आंदोलनकारियों व जनता की भावनाओं को दरकिनार कर रही है जिसे सहन नहीं किया जायेगा।
प्रदर्शन करने वालों में निर्मला बिष्ट, शकुंतला गुसांई, पदमा गुप्ता, हेमलता नेगी, सुशीला राणा, शांति नेगी, मातेश्वरी रजवार, पार्वती रावत, कविता, शकुन्तला मुडैपी सहित अनेक कार्यकर्ता शामिल रहे।