हेली कंपनियों की लूट पर प्रशासन हुआ सख्त
एजेंटों के जरिये ब्लैक टिकटिंग के मामले में प्रशासन सख्त
ज्यादा किराया वसूले जाने पर लाइसेंस किया जायेगा निरस्त
हेली सेवा कंपनियां यात्रियों को जमकर लूटने में मशगूल, देरी से लिया प्रशासन ने निर्णय
रुद्रप्रयाग । केदारनाथ यात्रा के नाम पर हवाई सेवा कंपनियां जमकर लूट मचा रही हैं। हेली कंपनियां एजेंटों की मदद से यात्रियों की जेब ढीली करने में लगी हैं। निर्धारित किराये के सापेक्ष में हेली टिकट को दस हजार रूपये तक में यात्रियों को बेचा जा रहा है। ऐसे में बार-बार मिल रही शिकायत पर प्रशासन ने कड़ा शिंकजा कसना शुरू कर लिया है। जिला प्रशासन और पुलिस महकमें ने अब सभी कम्पनियों पर अपना कड़ा रवैया अख्तियार किया है। हवाई सेवा कंपनियों पर नजर रखने के लिए सभी हेलीपैडों पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी तैनात रहेंगे और वह प्रत्येक दिन का अपडेट जिला मुख्यालय को देंगे। यदि किसी भी कंपनी में एजेंटों द्वारा टिकट की ब्लैक टिकटिंग की जाती है तो उस कंपनी के खिलाफ लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
तीन मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस बार डीजीसीए ने 11 हेली कंपनियों को हेलीकॉप्टर सेवा की अनुमति दी है। बीते नौ मई से केदारघाटी के नारायणकोटी, मस्ता, मैखंडा, फाटा, चारधाम, शेरसी हेलीपैड से कंपनियों के हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं, लेकिन पहले दिन से ही इन कंपनियों की मनमानी बाबा केदार के दर्शकों को पहुंच रहे श्रद्धालुओं पर भारी पड़ रही है। यात्रियों की ओर से भी प्रशासन और पुलिस से कईं बार शिकायत की गई, मगर इसके बावजूद भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
इसके बाद नवनियुक्त जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के पद भार संभालते ही उन्होंने सबसे पहले यात्रा मार्ग का जायजा लेते हुए यात्रियों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को जाना। यात्रियों ने शिकायत की कि हवाई सेवा कंपनियां अपनी मनमानी कर रही हैं। हेली सेवा का टिकट निर्धारित किया गया है, बावजूद इसके अधिक किराया वसूला जा रहा है। यात्रियों की शिकायत पर नवनियुक्त जिलाधिकारी ने उसी समय प्रशासन और पुलिस के जवानों की तैनाती हेली कंपनियों के कार्यालयों में कर दी। उन्होंने कहा कि जिस हेली कंपनी की शिकायत यात्रियों द्वारा की जाती है तो उसका लाइसेंस निरस्त किया जायेगा।
वहीं इंडो कॉप्टर के प्रबंधक पुनीत बख्शी की माने तो उनके पास भी कईं एजेंट आ रहे हैं, जो पचास से सौ टिकट की डिमांड कर रहे हैं। मगर उन्हें एक भी टिकट नहीं दिया जा रहा है। ये एजेंट निर्धारित दरों पर टिकट लेकर महंगे दामों में बेच रहे हैं और हेली सेवा कंपनियां बदनाम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को एजेंटों के बहकावे में नहीं आना चाहिए, बल्कि सीधे कंपनी के कार्यालय में आकर टिकट लेना चाहिए।
हेली सेवा कंपनियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ा रूख अपना लिया है और गौर करने वाली बात यह भी कि आखिर प्रशासन तब ही क्यों एक्शन लेता है जब यात्रियों को परेशानियां होनी शुरू हो जाती है। हर साल यात्रा सीजन के दौरान हेली सेवा कंपनियों के खिलाफ यात्री शिकायत करते हैं, मगर प्रशासन सबकुछ जानकर भी देरी से ही एक्शन लेता है। अब देखने वाली बात यह भी होगी कि प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम यात्रियों को कितना राहत देती है।