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23 साल बाद DM पर कार्रवाई: पहली बार 2002 में तिवारी सरकार ने डीएम को किया था बर्खास्त

23 साल बाद डीएम पर कार्रवाई: पहली बार 2002 में तिवारी सरकार ने डीएम को किया था बर्खास्त

उत्तराखंड।

हरिद्वार जिले में जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह पर हुई कार्रवाई के बाद प्रदेश में 23 सालों का रिकॉर्ड टूट गया है 23 साल पहले पहली बार किसी तत्कालीन मुख्यमंत्री ने डीएम पर कार्यवाही करते हुए पहले सस्पेंड किया था और बाद में उनकी बर्खास्तगी हो गई थी। जिसको लेकर दिल्ली तक अधिकारियों में हड़कंप मच गया था।

2002 में पटवारी भर्ती में अनियमितताओं को लेकर सीएम ने डीएम को किया था बर्खास्त….

प्रदेश में पहली बार पटवारी की भर्ती होनी थी। साल 2002 के अंत में नारायण दत्त तिवारी सरकार ने इस भर्ती को करवाने का निर्णय लिया था। उस वक्त उत्तराखंड सरकार में राजस्व मंत्री की कमान हरक सिंह रावत के पास थी।

यह भर्ती पौड़ी के तत्कालीन सीडीओ कुंवर राज कुमार और तत्कालीन जिलाधिकारी एसके लाम्बा के अंडर हो रही थीं। पटवारी भर्ती में अनियमितताओं के साथ पटवारी भर्ती घोटाला हुआ था। जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने अनियमितता पाए जाने के बाद डीएम को पहले सस्पेंड किया गया और बाद में उनकी बर्खास्तगी हो गई।

हरिद्वार में बना रिकॉर्ड
प्रदेश में भले ही दूसरी बार किसी जिलाधिकारी पर कार्यवाही कर सस्पेंड किया गया हो। लेकिन हरिद्वार जिले में पहली किसी घोटाले के आरोप में जिलाधिकारी, एसडीएम को सस्पेंड किया गया हैं। वहीं धामी सरकार ने दो टूक कहा कि भ्रष्टाचारी कोई भी हो उस पर कार्यवाही की जाएगी।

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