जिम कॉर्बेट पार्क में प्रवेश को अब पाखरो कोटद्वार से मिली जाने की सुविधा

- अब कोटद्वार से भी होगी कार्बेट की जंगल सफारी
- प्रकृति एवं जीव-जंतु प्रेमियों के लिए पहुंचना हुआ और आसान
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : कार्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी का लुत्फ अब पर्यटक रामनगर के अलावा कोटद्वार से भी उठा सकेंगे। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत द्वारा इस मार्ग को कॉर्बेट से जोड़ने की लंबी जिद्दोजहद के बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने कार्बेट के लिए कोटद्वार के पाखरो गेट से जंगल सफारी का अनुमोदन कर दिया है। इस मार्ग के लिए बीते दो सालों से वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने केंद्र और राज्य के बीच कई बार पत्राचार ही नहीं बल्कि वे खुद भी केन्द्रीय मंत्रियों से संपर्क बनाये हुए रहे। हालाँकि अभी कार्बेट के बफर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पाखरो इको टूरिज्म जोन का क्षेत्रफल 1771 हेक्टेयर रखा गया है। इस मार्ग के खुलने से कार्बेट नेशनल पार्क आने वाले सैलानियों के लिए कोटद्वार का पाखरो गेट सबसे अधिक मुफीद होगा। क्योंकि कार्बेट पार्क का यह गेट दिल्ली से सबसे कम दूरी पर है और जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से भी काफी नजदीक है। माना जा रहा कि अब बड़ी संख्या में सैलानी कोटद्वार के रास्ते भी कार्बेट का रुख करेंगे।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत के अनुसार इस नए टूरिज्म जोन के अस्तित्व में आने से जहां कार्बेट पार्क के कोर क्षेत्र पर पर्यटकों का दबाव कम होगा, वहीं कोटद्वार के रास्ते कार्बेट में आवाजाही की दशकों पुरानी मांग पूरी हो गई है। उन्होंने बताया इस मार्ग के खुलने से इलाके के बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार से जुड़ने के अवसर भी प्राप्त होंगे इतना यही नहीं इससे कोटद्वार इलाके में विकास के नये रास्ते भी खुलेंगे। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.रावत के अनुसार पहली बार कोटद्वार के पाखरो गेट से कार्बेट सफारी को केंद्र ने अनुमति दी है। वाइल्ड लाइफ सफारी के लिए जिम कॉर्बेट जाने वाले सैलानियों को अब यह सुविधा कोटद्वार-पाखरो गेट से भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि कार्बेट के कोटद्वार गेट के लिए उन्होंने घोषणा की थी, जो अब पूरी हो गई है। इससे कोटद्वार क्षेत्र की तरक्की का रास्ता भी खुलेगा।
गौरतलब हो कि कार्बेट नेशनल पार्क का 70 फीसद हिस्सा पौड़ी गढ़वाल जिले के अंतर्गत है, जबकि शेष नैनीताल के रामनगर क्षेत्र में। कार्बेट पार्क में प्रवेश को पर्यटकों और पशु-पक्षी प्रेमियों का दबाव अभी रामनगर पर ही है। कार्बेट का लाभ कोटद्वार को भी मिले, इसके लिए अर्से से कोटद्वार गेट खोलने की मांग उठती रही है। क्षेत्रीय विधायक और वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने इसके लिए प्रयास शुरू किए। कुछ समय पहले सरकार ने कार्बेट के लिए कोटद्वार गेट का शुभारंभ किया, मगर इसमें एनटीसीए के मानक आड़े आ रहे थे।
इस बीच एनटीसीए के निर्देश पर तकनीकी कमेटी गठित की गई, जिसने कोटद्वार गेट खोलने के मद्देनजर पाखरो इको टूरिज्म जोन का अध्ययन किया। अब एनटीसीए ने इस इको टूरिज्म जोन को अनुमोदन दे दिया है। एनटीसीए के डीआईजी (वन) निशांत वर्मा ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है।